रायपुर : बस्तर की लोक संस्कृति को मिल रही है नई पहचान: वन मंत्री श्री केदार कश्यप

वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य की चहुमुखी विकास हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य के आदिवासी संस्कृकति लोक कलाओं एवं लोक परंपराओं सहित बस्तर की संस्कृति को संरक्षण और संवर्धन करने की दिशा में बेहतर काम कर रही है इससे बस्तर की लोक संस्कृति को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिली है। मंत्री श्री कश्यप ने जिला कोण्डागांव में आयाजित ‘बस्तर पंडुम’ प्रतियोगिता के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। इस आयोजन में जिले के पांचों विकासखंडों से आए लोक कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से जनजातीय संस्कृति को जीवंत बना दिया। वहीं जनजातीय व्यंजन, आभुषण, वेशभूषा और शिल्पकला का भव्य प्रदर्शनी लोगों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर की जीवनशैली में जनजातीय गीत-संगीत, नृत्य और खानपान अनूठी पहचान है।  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस विलुप्त होती लोकसंस्कृति को ‘बस्तर पंडुम’ के माध्यम से संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्ति की ओर बढ़ रहा है, जिससे विकास के नए द्वार खुलेंगे और बस्तर की समृद्ध संस्कृति को देश-दुनिया में पहचान मिलेगी।

उन्होंने कहा कि बस्तर के कोदो, कुटकी और रागी जैसे पोषक अनाजों को अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘बस्तर पंडुम’ नई पीढ़ी को अपनी समृद्ध संस्कृति को समझने और अपनाने का अवसर देगा।

कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने जानकारी दी कि जिला स्तरीय आयोजन में विकासखंड स्तर पर चुने गए आठ विधाओं के विजेता प्रतिभागी शामिल हुए हैं। यहां से चयनित प्रतिभागी संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल से बस्तर की संस्कृति को नई पहचान मिल रही है।वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य की चहुमुखी विकास हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य के आदिवासी संस्कृकति लोक कलाओं एवं लोक परंपराओं सहित बस्तर की संस्कृति को संरक्षण और संवर्धन करने की दिशा में बेहतर काम कर रही है इससे बस्तर की लोक संस्कृति को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिली है। मंत्री श्री कश्यप ने जिला कोण्डागांव में आयाजित ‘बस्तर पंडुम’ प्रतियोगिता के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। इस आयोजन में जिले के पांचों विकासखंडों से आए लोक कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से जनजातीय संस्कृति को जीवंत बना दिया। वहीं जनजातीय व्यंजन, आभुषण, वेशभूषा और शिल्पकला का भव्य प्रदर्शनी लोगों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

 वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर की जीवनशैली में जनजातीय गीत-संगीत, नृत्य और खानपान अनूठी पहचान है।  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस विलुप्त होती लोकसंस्कृति को ‘बस्तर पंडुम’ के माध्यम से संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्ति की ओर बढ़ रहा है, जिससे विकास के नए द्वार खुलेंगे और बस्तर की समृद्ध संस्कृति को देश-दुनिया में पहचान मिलेगी।

 उन्होंने कहा कि बस्तर के कोदो, कुटकी और रागी जैसे पोषक अनाजों को अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘बस्तर पंडुम’ नई पीढ़ी को अपनी समृद्ध संस्कृति को समझने और अपनाने का अवसर देगा।

 कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने जानकारी दी कि जिला स्तरीय आयोजन में विकासखंड स्तर पर चुने गए आठ विधाओं के विजेता प्रतिभागी शामिल हुए हैं। यहां से चयनित प्रतिभागी संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल से बस्तर की संस्कृति को नई पहचान मिल रही है।

रायपुर : सी.आई.डी.सी. में संविलियित – विघटित परिवहन निगम के कर्मचारियों को मिलेगा भत्ता और गृह भाड़ा

कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां नवा रायपुर, अटल नगर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में छत्तीसगढ़ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन (सी.आई.डी.सी.) की 45वीं बैठक आयोजित की गई। संचालक मंडल की बैठक में सर्वप्रथम पूर्व में लिये गए निर्णयों पर प्रबंध संचालक द्वारा पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसके पश्चात् संचालक मंडल ने विगत वर्षों के वित्तीय गतिविधियों पर चर्चा की।
सी.आई.डी.सी. के बैठक विभिन्न योजनाओं और संकल्पों पर चर्चा के उपरांत महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। बैठक में सी.आई.डी.सी. में संविलियित विघटित परिवहन निगम के कर्मचारियों को राज्य शासन द्वारा जारी आदेशों के अनुरुप 22 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 33 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 42 प्रतिशत, 40 प्रतिशत, 60 प्रतिशत एवं 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ देने हेतु अध्यक्ष द्वारा प्रदत्ता अनुमोदन की पुष्टि करने तथा भविष्य में महंगाई भत्तों का लाभ देने हेतु प्रबंध संचालक को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है।
इसके साथ ही संचालक मण्डल, सी.आई.डी.सी. में संविलियित विघटित परिवहन निगम के कर्मचारियों को राज्य शासन के आदेशानुसार अगस्त, 2023 से गृह गाढ़ा भत्ते का लाभ देने हेतु मंत्री श्री केदार कश्यप द्वारा प्रदत्त अनुमोदन का पुष्टि किया गया है।
बैठक में राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सचिव ऊर्जा विभाग श्री रोहित यादव, सचिव सह आयुक्त परिवहन श्री एस. प्रकाश, सचिव राजस्व विभाग श्री अविनाश चम्पावत, सचिव जल संसाधन विभाग श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह, श्री संजय कुमार ओझा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां नवा रायपुर, अटल नगर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में छत्तीसगढ़ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन (सी.आई.डी.सी.) की 45वीं बैठक आयोजित की गई। संचालक मंडल की बैठक में सर्वप्रथम पूर्व में लिये गए निर्णयों पर प्रबंध संचालक द्वारा पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसके पश्चात् संचालक मंडल ने विगत वर्षों के वित्तीय गतिविधियों पर चर्चा की।

