टोल की कीमतों में 50% तक की कटौती का ऐलान, सरकार ने जारी की अधिसूचना, चेक करें डिटेल्स

टोल की कीमतों में 50% तक की कटौती का ऐलान, सरकार ने जारी की अधिसूचना, चेक करें डिटेल्स

केंद्र सरकार ने उन नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में 50% तक की कटौती की है, जहां 50% से ज्यादा हिस्सा ब्रिज, टनल या फ्लाईओवर से बना है. इससे रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों और कमर्शियल वाहनों को बड़ी राहत मिलेगी.

नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है. दरअसल केंद्र सरकार ने उन हाईवे हिस्सों पर टोल टैक्स में 50% तक की कटौती की है जहां रास्ते का बड़ा हिस्सा पुल (ब्रिज), सुरंग (टनल), फ्लाईओवर या एलिवेटेड स्ट्रक्चर से बना है. यह नया नियम लागू हो चुका है और इसका असर जल्द ही दिखने लगेगा.

अब अगर आप ऐसे हाईवे पर सफर कर रहे हैं जहां 50% से ज्यादा हिस्सा किसी विशेष संरचना से बना है, तो आपको पहले के मुकाबले आधा टोल देना होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा आम यात्रियों और कमर्शियल वाहनों को मिलेगा जो इन रास्तों पर रोजाना सफर करते हैं.

क्या बदला है नियम में?
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के एक सीनियर अफसर के मानें तो पुराने नियमों के कारण हर किलोमीटर में किसी स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सामान्य टोल फीस का 10 गुना चार्ज देना पड़ता था. यह तरीका उस इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत पूरा करने के लिए बनाया गया था. लेकिन अब सरकार जो नया नियम लेकर आई है उसमें यह टोल टैक्स करीब 50% तक घट जाएगा.

टोल टैक्स कम करने का फॉर्मूला क्या है?
नए नियम में दो फॉर्मूले अपनाये गए हैं. इसमें पहला है पुल, सुरंग या फ्लाईओवर जैसी संरचना की वास्तविक लंबाई को 10 गुना करके सामान्य सड़क की लंबाई में जोड़ना और दूसरा फॉर्मूला है उस पूरे हिस्से की लंबाई को 5 गुना करके टोल तय करना. इनमें से जो फॉर्मूला कम टोल निकालेगा, उसे ही लागू किया जाएगा.

किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
इस बदलाव से उन लोगों को फायदा मिलेगा जो ऐसे रूट पर सफर करते हैं जहां एलिवेटेड हिस्से या फ्लाईओवर की संख्या ज्यादा है. उदाहरण के तौर पर द्वारका एक्सप्रेसवे की बात करें तो वहां पहले ₹317 तक टोल लगता था, जो अब घटकर लगभग ₹153 हो सकता है.

सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
इस फैसले के पीछे सरकार का मकसद हाईवे पर यात्रा करने वालों को राहत देना है. विशेष निर्माण वाले हिस्सों पर अब तक भारी टोल वसूला जाता था, जो यात्रियों की जेब पर सीधा असर डालता था। सरकार चाहती है कि शहरों के आसपास बने हाई-स्पीड कॉरिडोर और बाइपास पर सफर सस्ता और सुविधाजनक हो.

क्या यह हर हाईवे पर लागू होगा?
नहीं, यह नया नियम केवल उन्हीं हाईवे पर लागू होगा जहां ढांचागत निर्माण (जैसे ब्रिज, टनल आदि) 50% से ज्यादा हो। सामान्य राजमार्गों पर टोल टैक्स की दरें पहले की तरह ही रहेंगी.

