महासमुंद पशु सखियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने दिया गया प्रशिक्षण
बागबाहरा में 17 जुलाई को प्रशिक्षण आयोजित

महासमुंद पशु सखी ग्रामीण पशुपालक किसान और पशुधन विभाग के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है। इनके माध्यम से विभागीय योजनाओं को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करने में मदद मिलती है। इसलिए इन्हे तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत विभागीय विषय विशेषज्ञों द्वारा विगत 10 जुलाई को विकासखण्ड बसना के 35 पशु सखी, 11 जुलाई को विकासखण्ड पिथौरा के 58 पशु सखी एवं 15 जुलाई को विकासखण्ड महासमुंद के 70 पशु सखी को जनपद पंचायत के सभागार में प्रशिक्षण दिया गया। आगामी प्रशिक्षण विकासखण्ड बागबाहरा में 17 जुलाई को जनपद पंचायत के सभागार में दिया जाएगा।

चिकित्सकों द्वारा पशु स्वास्थ्य रक्षा, पशु पोषण, पशु नस्ल सुधार एवं प्रबंधन, पशुपालन के इन चार प्रमुख स्तंभों को लक्षित कर पशु सखियों को प्रशिक्षित किया गया। पशु स्वास्थ्य सेवाएं जैसे टीकाकरण, उपचार और पशु स्वास्थ्य, नस्ल सुधार के लिए बधियाकरण, कृत्रिम गर्भाधान की नवीनतम तकनीकी विधियों के बारे में उन्हें जानकारी दी गई। पशु कल्याण के महत्व, पशुओं के प्रति सहानुभूति, पशु स्वास्थ्य संबंधी डेटा संकलन में पशु सखियों की अहम भूमिका से उन्हें अवगत कराया गया। उन्हे विभाग और पशुपालकों के बीच समन्वय स्थापित करने बारीकियों को सविस्तार बताया गया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष पिथौरा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी पिथौरा उपस्थित रहे। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अंजना नायडू के मार्गदर्शन में जिला एवं विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों ने विकासखण्डवार जनपद पंचायत के सभागार में पशु सखियों को प्रशिक्षण दिया।