सी.आई.डी.सी. के बैठक विभिन्न योजनाओं और संकल्पों पर चर्चा के उपरांत महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। बैठक में सी.आई.डी.सी. में संविलियित विघटित परिवहन निगम के कर्मचारियों को राज्य शासन द्वारा जारी आदेशों के अनुरुप 22 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 33 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 42 प्रतिशत, 40 प्रतिशत, 60 प्रतिशत एवं 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ देने हेतु अध्यक्ष द्वारा प्रदत्ता अनुमोदन की पुष्टि करने तथा भविष्य में महंगाई भत्तों का लाभ देने हेतु प्रबंध संचालक को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है।
इसके साथ ही संचालक मण्डल, सी.आई.डी.सी. में संविलियित विघटित परिवहन निगम के कर्मचारियों को राज्य शासन के आदेशानुसार अगस्त, 2023 से गृह गाढ़ा भत्ते का लाभ देने हेतु मंत्री श्री केदार कश्यप द्वारा प्रदत्त अनुमोदन का पुष्टि किया गया है।
बैठक में राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सचिव ऊर्जा विभाग श्री रोहित यादव, सचिव सह आयुक्त परिवहन श्री एस. प्रकाश, सचिव राजस्व विभाग श्री अविनाश चम्पावत, सचिव जल संसाधन विभाग श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह, श्री संजय कुमार ओझा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

रायपुर : वन आधारित आजीविका को मजबूत कर जनजातीय समाज की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

जनजातीय समाज और वनों के मध्य गहरा संबंध है और दोनों एक दूसरे के पूरक के रूप में संरक्षित – संवर्धित हो रहे हैं। प्रकृति की गोद में ही जनजाति समाज का पीढ़ी दर पीढ़ी विकास हुआ है। यह कार्यशाला आदिवासियों और वनों के सहअस्तित्व को केंद्र में रखकर उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर नीति आयोग तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला में सभी प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों और अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को जीविकोपार्जन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी पर है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजाति समुदाय निवासरत है और 44 प्रतिशत इलाका वन आच्छादित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैने प्रदेश के जनजाति समुदाय और विशेष पिछड़ी जनजातियों के संघर्ष और पीड़ा को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल  बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की व्यथा को समझा और एक आदिवासी बहुल नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया। श्री साय ने कहा कि अटल जी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय का भी गठन किया और आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि का सही उपयोग हो पाया। अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में विकास के नए आयाम स्थापित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे, इस उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर पीडीएस सिस्टम लागू कर लोगो को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया। उन्होंने समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी प्रारंभ की, जिसने आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज पर्याप्त मात्रा में है। कुल 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण और विक्रय महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वनोपजों से जुड़ी प्रोत्साहक नीतियों का लाभ उठाकर स्व सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के आजीविका और उत्थान के लिए संचालित पीएम-जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस मौके पर श्री साय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजाति समुदायों के उत्थान के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नीति आयोग और वन विभाग की इस संयुक्त कार्यशाला से जनजातीय समाज को तकनीक और नवाचार से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि नीति आयोग के सहयोग से एक प्रासंगिक और  महत्वपूर्ण विषय पर आज एकदिवसीय कार्यशाला  आयोजित की गई है। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से हो रहा है और वनवासी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं अब सुदृढ़ हुई है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन के साथ वन संसाधनों के  समुचित उपयोग पर जोर देने और रोजगार सृजन की बात कही।

कार्यशाला में नीति आयोग के सलाहकार श्री सुरेंद्र मेहता, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर एपीसीसीएफ श्रीमती शालिनी रैना, नीति आयोग के निदेशक श्री अमित वर्मा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण और झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आए प्रबुद्धजन, विषय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहे।

 मुख्यमंत्री श्री साय ने वनोपज आधारित स्टालों का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अरण्य भवन परिसर में वन उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया। लीफ प्लेट टेक्नोलॉजी, हैदराबाद की टीम ने मुख्यमंत्री श्री साय को लीफ से तैयार डिनर सेट भेंट किया। इस दौरान भोपालपट्टनम, बीजापुर जिले से आये श्री बी. आर. राव ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया  कि वे पिछले 35 वर्षों से वनौषधीय पौधों के बीजों का संरक्षण कर रहे हैं। वे अपने ‘गमलों से जंगल की ओर’ अभियान के तहत निःशुल्क बीजों का वितरण भी करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने श्री राव के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। बलौदाबाजार जिले के अमरवा बांस प्रसंस्करण केन्द्र के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से बना गुलदस्ता भेंट करते हुए केन्द्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। श्री साय ने लाख उत्पादक किसान समिति कांकेर, छत्तीसगढ़ हर्बल और जशप्योर एफपीसी जशपुर के स्टालों का अवलोकन कर समूह के सदस्यों के साथ चर्चा की।जनजातीय समाज और वनों के मध्य गहरा संबंध है और दोनों एक दूसरे के पूरक के रूप में संरक्षित – संवर्धित हो रहे हैं। प्रकृति की गोद में ही जनजाति समाज का पीढ़ी दर पीढ़ी विकास हुआ है। यह कार्यशाला आदिवासियों और वनों के सहअस्तित्व को केंद्र में रखकर उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर नीति आयोग तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

     मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला में सभी प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों और अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को जीविकोपार्जन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी पर है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजाति समुदाय निवासरत है और 44 प्रतिशत इलाका वन आच्छादित है।

    मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैने प्रदेश के जनजाति समुदाय और विशेष पिछड़ी जनजातियों के संघर्ष और पीड़ा को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल  बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की व्यथा को समझा और एक आदिवासी बहुल नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया। श्री साय ने कहा कि अटल जी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय का भी गठन किया और आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि का सही उपयोग हो पाया। अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में विकास के नए आयाम स्थापित हुए।

   मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे, इस उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर पीडीएस सिस्टम लागू कर लोगो को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया। उन्होंने समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी प्रारंभ की, जिसने आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया।

   मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज पर्याप्त मात्रा में है। कुल 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण और विक्रय महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वनोपजों से जुड़ी प्रोत्साहक नीतियों का लाभ उठाकर स्व सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

    मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के आजीविका और उत्थान के लिए संचालित पीएम-जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस मौके पर श्री साय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजाति समुदायों के उत्थान के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

   मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नीति आयोग और वन विभाग की इस संयुक्त कार्यशाला से जनजातीय समाज को तकनीक और नवाचार से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

   वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि नीति आयोग के सहयोग से एक प्रासंगिक और  महत्वपूर्ण विषय पर आज एकदिवसीय कार्यशाला  आयोजित की गई है। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से हो रहा है और वनवासी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं अब सुदृढ़ हुई है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन के साथ वन संसाधनों के  समुचित उपयोग पर जोर देने और रोजगार सृजन की बात कही।

   कार्यशाला में नीति आयोग के सलाहकार श्री सुरेंद्र मेहता, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर एपीसीसीएफ श्रीमती शालिनी रैना, नीति आयोग के निदेशक श्री अमित वर्मा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण और झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आए प्रबुद्धजन, विषय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहे।