कब से दिखेगा असर?
नया नियम लागू किया जा चुका है और इसका असर जल्द ही दिखाई देगा. जिन हाईवे पर ज्यादा टोल वसूला जा रहा था, वहां टोल स्लैब में कटौती शुरू हो चुकी है. सरकार के इस फैसले से देशभर में लाखों यात्रियों को सीधी राहत मिलेगी. खासकर मेट्रो शहरों के आस-पास बनाए गए एलिवेटेड कॉरिडोर और हाईटेक एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों की जेब अब कुछ हल्की होगी. आने वाले दिनों में और भी हाईवे इस दायरे में आ सकते हैं…..इस आर्टिकल का सार दो लाइन में बतायें

बसना/ बेटी दामाद कर रहे थे बस का इंतजार रायपुर की तरफ से आ रहा होण्डई कार ने मारी ठोकर रायपुर रिफर

बसना/ बेटी दामाद कर रहे थे बस का इंतजार रायपुर की तरफ से आ रहा होण्डई कार ने मारी ठोकर रायपुर रिफर

थाना बसना ग्राम रेमडा का निवासी हूं खेती किसानी का काम करता हूं कि दिनांक 30/06/2025 को मेरी बेटी एवं दामाद मेरे घर आये थे जिन्हे बस से रायपुर जाना था जो दोपहर करीबन 02/00 बजे मेरे दामाद शीशराम यादव मेरे मोटर सायकल होण्डा ड्रीम नियो क्र CG06GM1228 से उनके सामान को NH53 रोड के पास जहां से बस चढना था छोडने गया था वापस आने के लिए अपने मोटर सायकल को मोड रहा था तभी उसी समय रायपुर की ओर से आ रही होण्डई वेन्यु कार क्रमांक CG06GT7825 का चालक अपने वाहन को उपेक्षापूर्ण एवं लापरवाही पूर्वक चलाते हुये ठोकर मारकर एक्सीडेंट कर दिया जिससे मेरा दामाद मोटर सायकल सहित गिर गया।

जिससे उसके सिर, चेहरा, कंधा एवं पैर के पास चोंट आया एवं मोटर सायकल क्षतिग्रस्त हो गया मेरे दामाद को ईलाज कराने हेतु प्राईवेट वाहन से सरकारी अस्पताल बसना लाये डांक्टर द्वारा प्रारंभिक ईलाज करने बाद रिफर करने से ईलाज हेतु शंकरा अस्पताल रायुपर ले गये बाद ईलाज के आज दिनांक को थाना आकर रिपोर्ट करता हूं कार्यवाही चाहता हूं रिपोर्ट धारा थाना ने 184-MOT, 125(a)-BNS, 281-BNS के तहत् मामला दर्ज किया गया है

छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश के बाद खतरों को देखते हुए बिजली विभाग ने जारी की एडवाइजरी,

 

सीएसपीडीसीएल के कार्यपालक निदेशक जेएस नेताम ने मार्गदर्शिका जारी करते हुए कहा है कि असावधानी की वजह से करंट बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, इसलिए विद्युत लाइनों, ट्रांसफार्मर व उपकरणों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें और सुरक्षित दूरी बनाकर रखें। यदि आंधी-तूफान में खंबे, तार आदि टूटे हों, तो इसकी सूचना तत्काल कंपनी के टोल फ्री नं. 1912 पर, मोर बिजली ऐप और समीप के वितरण केंद्र या जोन कार्यालय में दें।

बरसात के मौसम की शुरुआत से पहले से विभाग द्वारा सभी फीडरों, ट्रांसफॉर्मरों और तारों की जांच की जा चुकी है। लेकिन, नागरिकों की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है। बाड़ी-खेतों की बाढ़ कंटीले तार आदि में विद्युत प्रवाहित न करें। यह अनाधिकृत है, विभाग द्वारा खेत या बाड़ी के मालिक पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

आम लोग बरतें यह सावधानी
करंट लगने की आशंका होने पर तुरंत बिजली विभाग को सूचित करें

जहां बिजली के तार या उपकरण हो वहां बारिश के पानी में करंट फैल सकता है, इसलिए पानी में न चलें या न तैरें।

