सरायपाली/ शिक्षक ने खेत को बना दिया कक्षा: छात्रों ने सीखी धान की निंदाई-रोपाई, जीवन से जुड़ा व्यावहारिक अनुभव
सिंघोड़ा संकुल अंतर्गत शासकीय उच्च प्राथमिक शाला रिमजी में शनिवार को ‘बैगलेस डे’ के अवसर पर छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा के तहत एक अनूठा शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस आयोजन की शुरुआत प्रातः योग सत्र से हुई, जिसके पश्चात विज्ञान शिक्षक ओमप्रकाश साव के नेतृत्व में साथी शिक्षक डोलामणि चौहान, कमल नारायण भोई एवं रामेश्वर प्रसाद पटेल के सहयोग से बच्चों को खेतों में ले जाकर धान की निंदाई एवं रोपाई की विधियों का प्रत्यक्ष अनुभव कराया गया।

छत्तीसगढ़ को “धान का कटोरा” कहा जाता है और यहां की कृषि परंपरा राज्य की संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। इसी सोच के साथ विद्यार्थियों को रिमजी ग्राम के कृषक श्री श्वेत कुमार पटेल के खेत में ले जाया गया, जहां परंपरागत और उन्नत विधियों से रोपाई का कार्य चल रहा था। खेत में पहुंचकर शिक्षकों ने छात्रों को खेती की विभिन्न प्रक्रियाएं जैसे — जुताई, बीजों का उपचार, बुआई, खाद डालना, सिंचाई, निंदाई, कटाई और मिजाई की विस्तृत जानकारी दी।

छात्रों ने खेत में जाकर देखा कि कैसे फसल की निंदाई की जाती है, कैसे रोपाई के लिए पौधों को खींचा और पुनः लगाया जाता है। उन्होंने न केवल देखा बल्कि स्वयं भी इन गतिविधियों में भाग लेकर शारीरिक रूप से अनुभव प्राप्त किया। यह शिक्षा उनके लिए किताबी ज्ञान से अलग, जीवन से जुड़ा हुआ और अत्यंत रोचक रहा।

इस मौके पर ग्रामवासियों और समिति के सदस्यों ने भी छात्रों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें खेती से जुड़ी वास्तविक चुनौतियों और समाधानों के बारे में बताया। कृषक श्री श्वेत कुमार पटेल ने अपनी उन्नत कृषि पद्धतियों को साझा करते हुए बच्चों को प्रेरित किया।
यह शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जिससे उन्हें कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र की जानकारी तो मिली ही, साथ ही स्थानीय संस्कृति और परंपरा से भी जुड़ने का अवसर मिला। रिमजी शाला के इस प्रयास की सभी ने सराहना की और उम्मीद जताई कि आगे भी इस तरह के व्यावहारिक शिक्षा कार्यक्रम जारी रहेंगे।