 मुख्यमंत्री श्री साय ने वनोपज आधारित स्टालों का किया अवलोकन

   मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अरण्य भवन परिसर में वन उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया। लीफ प्लेट टेक्नोलॉजी, हैदराबाद की टीम ने मुख्यमंत्री श्री साय को लीफ से तैयार डिनर सेट भेंट किया। इस दौरान भोपालपट्टनम, बीजापुर जिले से आये श्री बी. आर. राव ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया  कि वे पिछले 35 वर्षों से वनौषधीय पौधों के बीजों का संरक्षण कर रहे हैं। वे अपने ‘गमलों से जंगल की ओर’ अभियान के तहत निःशुल्क बीजों का वितरण भी करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने श्री राव के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। बलौदाबाजार जिले के अमरवा बांस प्रसंस्करण केन्द्र के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से बना गुलदस्ता भेंट करते हुए केन्द्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। श्री साय ने लाख उत्पादक किसान समिति कांकेर, छत्तीसगढ़ हर्बल और जशप्योर एफपीसी जशपुर के स्टालों का अवलोकन कर समूह के सदस्यों के साथ चर्चा की।

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रायपुर : मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता ने बेमेतरा और मुंगेली में निर्माण एवं विकास कार्यों का किया गहन निरीक्षण

मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री आर. पुराम ने आज अपनी टीम के साथ बेमेतरा और मुंगेली जिले का दौरा कर दोनों जिलों में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन किया। इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति योजनाओं और लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों की विस्तृत जांच की गई। निरीक्षण के दौरान कई कमियां पाई गईं, जिनके सुधार के निर्देश अधिकारियों को दिए गये।

बेमेतरा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कुम्हड़ीगुड़ा समूह जल प्रदाय योजना का निरीक्षण किया गया। इस दौरान जल शुद्धिकरण संयंत्र की संरचना, जल आपूर्ति प्रणाली और जल शुद्धि के लिए उपयोग किए जा रहे तकनीकी पहलुओं की जांच की गई। श्री पुराम ने क्लेरीफ्लोकुलेटर के स्तर और ढलान की जांच की और कांक्रीट कार्य में उपयोग किए जा रहे स्टील की स्पेसिंग को भी परखा। निरीक्षण में पाया गया कि जल संयंत्र के क्लोरीनेशन कक्ष के कॉलम में पर्याप्त ब्रेसिंग नहीं की गई थी। इस पर उन्होंने इसकी मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ताकि जल शुद्धि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

श्री पुराम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जल शुद्ध संयंत्र में उपयोग किए जा रहे कांक्रीट में पर्याप्त कव्हर ब्लॉक लगाया जाए, ताकि संरचना मजबूत बनी रहे और स्टील की छड़ों में जंग लगने की संभावना को रोका जा सके। इसके साथ ही, जल शुद्धि संयंत्र के प्रत्येक महत्वपूर्ण हिस्से, जैसे एरियेटर, क्लेरीफ्लोकुलेटर, रेपिड सैंड फिल्टर और क्लियर सम्पवेल का स्तर सटीक रूप से जांचने और कार्य को गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरा करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान इन्टेकवेल का भी मुआयना किया गया, जिसमें पाया गया कि इनलेट पोर्ट रिवर बेड लेवल से 1 मीटर नीचे रखा जा रहा था। इससे उसमें गाद जमने की आशंका अधिक हो जाती है, जिससे जल आपूर्ति बाधित हो सकती है और पंप के रखरखाव की लागत बढ़ जाती है। उन्होंने अधिकारियों को इन्टेकवेल का निर्माण स्वीकृत डिजाइन के अनुसार कराए जाने के निर्देश दिए।

बेमेतरा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा ढोलिया-कोसा-चंदनु मार्ग (16.325 किमी) का निर्माण कराया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान इस सड़क की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया की विस्तृत जांच की गई। श्री पुराम ने सड़क में घुमावदार हिस्सों पर चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता बताई, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क की चौड़ाई मानकों से कम पाई गई। इस पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द चौड़ाई को सही किया जाए। सड़क के किनारे बनाए जा रहे शोल्डर की चौड़ाई भी कुछ स्थानों पर मानक से कम पाई गई। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ इलाकों में बिजली के खंभे नहीं हटाए गए हैं, जिससे यातायात बाधित होगा। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर नालियों का निर्माण भी अधूरा पाया गया। इन सभी मामलों को तत्काल सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

सड़क निर्माण में उपयोग हो रहे डामर की गुणवत्ता की जांच के लिए उसका सैंपल लिया गया। जिसे प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। निर्माण कार्यों में पाई गई खामियों को सुधारने के लिए संबंधित विभागों से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट एवं स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री आर. पुराम ने मुंगेली जिले के लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे मुंगेली-लोरमी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए निर्माण सामग्री के सैंपल एकत्र किए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा, डामर प्लांट और डब्ल्यू.एम.एम. प्लांट का निरीक्षण किया गया, जहां निर्माण प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की गई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय नहीं किए गए हैं। इस पर श्री पुराम ने सख्त निर्देश दिए कि सभी श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण दिए जाएं और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों को गुणवत्ता और समय सीमा के अनुसार पूरा किया जाए, ताकि आम जनता को जल्द से जल्द इन विकास कार्यों का लाभ मिल सके। मुख्य तकनीकी निरीक्षक सतर्कता ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों को दूर करने तथा 15 दिनों के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट पर जवाब देने को कहा है।मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री आर. पुराम ने आज अपनी टीम के साथ बेमेतरा और मुंगेली जिले का दौरा कर दोनों जिलों में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति का आकलन किया। इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति योजनाओं और लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों की विस्तृत जांच की गई। निरीक्षण के दौरान कई कमियां पाई गईं, जिनके सुधार के निर्देश अधिकारियों को दिए गये।

बेमेतरा जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कुम्हड़ीगुड़ा समूह जल प्रदाय योजना का निरीक्षण किया गया। इस दौरान जल शुद्धिकरण संयंत्र की संरचना, जल आपूर्ति प्रणाली और जल शुद्धि के लिए उपयोग किए जा रहे तकनीकी पहलुओं की जांच की गई। श्री पुराम ने क्लेरीफ्लोकुलेटर के स्तर और ढलान की जांच की और कांक्रीट कार्य में उपयोग किए जा रहे स्टील की स्पेसिंग को भी परखा। निरीक्षण में पाया गया कि जल संयंत्र के क्लोरीनेशन कक्ष के कॉलम में पर्याप्त ब्रेसिंग नहीं की गई थी। इस पर उन्होंने इसकी मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ताकि जल शुद्धि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