बिजली के उपकरणों का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि आपके पैर सूखे हों और आप रबर या प्लास्टिक के जूते पहने हों।

घरों-खेतों आदि में बिजली के गुणवत्तापूर्ण उपकरणों का उपयोग करें।

विद्युत लाइनों, उपकरणों, ट्रांसफॉर्मर आदि में खराबी आने पर उनको सुधारने का प्रयास न करें और विभाग के संबंधित कर्मचारी-अधिकारी को सूचित करें।

बिजली की लाइनों के नीचे और उनके समीप बिलकुल स्थायी या अस्थायी निर्माण ना करें। विद्युत लाइनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।

बिजली का तार टूटकर जमीन पर गिरा पाया जाता है, तो उससे दूर रहे और तत्काल संबंधित लाइनमैन-कनिष्ठ अभियंता को सूचना देकर विद्युत प्रवाह बंद कराएं।

नदी, नालों, तालाबों आदि में बिजली का तार टूटकर गिरा पाए जाने पर उनके अंदर न जाए और पर्याप्त दूरी बनाए रखें।

विद्युत लाइनों से सीधे हुकिंग कर बिजली का अनाधिकृत उपयोग न करें, यह खतरनाक हो सकता है।

कपड़े सुखाने के लिए बिजली के खंभे और स्टे तार आदि का उपयोग ना करें। कपड़े सुखाने वाले तार की विद्युत उपकरणों-लाइनों से पर्याप्त दूरी रखें।

विद्युत लाइनों से छेड़छाड़ न करें व कटी-फटी सर्विस लाइनों का उपयोग न करें।

बच्चों को विद्युत उपकरणों-लाइनों के आसपास न खेलने दें।

प्रारंभिक तौर पर खतरा दिखाई पड़े, तो पॉवर स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद कर दें। यदि स्विच बंद न कर सकें तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से तारों से अलग करें।

दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटाए और कृत्रिम सांस देकर उसका प्रथम उपचार करें व अस्पताल पहुंचाने की शीघ्र व्यवस्था करें।

 

छत्तीसगढ़ में मानसून ने पूरी तरह दस्तक दे दी है और प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ा है। खासकर उत्तर छत्तीसगढ़ और सरगुजा संभाग में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है।

बस्तर और बिलासपुर संभाग के कई जिलों में भी दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रभाव से बुधवार को अच्छी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, विशेषकर उत्तर छत्तीसगढ़ में। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।

CG Weather Alert: लोगों को सतर्क रहने की अपील
मौसम के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को अंबिकापुर में अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस और पेंड्रारोड में न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश मनकिया में 11 मिमी हुई है।

इसके अलावा तमनार में 9 मिमी, मानपुर में 8 मिमी, अकलतरा, कटघोरा और पखांजूर में 7-7 मिमी, जबकि राजनांदगांव, पत्थलगांव, लोरमी, बालोदाबाजार, कांकेर, गुंडरदेही, डौंडीलोहारा में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सावधानी बरतें, खासकर नदी-नालों और जलजमाव वाले इलाकों में।

रायपुर : जिला अस्पताल का एनआरसी बना कुपोषित बच्चों के लिए जीवनदाता

रायपुर : जिला अस्पताल का एनआरसी बना कुपोषित बच्चों के लिए जीवनदाता

 1953 बच्चों को मिला सुपोषण, स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ाया कदम

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) एक सशक्त सामाजिक पहल बनकर उभरा है। बेमेतरा जिले में एनआरसी के द्वारा अब तक 1953 कुपोषित बच्चों को स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर किया है। जिला अस्पताल बेमेतरा के एमसीएच बिल्डिंग में  1 माह से 5 वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को विशेष देखभाल और पोषक आहार के साथ निरूशुल्क उपचार प्रदान किया जाता है।

