CG News: 16 साल बाद गिरफ्तार हुए शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा के तीन आरोपी
धमतरी: 16 साल बाद शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन भर्ती 2007 फर्जीवाड़ा के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने फर्जी प्रमाण पत्र व अंक तालिका में हेरफेर कर अपात्र लोगों का चयन किया था। ग्राम चंदना निवासी शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
मगरलोड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम चंदना निवासी कृष्ण कुमार साहू द्वारा वर्ष 2007 की शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन भर्ती प्रक्रिया में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र एवं अंकों में हेरफेर कर चयन कराने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट पर पुलिस ने भर्ती में शामिल आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया था, लेकिन गिरफ्तारी नहीं किया था।
रिपोर्ट दर्ज करने के 16 साल बाद मगरलोड पुलिस ने अब जाकर शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन भर्ती फर्जीवाड़ा के आरोपी शिक्षाकर्मी ईशु कुमार निवासी कमरौद थाना मगरलोड जिला धमतरी, सिताराम निवासी मेघा थाना मगरलोड, जिला धमतरी और चयन समिति में शामिल पूर्व जनपद उपाध्यक्ष कोमल सिंह यदु निवासी मोंहदी, थाना मगरलोड, जिला धमतरी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
सभी आरोपियों पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर अपात्र अभ्यर्थियों को चयनित कराने तथा पात्र अनुसूचित जाति-जनजाति अभ्यर्थियों को जानबूझकर वंचित करने के साक्ष्य प्राप्त हुए है। पुलिस ने बताया कि जल्द ही इस मामले में कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा, जो सालों से फरार चल रहा था।
शिक्षाकर्मी भर्ती वर्ग तीन में शामिल थे अधिकारी व जनप्रतिनिधि
शिक्षाकर्मी भर्ती वर्ग-तीन की भर्ती के लिए गठित तत्कालिन छानबिन, चयन समिति एवं छानबिन समिति के सदस्यों में केके तिवारी जनपद पंचायत सीईओ, एनआर साहू विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बुधराम निषाद पंचायत एवं समाज शिक्षा संगठक, एसके सोनी परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, श्याम साहू जनपद पंचायत अध्यक्ष, कोमल यदु जनपद पंचायत उपाध्यक्ष, नीलकंठ सिन्हा, शत्रुघन साहू, नारायण धु्रव, भारत लाल साहू एवं संतोषी साहू सदस्यगण शामिल थे।
105 आरोपियों के खिलाफ दर्ज है मामला
27 सितंबर 2011 में हुए एफआईआर पर शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा 2007 मामले में पुलिस ने कुल 105 आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया था। इस मामले में आरोपी रहे 17 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं पूर्व में एक आरोपी तत्कालिन सीईओ कमलाकांत तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पांच आरोपियों ने अपनी अग्रिम जमानत करा ली है।
इस मामले में चार अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। वहीं सात जनप्रतिनिधि भी आरोपी है। जिसमें से दो की मौत हो चुकी है। पांच जनप्रतिनिधि आरोपियों में से चार की जमानत हो गई है और एक को जेल भेज दिया गया है। फर्जी तरीके से लगे 40 से 45 शिक्षाकर्मी वर्ग तीन अभी भी नौकरी कर रहे हैं। 17 सितंबर को आरोपियों की हुई गिरफ्तारी के बाद नौकरी करने वाले आरोपी शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया है, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
140 पदों पर कूटरचित भर्ती
शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा 2007-08 मामले में शासन की ओर से 150 पदों पर शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन की भर्ती किया जाना था, लेकिन आरोपियों ने सांठगांठ करके स्वीकृत पदों से अधिक कुल 172 पदों पर भर्ती कर लिया गया। आदेश पृथक-पृथक अनेकों बार जारी किया गया, जिसमें से अभ्यर्थी के निवास के पता एवं पिता व पति के नाम को छुपाया गया था। चयन समिति के सदस्यों ने अपने परिवार के अनेकों सदस्यों की शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के पदों पर नियुक्ति किया गया है।
इस मामले में जनपद पंचायत मगरलोड द्वारा अब तक 19 शिक्षाकर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी है। कई शिक्षाकर्मी अपना इस्तीफा दे चुका है। करीब 140 पदों पर कूटरचित योग्यता प्रमाण पत्र, अमान्य प्रमाण पत्र, एनसीसी एवं स्काउट-गाइड पत्र, खेल प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र एवं डीएड प्रमाण पत्रों के अलावा फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र का उपयोग कर भर्ती की गई है। जानबूझकर नाबालिग अभ्यर्थी को भी शिक्षाकर्मी की नौकरी दिया गया है।