श्री पुराम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जल शुद्ध संयंत्र में उपयोग किए जा रहे कांक्रीट में पर्याप्त कव्हर ब्लॉक लगाया जाए, ताकि संरचना मजबूत बनी रहे और स्टील की छड़ों में जंग लगने की संभावना को रोका जा सके। इसके साथ ही, जल शुद्धि संयंत्र के प्रत्येक महत्वपूर्ण हिस्से, जैसे एरियेटर, क्लेरीफ्लोकुलेटर, रेपिड सैंड फिल्टर और क्लियर सम्पवेल का स्तर सटीक रूप से जांचने और कार्य को गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूरा करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान इन्टेकवेल का भी मुआयना किया गया, जिसमें पाया गया कि इनलेट पोर्ट रिवर बेड लेवल से 1 मीटर नीचे रखा जा रहा था। इससे उसमें गाद जमने की आशंका अधिक हो जाती है, जिससे जल आपूर्ति बाधित हो सकती है और पंप के रखरखाव की लागत बढ़ जाती है। उन्होंने अधिकारियों को इन्टेकवेल का निर्माण स्वीकृत डिजाइन के अनुसार कराए जाने के निर्देश दिए।

बेमेतरा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा ढोलिया-कोसा-चंदनु मार्ग (16.325 किमी) का निर्माण कराया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान इस सड़क की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया की विस्तृत जांच की गई। श्री पुराम ने सड़क में घुमावदार हिस्सों पर चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता बताई, लेकिन कुछ स्थानों पर सड़क की चौड़ाई मानकों से कम पाई गई। इस पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द चौड़ाई को सही किया जाए। सड़क के किनारे बनाए जा रहे शोल्डर की चौड़ाई भी कुछ स्थानों पर मानक से कम पाई गई। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ इलाकों में बिजली के खंभे नहीं हटाए गए हैं, जिससे यातायात बाधित होगा। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर नालियों का निर्माण भी अधूरा पाया गया। इन सभी मामलों को तत्काल सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

सड़क निर्माण में उपयोग हो रहे डामर की गुणवत्ता की जांच के लिए उसका सैंपल लिया गया। जिसे प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। निर्माण कार्यों में पाई गई खामियों को सुधारने के लिए संबंधित विभागों से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट एवं स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री आर. पुराम ने मुंगेली जिले के लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जा रहे मुंगेली-लोरमी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए निर्माण सामग्री के सैंपल एकत्र किए गए, जिन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा, डामर प्लांट और डब्ल्यू.एम.एम. प्लांट का निरीक्षण किया गया, जहां निर्माण प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की गई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय नहीं किए गए हैं। इस पर श्री पुराम ने सख्त निर्देश दिए कि सभी श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण दिए जाएं और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों को गुणवत्ता और समय सीमा के अनुसार पूरा किया जाए, ताकि आम जनता को जल्द से जल्द इन विकास कार्यों का लाभ मिल सके। मुख्य तकनीकी निरीक्षक सतर्कता ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों को दूर करने तथा 15 दिनों के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट पर जवाब देने को कहा है।

रायपुर : राज्यपाल श्री डेका से मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति ने की भेंट

राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया ने भेंट की। राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय को नैक से ए प्लस ग्रेड मिलने पर शुभकामनाएं दी और इसी तरह आगे भी विश्वविद्यालय की गुणवत्ता बनाये रखने कहा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री के. पी. यादव भी उपस्थित थे।राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में मैट्स यूनिवर्सिटी रायपुर के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया ने भेंट की। राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय को नैक से ए प्लस ग्रेड मिलने पर शुभकामनाएं दी और इसी तरह आगे भी विश्वविद्यालय की गुणवत्ता बनाये रखने कहा।

 इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री के. पी. यादव भी उपस्थित थे।

रायपुर : साहू समाज के स्वाभिमान और सांस्कृतिक धरोहर को मिला नया आयाम: 1009वीं जयंती पर माता कर्मा को समर्पित डाक टिकट

छत्तीसगढ़ की धरती आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब भक्त माता कर्मा की 1009वीं जयंती के पावनअवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित कर्माधाम परिसर में माता कर्मा को समर्पित डाक टिकट का भव्य विमोचन किया। यह डाक टिकट न केवल श्रद्धा की प्रतीक माता कर्मा के त्याग और समर्पण को अमर करता है, बल्कि साहू समाज के गौरवपूर्ण इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर भक्त माता कर्मा मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। उन्होंने आदर्श विवाह समारोह में शामिल नव दंपत्तियों को आशीर्वाद देते हुए समाज की एकजुटता और संस्कारशीलता की सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा भक्त माता कर्मा का जीवन निष्ठा, बलिदान और भक्ति की मिसाल है। डाक टिकट के माध्यम से उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाना, भावी पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। साहू समाज ने हमेशा मुझे अपार स्नेह दिया है और मैं समाज की इस ऐतिहासिक मांग को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्र सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी जानकारी दी कि राजिम माता की मूर्ति स्थापना सहित अन्य विकास कार्यों के लिए पूर्व में घोषित 5 करोड़ रुपए की राशि अब बजट में शामिल कर दी गई है, जिससे समाज के धार्मिक स्थलों के विकास को नई गति मिलेगी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने माता कर्मा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि माता कर्मा का आशीर्वाद समाज और प्रदेश दोनों के लिए कल्याणकारी है। यह डाक टिकट मातृशक्ति के सम्मान का प्रतीक है।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने डाक टिकट विमोचन को तैलिक समाज के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा यह डाक टिकट एक प्रतीक नहीं, बल्कि माता कर्मा के संघर्ष, सेवा और त्याग की राष्ट्रीय मान्यता है।

समारोह में छत्तीसगढ़ साहू समाज के अध्यक्ष श्री टहल सिंह साहू ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर संत माता कर्मा आश्रम शक्तिपीठ रायपुर को सामाजिक योगदान के लिए “गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” से सम्मानित किया गया, जो पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है।