एनआरसी में बच्चों को 15 दिनों तक विशेष पोषण आहार जैसे थेराप्यूटिक फूड (एफ 75, एफ 100), फार्मूला मिल्क के साथ-साथ दलिया, खिचड़ी, हलवा, इडली आदि भी दिया जाता है। माताओं को दो समय का भोजन और 15 दिन बाद 2,250 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। यहां  बच्चों के भर्ती की प्रक्रिया सरल है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम और चिरायु टीम की सिफारिश या पालकों की पहल पर सीधे बच्चों को भर्ती किया जाता है।

इस उपलब्धि के पीछे  स्वास्थ्य विभाग की समर्पित टीम और जिला प्रशासन की सजगता का योगदान है। एनआरसी न केवल बच्चों के शरीर को पोषण देता है, बल्कि उनके परिवारों को भी पोषण और स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूक करता है। यह पहल बेमेतरा को कुपोषण मुक्त जिला बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रही है।

रायपुर : मिनी प्लग टाइप सीडलिंग यूनिट: किसानों के लिए गुणवत्तायुक्त पौधों का नया समाधान

रायपुर : मिनी प्लग टाइप सीडलिंग यूनिट: किसानों के लिए गुणवत्तायुक्त पौधों का नया समाधान

सालाना 20 लाख पौधों का उत्पादन, समय और लागत दोनों में लाभ

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार कृषि क्षेत्र में ऐसे तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनका सीधा लाभ किसानों को मिले और उनकी आय में वृद्धि हो। यह पहल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समृद्ध किसान – सशक्त छत्तीसगढ़ के विजन को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है।

सूरजपुर जिले में स्थापित मिनी प्लग टाइप सीडलिंग यूनिटें किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण नवाचार साबित हो रही हैं। ये यूनिटें, जिनमें से एक शासकीय उद्यान दतिमा में और दूसरी शासकीय उद्यान खोरमा में स्थित है, किसानों को गुणवत्तायुक्त और स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराकर पारंपरिक बुवाई की चुनौतियों से मुक्ति दिला रही हैं। दोनों यूनिटों की संयुक्त वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 लाख पौधों की है, जहाँ करेला, टमाटर, बैंगन, गेंदा, मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, खीरा और तरबूज जैसी विभिन्न प्रकार की सब्जियां, मसाले और फूलों के पौधे तैयार किए जाते हैं।

इन यूनिटों में तैयार किए गए पौधे कीट-व्याधि से मुक्त, स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिलती है। यदि किसान अपने बीज उपलब्ध कराते हैं, तो उन्हें मात्र 1.00 रुपये प्रति पौधा की दर से पौधे मिलते हैं, जबकि विभागीय बीज से तैयार पौधे 1.50 रुपये प्रति पौधा की दर से उपलब्ध कराए जाते हैं। किसानों की मांग पर, ये यूनिटें टमाटर और बैंगन के ग्राफ्टेड पौधे भी तैयार करती हैं, जो अधिक उपज देने में सहायक होते हैं। बीज से पौधे तैयार होने में सामान्यतः 25 से 30 दिन का समय लगता है, जिससे किसानों को समय पर रोपण के लिए उन्नत किस्म के पौधे मिल जाते हैं। यह सुविधा किसानों को पारंपरिक बीज बुवाई की समय लेने वाली और श्रमसाध्य प्रक्रिया से बचाती है, साथ ही उन्हें आधुनिक, तेज और विश्वसनीय विकल्प प्रदान करती है। जो सीधे तौर पर विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार के किसान-हितैषी नीतियों का परिणाम है।

 

रायपुर : विधानसभा की कार्यवाही से आमजनों को अवगत कराने में संसदीय पत्रकार निभाते हैं बड़ी भूमिका : मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर : विधानसभा की कार्यवाही से आमजनों को अवगत कराने में संसदीय पत्रकार निभाते हैं बड़ी भूमिका : मुख्यमंत्री श्री साय

छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में संसदीय पत्रकारों का योगदान अतुलनीय : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