कार्यक्रम में विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री पवन साय, विधायक श्री दीपेश साहू, विधायक श्री संदीप साहू, डाक सेवाएं निदेशक श्री दिनेश मिस्त्री सहित साहू समाज के अनेक प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।छत्तीसगढ़ की धरती आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब भक्त माता कर्मा की 1009वीं जयंती के पावनअवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित कर्माधाम परिसर में माता कर्मा को समर्पित डाक टिकट का भव्य विमोचन किया। यह डाक टिकट न केवल श्रद्धा की प्रतीक माता कर्मा के त्याग और समर्पण को अमर करता है, बल्कि साहू समाज के गौरवपूर्ण इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर भक्त माता कर्मा मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की। उन्होंने आदर्श विवाह समारोह में शामिल नव दंपत्तियों को आशीर्वाद देते हुए समाज की एकजुटता और संस्कारशीलता की सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा भक्त माता कर्मा का जीवन निष्ठा, बलिदान और भक्ति की मिसाल है। डाक टिकट के माध्यम से उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाना, भावी पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। साहू समाज ने हमेशा मुझे अपार स्नेह दिया है और मैं समाज की इस ऐतिहासिक मांग को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्र सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी जानकारी दी कि राजिम माता की मूर्ति स्थापना सहित अन्य विकास कार्यों के लिए पूर्व में घोषित 5 करोड़ रुपए की राशि अब बजट में शामिल कर दी गई है, जिससे समाज के धार्मिक स्थलों के विकास को नई गति मिलेगी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने माता कर्मा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि माता कर्मा का आशीर्वाद समाज और प्रदेश दोनों के लिए कल्याणकारी है। यह डाक टिकट मातृशक्ति के सम्मान का प्रतीक है।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने डाक टिकट विमोचन को तैलिक समाज के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा यह डाक टिकट एक प्रतीक नहीं, बल्कि माता कर्मा के संघर्ष, सेवा और त्याग की राष्ट्रीय मान्यता है।

समारोह में छत्तीसगढ़ साहू समाज के अध्यक्ष श्री टहल सिंह साहू ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर संत माता कर्मा आश्रम शक्तिपीठ रायपुर को सामाजिक योगदान के लिए “गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” से सम्मानित किया गया, जो पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है।

कार्यक्रम में विधायक श्री मोतीलाल साहू, श्री पवन साय, विधायक श्री दीपेश साहू, विधायक श्री संदीप साहू, डाक सेवाएं निदेशक श्री दिनेश मिस्त्री सहित साहू समाज के अनेक प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

रायपुर : हम सबका परम सौभाग्य है कि मायाली में पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा जी के श्रीमुख से शिव महापुराण कथा का हो रहा वाचन — मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के मायाली के मधेश्वर महादेव धाम में आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा में सहभागी बने और भक्ति-भाव से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति परिवारों के साथ बैठकर कथा का श्रवण किया। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर शिव महापुराण कथा का श्रवण करने  एक लाख से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी का पुष्पमाला पहनाकर एवं मधेश्वर महादेव का छायाचित्र भेंटकर अभिनंदन किया, साथ ही प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, पवन साय, कृष्ण कुमार राय, भरत सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी — कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

27 मार्च को पुनः प्रारंभ होगी मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना

मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सबके लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है कि भगवान शिव की दिव्य कथा कहने स्वयं पंडित प्रदीप मिश्रा मधेश्वर महादेव की धरती पर पधारे हैं। यहां पाँच दिनों से चल रही शिव भक्ति की धारा से समूचा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो गया है। इस पावन कथा से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हो रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना का पुनः शुभारंभ 27 मार्च को किया जाएगा। इसके तहत इच्छुक श्रद्धालुओं को विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन हेतु भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अयोध्या धाम रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।

शिव महापुराण कथा की दिव्य धारा से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर  जनजाति के ग्रामीण भी लाभान्वित हुए। ग्राम पंडरसिली (मनोरा), बेहेराखार और भितघारा (बगीचा) से आए अनेक श्रद्धालु कथा स्थल पहुंचे। पहाड़ी कोरवा जनजाति के संतोष राम, बजरु राम, शंकर राम, दुर्गा राम और बिरहोर जनजाति के  गेंदु राम, गुरुबारु राम, लाखा राम ने कहा कि शिव कथा ने हमारे अंतर्मन को छू लिया है। प्रदीप मिश्रा जी के प्रवचन केवल भक्ति नहीं सिखाते, वे जीवन को नई दिशा भी देते हैं।

मधेश्वर महादेव: आध्यात्मिक आस्था का केंद्र

मुख्यमंत्री श्री साय ने मधेश्वर महादेव धाम को विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में गौरव का प्रतीक बताया और कहा कि यह स्थल पूरे प्रदेश की धार्मिक आस्था का केंद्र है। उन्होंने आह्वान किया कि इस पावन अवसर का अधिक से अधिक लोग लाभ लें और कथा के शेष दो दिनों में भी उपस्थित होकर शिव भक्ति से स्वयं को अनुप्राणित करें।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के मायाली के मधेश्वर महादेव धाम में आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा में सहभागी बने और भक्ति-भाव से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति परिवारों के साथ बैठकर कथा का श्रवण किया। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर शिव महापुराण कथा का श्रवण करने  एक लाख से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी का पुष्पमाला पहनाकर एवं मधेश्वर महादेव का छायाचित्र भेंटकर अभिनंदन किया, साथ ही प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, पवन साय, कृष्ण कुमार राय, भरत सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी — कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

27 मार्च को पुनः प्रारंभ होगी मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना

मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सबके लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है कि भगवान शिव की दिव्य कथा कहने स्वयं पंडित प्रदीप मिश्रा मधेश्वर महादेव की धरती पर पधारे हैं। यहां पाँच दिनों से चल रही शिव भक्ति की धारा से समूचा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो गया है। इस पावन कथा से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हो रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना का पुनः शुभारंभ 27 मार्च को किया जाएगा। इसके तहत इच्छुक श्रद्धालुओं को विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन हेतु भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अयोध्या धाम रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।

शिव महापुराण कथा की दिव्य धारा से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर  जनजाति के ग्रामीण भी लाभान्वित हुए। ग्राम पंडरसिली (मनोरा), बेहेराखार और भितघारा (बगीचा) से आए अनेक श्रद्धालु कथा स्थल पहुंचे। पहाड़ी कोरवा जनजाति के संतोष राम, बजरु राम, शंकर राम, दुर्गा राम और बिरहोर जनजाति के  गेंदु राम, गुरुबारु राम, लाखा राम ने कहा कि शिव कथा ने हमारे अंतर्मन को छू लिया है। प्रदीप मिश्रा जी के प्रवचन केवल भक्ति नहीं सिखाते, वे जीवन को नई दिशा भी देते हैं।

मधेश्वर महादेव: आध्यात्मिक आस्था का केंद्र

मुख्यमंत्री श्री साय ने मधेश्वर महादेव धाम को विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में गौरव का प्रतीक बताया और कहा कि यह स्थल पूरे प्रदेश की धार्मिक आस्था का केंद्र है। उन्होंने आह्वान किया कि इस पावन अवसर का अधिक से अधिक लोग लाभ लें और कथा के शेष दो दिनों में भी उपस्थित होकर शिव भक्ति से स्वयं को अनुप्राणित करें।

रायपुर : जशपुर की छवि को राष्ट्रीय पर्यटन पटल पर उकेरने मुख्यमंत्री श्री साय की पहल: तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों का हुआ लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले को एक नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने कुनकुरी स्थित मयाली नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ किया और जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों—आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक (स्पिरिचुअल एंड हेरिटेज), प्राकृतिक एवं वन्य जीव (नेचर एंड वाइल्ड लाइफ) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट—का लोकार्पण किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसरों के द्वार खोलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पोंटून बोट में सवार होकर मधेश्वर महादेव के विहंगम दृश्य का अवलोकन किया और कहा कि मयाली एडवेंचर ज़ोन अब रोमांच और रोजगार का केंद्र बनेगा। यहाँ एक्वा साइक्लिंग, कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बम्पर बोट जैसे एडवेंचर एक्टिविटी की शुरुआत की गई है।

तीन नए पर्यटन सर्किटों की झलक

मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिन तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों का लोकार्पण किया गया, वे जशपुर की विविधता और विशेषता को दर्शाते हैं। स्पिरिचुअल और हेरिटेज सर्किट कोतेबीरा से शुरुआत होती है, जो तमता, कैलाश गुफा, मधेश्वर पहाड़, शारदा धाम, ग्वालिन सरना जैसे स्थलों से होकर गुजरता है—यह सर्किट श्रद्धा, विरासत और जनजातीय परंपराओं की अनमोल झलक पेश करता है।

प्राकृतिक एवं वन्य जीव सर्किट उन पर्यटकों को आकर्षित करेगा जो प्रकृति की गोद में सुकून तलाशते हैं। इसमें मकरभंजा जलप्रपात, बादलखोल अभ्यारण्य, रानीदाह और गुल्लू जलप्रपात से लेकर सारुडीह का चाय बागान तक शामिल हैं—प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर यह सर्किट पर्यावरण प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा।

साहसिक पर्यटन सर्किट रोमांच के शौकीनों को आकर्षित करेगा। इसमें दनगरी कैम्प साइट, बेलवार जलप्रपात, देशदेखा हिल कैम्प, सरना ईको एथेनिक रिसोर्ट और क्लाइम्बिंग सेक्टर जैसे स्थान शामिल हैं, जो ट्रेकिंग, क्लाइम्बिंग और नेचर-कैम्पिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनेंगे।

जनजातीय युवाओं के लिए पर्वतारोहण अभियान: हिमाचल की ऊंचाइयों से लौटेगा जशपुर का आत्मविश्वास

मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर अब जशपुर के जनजातीय युवाओं को हिमाचल प्रदेश के मियाड़ घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइम्बिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त युवा वापस लौटकर स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पर्यटन और युवाशक्ति दोनों को मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय से अभियान में जाने वाले बच्चों ने मिलकर कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें ये अनोखा अवसर प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन द्वारा युवाओं को विभिन्न साहसिक खेलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत दिनों छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बेटी ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराने की इच्छा दर्शाई थी जिसे तुरन्त आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी। उसने किलीमंजारो फतह किया। इसी तरह आपको भी खूब मेहनत कर राज्य का नाम ऊंचा करना है। जिस पर युवा तेजल भगत ने कहा अब हमारी पारी है हम भी राज्य को गौरवान्वित करेंगे।

स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कहा—पर्यटन ने बदली जिंदगी

मयाली नेचर कैम्प में कार्यरत लक्ष्मी एवं तुलसी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार जताया। उन्होंने बताया कि पर्यटन की वजह से अब उन्हें नियमित आय मिल रही है और बच्चों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं ने मधेश्वर महादेव की काष्ठ-निर्मित कलाकृति भेंट कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय की यह पहल पर्यटन को सिर्फ सैर नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बना रही है। जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक विरासत और जनजातीय आत्मबल को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले को एक नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने कुनकुरी स्थित मयाली नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ किया और जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों—आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक (स्पिरिचुअल एंड हेरिटेज), प्राकृतिक एवं वन्य जीव (नेचर एंड वाइल्ड लाइफ) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट—का लोकार्पण किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसरों के द्वार खोलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पोंटून बोट में सवार होकर मधेश्वर महादेव के विहंगम दृश्य का अवलोकन किया और कहा कि मयाली एडवेंचर ज़ोन अब रोमांच और रोजगार का केंद्र बनेगा। यहाँ एक्वा साइक्लिंग, कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बम्पर बोट जैसे एडवेंचर एक्टिविटी की शुरुआत की गई है।

तीन नए पर्यटन सर्किटों की झलक

मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिन तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों का लोकार्पण किया गया, वे जशपुर की विविधता और विशेषता को दर्शाते हैं। स्पिरिचुअल और हेरिटेज सर्किट कोतेबीरा से शुरुआत होती है, जो तमता, कैलाश गुफा, मधेश्वर पहाड़, शारदा धाम, ग्वालिन सरना जैसे स्थलों से होकर गुजरता है—यह सर्किट श्रद्धा, विरासत और जनजातीय परंपराओं की अनमोल झलक पेश करता है।

प्राकृतिक एवं वन्य जीव सर्किट उन पर्यटकों को आकर्षित करेगा जो प्रकृति की गोद में सुकून तलाशते हैं। इसमें मकरभंजा जलप्रपात, बादलखोल अभ्यारण्य, रानीदाह और गुल्लू जलप्रपात से लेकर सारुडीह का चाय बागान तक शामिल हैं—प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर यह सर्किट पर्यावरण प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा।

साहसिक पर्यटन सर्किट रोमांच के शौकीनों को आकर्षित करेगा। इसमें दनगरी कैम्प साइट, बेलवार जलप्रपात, देशदेखा हिल कैम्प, सरना ईको एथेनिक रिसोर्ट और क्लाइम्बिंग सेक्टर जैसे स्थान शामिल हैं, जो ट्रेकिंग, क्लाइम्बिंग और नेचर-कैम्पिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनेंगे।

जनजातीय युवाओं के लिए पर्वतारोहण अभियान: हिमाचल की ऊंचाइयों से लौटेगा जशपुर का आत्मविश्वास

मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर अब जशपुर के जनजातीय युवाओं को हिमाचल प्रदेश के मियाड़ घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइम्बिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त युवा वापस लौटकर स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पर्यटन और युवाशक्ति दोनों को मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय से अभियान में जाने वाले बच्चों ने मिलकर कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें ये अनोखा अवसर प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन द्वारा युवाओं को विभिन्न साहसिक खेलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत दिनों छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बेटी ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराने की इच्छा दर्शाई थी जिसे तुरन्त आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी। उसने किलीमंजारो फतह किया। इसी तरह आपको भी खूब मेहनत कर राज्य का नाम ऊंचा करना है। जिस पर युवा तेजल भगत ने कहा अब हमारी पारी है हम भी राज्य को गौरवान्वित करेंगे।