मुख्यमंत्री श्री साय संसदीय पत्रकारिता विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर के प्रेक्षागृह में संसदीय रिपोर्टिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य और विधानसभा के रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा ने भी 25 वर्षों की गौरवमयी यात्रा पूरी की है और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि हाल ही में विधायकों के लिए भी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था, जिसका लाभ हमारे सदस्यों को मिला है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में अनेक नवनिर्वाचित विधायक भी हैं, जिनकी यह जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाएं। इसी तरह पत्रकारों की भी अहम भूमिका है, जो विधानसभा की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी पत्रकार बंधु बड़ी मेहनत से विधानसभा की कार्यवाही को कवर करते हैं, जिससे आमजन यह जान पाते हैं कि विधायकों द्वारा उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को भी सराहा और कहा कि इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ता है तथा संसदीय रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी और इसके माध्यम से विधानसभा की गतिविधियां और अधिक प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेंगी।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में संसदीय पत्रकारिता की महत्ता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा में पत्रकारों का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने कहा कि संसदीय पत्रकारिता अत्यंत संवेदनशील दायित्व है, जो सदन की गोपनीयता, अनुशासन और गरिमा को बनाए रखते हुए जनता तक सटीक एवं निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने का कार्य करती है। डॉ. सिंह ने कहा कि पत्रकार जब पक्ष–विपक्ष से परे रहकर निष्पक्ष रूप से विधानसभा की कार्यवाही का अवलोकन करते हैं और उसे प्रस्तुत करते हैं, तब लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली की गहरी समझ से ही पत्रकार बेहतर ढंग से जनता को विधानसभा की गतिविधियों से अवगत करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय पत्रकारिता में विशेष रूप से विधानसभा की प्रक्रिया से जुड़े समाचारों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना आवश्यक है, ताकि आमजन तक वे प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ एवं दिवंगत पत्रकारों का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि प्रदेश की पत्रकारिता परंपरा ने सदैव विधानसभा की गरिमा बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कार्यशाला में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पत्रकारों की भूमिका को नारद मुनि की परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि पत्रकार समयबद्धता और सजगता के साथ लोकतंत्र के संवाहक होते हैं। डॉ. महंत ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से सभी को कुछ नया सीखने का अवसर मिलेगा और संसदीय पत्रकारिता को समझने का दायरा और व्यापक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन उपयोगी सिद्ध होगा और पत्रकारों के कार्य को नई दिशा देगा। उन्होंने अपनी लंबी संसदीय यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि इस दौरान पत्रकारों के साथ बिताए गए समय और अनुभव अत्यंत मूल्यवान रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों की सजगता, सटीकता और संवेदनशीलता की सराहना की, जो वर्षों से संसदीय गतिविधियों को जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, विधानसभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा, आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक श्री संजय द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे।

 

रायपुर : छत्तीसगढ़ में वैकल्पिक उर्वरकों की कोई कमी नही   

रायपुर : छत्तीसगढ़ में वैकल्पिक उर्वरकों की कोई कमी नही

सहकारी समितियों में एक लाख बॉटल नैनो डीएपी का किया जा रहा भंडारण

डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पहल

राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भण्डरण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एन.पी.के., सुपर फास्फेट और नेनो डी.ए.पी. जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।

छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है।

राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी।

छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।

 

सरायपाली/ स्टॉप डैम में बहा युवक 48 घंटे बाद मिला शव / माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय ग्रामीण कर रहे है कार्यवाही की मांग?