स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कहा—पर्यटन ने बदली जिंदगी

मयाली नेचर कैम्प में कार्यरत लक्ष्मी एवं तुलसी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार जताया। उन्होंने बताया कि पर्यटन की वजह से अब उन्हें नियमित आय मिल रही है और बच्चों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं ने मधेश्वर महादेव की काष्ठ-निर्मित कलाकृति भेंट कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय की यह पहल पर्यटन को सिर्फ सैर नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बना रही है। जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक विरासत और जनजातीय आत्मबल को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है।

जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा का गाजे- बाजे के साथ भव्य स्वागत

शुभचिंतकों ने फल और मिटाई से तौल करके किया सम्मान

 

कार्यकर्ता मिलन व होली मिलन समारोह में दिखा उत्साह

 

 

 

बसना। जनपद पंचायत बसना के  क्षेत्र क्रमांक 21 में पहली बार जनपद सदस्य बने और निर्वाचित होने के बाद प्रथम अंकोरी आगमन पर जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा का क्षेत्रवासियों, आम नागरिकों ने भव्य स्वागत किया।  विजयी होने के पश्चात सर्वप्रथम प्रकाश ने ग्राम देवता ठाकुर देव व श्री जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन कर पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के खुशहाली की कामना की।

 

ग्रामवासियों ने श्री सिन्हा का जगह-जगह हार फूल माला और गाजे- बाजे पर के साथ आतिशबाजी से स्वागत किया। वहीं मिठाइयां खिलाकर शाल श्रीफल के साथ अंगवस्त्र से आत्मीय स्वागत सम्मान किया गया।

 

क्षेत्रवासियों के आत्मीय अभिनंदन पर जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा ने क्षेत्र के देवतुल मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। श्री सिन्हा ने चुनाव।ए हुए आपसी मतभेद गिले शिकवे को भूला कर  क्षेत्र के सर्वांगीण विकास करने की बात कही। कार्यक्रम में उपस्थित  जनपद क्षेत्र के समस्त सरपंच, उप सरपंच, पंच को साथ लेकर कदम से कदम मिलाकर अंकोरी जनपद क्षेत्र को एक आदर्श जनपद बनाना पहली प्राथमिकता होगी। श्री सिन्हा ने नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा विकास तभी होगा जब हम सब मिलकर एक जुट होकर काम करेंगे।  मैं आशा ही नहीं विश्वास दिलाता हूं कि वह दिन दूर नहीं होगा जब बसना जनपद क्षेत्र किसी मॉडल के रूप में विकसित होते दिख रहा होगा। बसना विधायक का भी सपना है बसना विधानसभा को मॉडल के रूप में विकसित करना , इसी सपने को साकार करने की बात कही।

 

पूर्व सैनिक एवं ग्राम के प्रमुख श्री वेणुधर साहू जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मेरी उम्र 84 वर्ष हो गई है। लेकिन आज तक किसी ने इस गांव में इतना मान सम्मान, स्वागत नहीं किया जितना प्रकाश ने किया। ग्राम और जनपद के विकास के लिए प्रकाश सिन्हा को बहुत-बहुत बधाई और आशीर्वाद देता हूं। आदिवासी समाज के फुलझर अंचल के प्रमुख श्री बरतराम नागेश ने कहा कि प्रत्येक गांव का सर्वांगीण विकास प्रकाश के हाथों में है। पूरा विश्वाश है प्रकाश क्षेत्र के प्रगति और किसानों के हित में सदैव कार्य करने की बात कहीं। नवनिर्वाचित पार्षद शीत गुप्ता ने भी भी सिन्हा को बधाई देते हुए बताया कि वे प्रकाश के साथ 10 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे है। नीलांचल सेवा समिति के माध्यम से 24 घंटे कोई निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य में जुटने वाले भाई प्रकाश सिन्हा है। क्षेत्र ने अच्छे जनसेवक को चूना है जिसके लिए समस्त ग्रामवासियों का आभार व्यक्त किया।

 

उक्त कार्यक्रम में  पूर्व सैनिक वेणुधर साहू, आदिवासी समाज प्रमुख बरतराम नागेश, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि खोलबाहरा निराला, जनपद उपाध्यक्ष मोहित पटेल, पूर्व जनपद सदस्य अरुण नायक, बरोली जनपद सदस्य प्रेमबाई नरेश साव, गढफुलझर जनपद सदस्य सुशीला मलिक, खेमडा जनपद सदस्य विलासिनी वृंदावन प्रधान, चनाट जनपद सदस्य प्रतिनिधि लोकेश नायक, बड़ेसाजापाली जनपद सदस्य मीरा ऋषिकेश पटेल, ग्राम पंचायत अंकोरी सरपंच मिश्रा दीप, पलसापाली सरपंच प्रतिनिधि वीरू यादव, कायतपाली सरपंच गीतांजली यादव, देवरी सरपंच सुरेश कोसरिया, कायतपाली उपसरपंच जानकी डड़सेना, गढ़फुलझहर सरपंच प्रतिनिधि हरजिंदर सिंह, बसना नगर के पार्षद राकेश डड़सेना, शीत गुप्ता, पत्रकार साथी सेवक दास दीवान, ऋषिकेशन दास, अनिक दानी, अभय घृतलहरें, अरुण साहू, डॉ. ओमेश डड़सेना समेत परिवार जन, कीर्तन दल, भागवत पार्टी, महिला समूह सहायता, खिलाड़ी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद थे।

 

मिलन समारोह में आधिकारियों को दी नसीहत

 

श्री सिन्हा ने कार्यक्रम के दौरान कहा विष्णु भगवान के सुदर्शन चक्र से कोई नहीं बच सकता ठीक वैसे ही हमारे विष्णु देव सरकार से कोई भी भ्रष्टाचारी नहीं बच सकता, वैसे बसना जनपद क्षेत्र में प्रकाश की तेज किरणे से कोई नहीं बच पाएगा। प्रकाश ने शपथ लेते ही अधिकारी कर्मचारियों से ईमानदारी से काम करने को कहा है। काम को टालने और कार्यालय के चक्कर लगवाने वाले अधिकारी कर्मचारी को नसीहत दी है। साथ ही चापलूसी, रिश्वखोरी कोई करेगा तो अंकोरी क्षेत्र की युवा टीम सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ने की बात कही।

 

 

मिठाई और फल से किया तुलादान

 