सरायपाली/ स्टॉप डैम में बहा युवक 48 घंटे बाद मिला शव / माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय ग्रामीण कर रहे है कार्यवाही की मांग?स्टॉप डैम में बहा युवक 48 घंटे बाद मिला शव / लेकिन ग्रामीण किसको बता रहे है जिम्मेदार

स्टॉप डैम में बहा युवक 48 घंटे बाद मिला मिट्टी धंसने से लापता था, 3 किलोमीटर दूर मिला शव महासमुंद जिले के ग्राम रक्सा में स्टॉप डैम किनारे मिट्टी धंसने से एक युवक बह गया था, 40 घंटे बाद शोभाराम पांडेय का शव मिला है। मामला सिंघोड़ा थाना क्षेत्र का है। 3 जुलाई को घटना के बाद पुलिस ने SDRF की मदद से तलाश अभियान शुरू किया।

जब यह प्रयास सफल नहीं हुआ, तो अगले दिन भिलाई से NDRF की 33 सदस्यीय टीम को बुलाया गया। NDRF ने स्टॉप डैम का पानी डायवर्ट करने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं मिला। 5 जुलाई की सुबह शोभाराम का शव घटनास्थल से 3 किलोमीटर दूर पानी में तैरता हुआ मिला।

स्टॉप डैम के किनारे सावधानी बरतने की सलाहNDRF की टीम ने ट्यूब की मदद से शव को किनारे तक लाया। पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया है।

48 घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार जुटी रहीं। यह घटना स्थानीय लोगों के लिए चेतावनी है कि स्टॉप डैम के किनारे सावधानी बरतनी चाहिए।

ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रेत खनन के कारण नदी का कटाव बढ़ रहा है। मोहान घाट पर रेत माफियाओं का सिंडिकेट सक्रिय है। माफिया यहां कई महीनों से ट्रैक्टर मालिकों और मजदूरों के साथ मिलकर यह अवैध कारोबार चला रहे हैं, प्रशासन इस पर सख्ती से कार्रवाई करें।

कड़ी कार्रवाई की जाएगी: खनिज निरीक्षक

इस मामले पर खनिज निरीक्षक भूपेंद्र कुमार भक्त ने कहा कि 10 जून के बाद नदी से रेत खनन और परिवहन पूरी तरह प्रतिबंधित है। यदि कोई अवैध रूप से रेत निकाल रहा है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बलौदाबाजार/ शिवनाथ नदी में लगा दिया था छलांग रात्रि गस्त में तैनात थाना सिमगा पुलिस स्टाफ के सजग एवं सार्थक प्रयासों से एक व्यक्ति की बचाई गई जान!

बलौदाबाजार/ शिवनाथ नदी में लगा दिया था छलांग रात्रि गस्त में तैनात थाना सिमगा पुलिस स्टाफ के सजग एवं सार्थक प्रयासों से एक व्यक्ति की बचाई गई जान!

 

मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति ने आत्महत्या करने के लिए शिवनाथ नदी में लगा दिया था छलांग थाना सिमगा पुलिस द्वारा आत्महत्या करने के लिए नदी में कूदने वाले एक व्यक्ति की बचाई गई जान
● रात्रि गस्त में तैनात थाना सिमगा पुलिस स्टाफ के सजग एवं सार्थक प्रयासों से एक व्यक्ति की बचाई गई जान
● ग्राम रानीजरौद निवासी एक व्यक्ति द्वारा मानसिक रूप से परेशान होकर आत्महत्या करने के लिए शिवनाथ नदी में लगा दिया था छलांग
● पुलिस स्टाफ द्वारा सिमगा नगरवासियों के अमूल्य सहयोग से व्यक्ति को डूबने से बचाया गया

थाना सिमगा पुलिस द्वारा क्षेत्र अंतर्गत शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के सांथ ही असमाजिक तत्वों पर भी कार्रवाई लगातार जारी है। इसके साथ ही रात्रि गस्त के दौरान भी अत्यंत सजग रहकर रात्रि गस्त पेट्रोलिंग ड्यूटी भी लगातार संपादित किया जा रहा है। इसी क्रम में कल दिनांक 03.07.2025 की रात्रि, गस्त में तैनात थाना सिमगा पुलिस स्टाफ को सूचना मिली कि एक व्यक्ति बेमेतरा पुल शिवनाथ नदी से आत्महत्या करने के लिए नदी में छलांग लगाने वाला है। कि सूचना पर रात्रि गस्त में तैनात सहायक उप निरीक्षक विष्णु टंडन, प्रधान आरक्षक प्रदीप शुक्ला, आरक्षक चंद्रिका वर्मा, देवप्रसाद पैकरा, संजय कुमार ध्रुव एवं किशोर मरकाम की टीम तत्काल बेमेतरा रोड शिवनाथ नदी पुल पहुंची। इस दौरान उक्त व्यक्ति आत्महत्या करने के लिए नदी में छलांग लगा चुका था।

तत्पश्चात पुलिस स्टाफ द्वारा एक क्षण भी गंवाए बिना, आसपास उपस्थित सिमगा नगर वासियों के सहयोग से आत्महत्या करने हेतु नदी में कूद गए उक्त व्यक्ति को बाहर निकाला गया। इस दौरान उक्त व्यक्ति बदहवास सा हो गया था तथा बार-बार आत्महत्या करने के लिए जोर आजमाइश कर रहा था। उक्त व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत परेशान सा लग रहा था। इसी बीच मौके पर श्रीमती निधि नाग एसडीओपी बलौदाबाजार भी पहुंची। मौके पर ही श्रीमती निधि नाग एवं रात्रि गस्त में तैनात पुलिस स्टाफ द्वारा सर्वप्रथम उक्त व्यक्ति को समझा बूझकर शांत कराया* गया तथा उसे आवश्यक समझाइश दिया गया। पुलिस स्टाफ के बार-बार समझाने के उपरांत उक्त व्यक्ति शांत हुआ एवं अपने घर वापस जाने के लिए भी तैयार हुआ।

इसके पश्चात पुलिस स्टाफ द्वारा उक्त व्यक्ति को उसके निवास स्थान ग्राम रानीजरौद जाकर सकुशल उसके घर छोड़ गया। संपूर्ण घटना क्रम में उक्त व्यक्ति की जान बचाने में सिमगा नगरवासियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसमें सोनू निषाद जस्सू साहू, रामकृष्ण साहू, सुशील यादव सभी निवासी सिमगा नगर द्वारा उक्त व्यक्ति की जीवन रक्षा में भी पुलिस स्टाफ के साथ अपना अमूल्य योगदान दिया।

युवक ने फेसबुक पर कमेंट कर पूछा खराब सड़क की शिकायत किस से करें, मंत्री ने दे दिया भूपेश बघेल का नंबर, कहा -‘/ पूर्व CM भूपेश बघेल ने किया पलटवार

छत्तीसगढ़ | युवक ने फेसबुक पर कमेंट कर पूछा खराब सड़क की शिकायत किस से करें, मंत्री ने दे दिया भूपेश बघेल का नंबर, कहा -‘ये इन्हीं की देन है’
युवक ने फेसबुक पर कमेंट कर पूछा खराब सड़क की शिकायत किस से करें, मंत्री ने दे दिया भूपेश बघेल का नंबर, कहा -‘ये इन्हीं की देन है’

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा की एक पोस्ट पर यूजर ने कमेंट कर पूछा कि खराब सड़क की शिकायत किस से करें, जिस पर उन्होंने पूर्व CM भूपेश बघेल का नंबर देते हुए लिखा दिया कि उनकी देन है. अब इसे लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है.