नवनिर्वाचित जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा का शुभचिंतकों एवं क्षेत्र के युवाओं ने प्रकाश सिन्हा को मिठाई एवं फलों से तौला कर तुलादान किया गया। इस दौरान ग्रामीणों में जबर्दस्त उत्साह का माहौल नजर आया। तुलादान से प्राप्त मिठाई फल को उपस्थित लोगों में वितरण किया गया।  साथ ही क्षेत्रवासियों ने भव्य स्वागत कर आशीर्वाद प्रदाय किया।

शुभचिंतकों ने फल और मिटाई से तौल करके किया सम्मान

कार्यकर्ता मिलन व होली मिलन समारोह में दिखा उत्साह

 

बसना। जनपद पंचायत बसना के क्षेत्र क्रमांक 21 में पहली बार जनपद सदस्य बने और निर्वाचित होने के बाद प्रथम अंकोरी आगमन पर जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा का क्षेत्रवासियों, आम नागरिकों ने भव्य स्वागत किया। विजयी होने के पश्चात सर्वप्रथम प्रकाश ने ग्राम देवता ठाकुर देव व श्री जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन कर पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के खुशहाली की कामना की।

ग्रामवासियों ने श्री सिन्हा का जगह-जगह हार फूल माला और गाजे- बाजे पर के साथ आतिशबाजी से स्वागत किया। वहीं मिठाइयां खिलाकर शाल श्रीफल के साथ अंगवस्त्र से आत्मीय स्वागत सम्मान किया गया।

क्षेत्रवासियों के आत्मीय अभिनंदन पर जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा ने क्षेत्र के देवतुल मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। श्री सिन्हा ने चुनाव।ए हुए आपसी मतभेद गिले शिकवे को भूला कर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास करने की बात कही। कार्यक्रम में उपस्थित जनपद क्षेत्र के समस्त सरपंच, उप सरपंच, पंच को साथ लेकर कदम से कदम मिलाकर अंकोरी जनपद क्षेत्र को एक आदर्श जनपद बनाना पहली प्राथमिकता होगी। श्री सिन्हा ने नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा विकास तभी होगा जब हम सब मिलकर एक जुट होकर काम करेंगे। मैं आशा ही नहीं विश्वास दिलाता हूं कि वह दिन दूर नहीं होगा जब बसना जनपद क्षेत्र किसी मॉडल के रूप में विकसित होते दिख रहा होगा। बसना विधायक का भी सपना है बसना विधानसभा को मॉडल के रूप में विकसित करना , इसी सपने को साकार करने की बात कही।

पूर्व सैनिक एवं ग्राम के प्रमुख श्री वेणुधर साहू जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मेरी उम्र 84 वर्ष हो गई है। लेकिन आज तक किसी ने इस गांव में इतना मान सम्मान, स्वागत नहीं किया जितना प्रकाश ने किया। ग्राम और जनपद के विकास के लिए प्रकाश सिन्हा को बहुत-बहुत बधाई और आशीर्वाद देता हूं। आदिवासी समाज के फुलझर अंचल के प्रमुख श्री बरतराम नागेश ने कहा कि प्रत्येक गांव का सर्वांगीण विकास प्रकाश के हाथों में है। पूरा विश्वाश है प्रकाश क्षेत्र के प्रगति और किसानों के हित में सदैव कार्य करने की बात कहीं। नवनिर्वाचित पार्षद शीत गुप्ता ने भी भी सिन्हा को बधाई देते हुए बताया कि वे प्रकाश के साथ 10 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे है। नीलांचल सेवा समिति के माध्यम से 24 घंटे कोई निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य में जुटने वाले भाई प्रकाश सिन्हा है। क्षेत्र ने अच्छे जनसेवक को चूना है जिसके लिए समस्त ग्रामवासियों का आभार व्यक्त किया।

उक्त कार्यक्रम में पूर्व सैनिक वेणुधर साहू, आदिवासी समाज प्रमुख बरतराम नागेश, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि खोलबाहरा निराला, जनपद उपाध्यक्ष मोहित पटेल, पूर्व जनपद सदस्य अरुण नायक, बरोली जनपद सदस्य प्रेमबाई नरेश साव, गढफुलझर जनपद सदस्य सुशीला मलिक, खेमडा जनपद सदस्य विलासिनी वृंदावन प्रधान, चनाट जनपद सदस्य प्रतिनिधि लोकेश नायक, बड़ेसाजापाली जनपद सदस्य मीरा ऋषिकेश पटेल, ग्राम पंचायत अंकोरी सरपंच मिश्रा दीप, पलसापाली सरपंच प्रतिनिधि वीरू यादव, कायतपाली सरपंच गीतांजली यादव, देवरी सरपंच सुरेश कोसरिया, कायतपाली उपसरपंच जानकी डड़सेना, गढ़फुलझहर सरपंच प्रतिनिधि हरजिंदर सिंह, बसना नगर के पार्षद राकेश डड़सेना, शीत गुप्ता, पत्रकार साथी सेवक दास दीवान, ऋषिकेशन दास, अनिक दानी, अभय घृतलहरें, अरुण साहू, डॉ. ओमेश डड़सेना समेत परिवार जन, कीर्तन दल, भागवत पार्टी, महिला समूह सहायता, खिलाड़ी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद थे।

मिलन समारोह में आधिकारियों को दी नसीहत

श्री सिन्हा ने कार्यक्रम के दौरान कहा विष्णु भगवान के सुदर्शन चक्र से कोई नहीं बच सकता ठीक वैसे ही हमारे विष्णु देव सरकार से कोई भी भ्रष्टाचारी नहीं बच सकता, वैसे बसना जनपद क्षेत्र में प्रकाश की तेज किरणे से कोई नहीं बच पाएगा। प्रकाश ने शपथ लेते ही अधिकारी कर्मचारियों से ईमानदारी से काम करने को कहा है। काम को टालने और कार्यालय के चक्कर लगवाने वाले अधिकारी कर्मचारी को नसीहत दी है। साथ ही चापलूसी, रिश्वखोरी कोई करेगा तो अंकोरी क्षेत्र की युवा टीम सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ने की बात कही।

मिठाई और फल से किया तुलादान

नवनिर्वाचित जनपद सदस्य प्रकाश सिन्हा का शुभचिंतकों एवं क्षेत्र के युवाओं ने प्रकाश सिन्हा को मिठाई एवं फलों से तौला कर तुलादान किया गया। इस दौरान ग्रामीणों में जबर्दस्त उत्साह का माहौल नजर आया। तुलादान से प्राप्त मिठाई फल को उपस्थित लोगों में वितरण किया गया। साथ ही क्षेत्रवासियों ने भव्य स्वागत कर आशीर्वाद प्रदाय किया।