CG Politics: छत्तीसगढ़ में एक फोन नंबर को लेकर सियासत तेज हो गई है. प्रदेश के डिप्टी CM एवं गृह मंत्री विजय शर्मा और पूर्व CM भूपेश बघेल आमने-सामने आ गए हैं. नंबर को लेकर यह सियासत एक सोशल मीडिया पोस्टर पर के कमेंट से शुरू हुई. यूजर के सवाल पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने रिप्लाई करते हुए भूपेश बघेल पर तंज कसा तो पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने तीखा हमला बोल दिया. जानें क्या है पूरा मामला-

नंबर पर सियासत
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट की. इस पोस्ट में उन्होंने टोल फ्री नंबर लिखते हुए जनता से अपील की कि अगर उनके आसपास किसी भी घुसपैठिए की जानकारी हो तो वह टोल फ्री नंबर पर जानकारी दें. उन्होंने लिखा- ‘1800 233 1905 घुसपैठियों की – सिर्फ चर्चा न हो… यदि जानकारी है तो इस नंबर पर उपलब्ध अवश्य करवाएं.’

 

छत्तीसगढ़ | युवक ने फेसबुक पर कमेंट कर पूछा खराब सड़क की शिकायत किस से करें, मंत्री ने दे दिया भूपेश बघेल का नंबर, कहा -‘ये इन्हीं की देन है’
युवक ने फेसबुक पर कमेंट कर पूछा खराब सड़क की शिकायत किस से करें, मंत्री ने दे दिया भूपेश बघेल का नंबर, कहा -‘ये इन्हीं की देन है’
CG Politics: छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा की एक पोस्ट पर यूजर ने कमेंट कर पूछा कि खराब सड़क की शिकायत किस से करें, जिस पर उन्होंने पूर्व CM भूपेश बघेल का नंबर देते हुए लिखा दिया कि उनकी देन है. अब इसे लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है.

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गृह मंत्री और पूर्व CM आमने-सामने

छत्तीसगढ़ में एक फोन नंबर को लेकर सियासत तेज हो गई है. प्रदेश के डिप्टी CM एवं गृह मंत्री विजय शर्मा और पूर्व CM भूपेश बघेल आमने-सामने आ गए हैं. नंबर को लेकर यह सियासत एक सोशल मीडिया पोस्टर पर के कमेंट से शुरू हुई. यूजर के सवाल पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने रिप्लाई करते हुए भूपेश बघेल पर तंज कसा तो पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने तीखा हमला बोल दिया. जानें क्या है पूरा मामला-

नंबर पर सियासत
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट की. इस पोस्ट में उन्होंने टोल फ्री नंबर लिखते हुए जनता से अपील की कि अगर उनके आसपास किसी भी घुसपैठिए की जानकारी हो तो वह टोल फ्री नंबर पर जानकारी दें. उन्होंने लिखा- ‘1800 233 1905 घुसपैठियों की – सिर्फ चर्चा न हो… यदि जानकारी है तो इस नंबर पर उपलब्ध अवश्य करवाएं.’

यूजर ने किया कमेंट
डिप्टी CM विजय शर्मा की इस पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा- ‘यदि रोड खराब हो, सड़क-रोड न होकर दलदल बन जाए तो कहां सूचना देना है मंत्री महोदय जी?’

इस पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए विजय शर्मा ने लिखा- ‘94252 36333 इस नंबर पर क्यूंकि ये इन्ही की दें है.’ इसके जरिए डिप्टी CM विजय शर्मा ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसा.

भूपेश बघेल का पलटवार
डिप्टी CM विजय शर्मा की इस पोस्ट पर अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है. उन्होंने पलटवार करते हुए लिखा- ‘कुर्सी है तुम्हारा ये जनाजा तो नहीं है, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते… कमाल है विजय शर्मा जी ! आपके अधिकारी घुसपैठिए नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं तो आपको जनता के पास जाना पड़ रहा है. सड़कों की दुर्गति ठीक करने के लिए आप मेरा नंबर लोगों को बांट रहे हैं. अपने बूते का नहीं लग रहा है तो छोड़िए उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पद. बल्कि पूरी भाजपा सरकार को इस्तीफा देना चाहिए. जनता को ही संभालना है और हमें ही देखना है तो हम जनता के साथ देख लेंगे. आप दफा हो जाइए.’

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृह मंत्री विजय शर्मा के इस सोशल वॉर को लेकर प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है.