महासमुंद में विश्व स्तनपान सप्ताह पर कार्यक्रम आयोजित स्तनपान से शिशु का सम्पूर्ण विकास संभव : श्री देवी चंद राठी
महासमुन्द/ महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में सेजेस महासमुंद में विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर बुधवार को जागृति शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास विभाग के सभापति श्रीमती देवकी पटेल एवं अध्यक्ष के रूप में नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री देवी चंद राठी शामिल हुए। इस अवसर पर नगर पालिका के पार्षदगण एवं विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती देवकी पटेल ने कहा कि स्तनपान केवल एक प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह शिशु के सम्पूर्ण मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास की नींव है। माताएं अपने बच्चों को 6 माह तक केवल स्तनपान कराएं और इसके बाद पोषणयुक्त पूरक आहार देना शुरू करें। इससे बच्चे कुपोषण से दूर रहते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री देवीचंद राठी ने कहा कि जागरूकता शिविर के माध्यम से माताओं को यह बताया जाना आवश्यक है कि शिशुवती माताओं को अपने शिशु को जन्म के पश्चात ही मां का दूध पिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों में विभिन्न कार्यक्रम किया जाएगा, जो कि एक अच्छी पहल है।

कार्यक्रम में 3 गर्भवती माताओं का गोद भराई एवं 3 बच्चों का अन्नप्राशन कराया गया। इस अवसर पर विभिन्न स्वास्थ्य वर्धक पूरक पोषण आहार का प्रदर्शन किया गया। इन गतिविधियों के माध्यम से समुदाय में महिलाओं और परिजनों को पोषण के महत्व की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री राजीव पांडेय मौजूद थे।

महासमुंद शहरी परियोजना की अधिकारी श्रीमती शैल नाविक ने कहा कि स्तनपान केवल बच्चे को पोषण नहीं देता, बल्कि मां और शिशु के बीच गहरा भावनात्मक संबंध भी स्थापित करता है। यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और मां को भी कई बीमारियों से बचाता है। सुपरवाइजर शीला प्रधान एवं ग्रामीण परियोजना की सुपरवाइजर ने बताया कि इस सप्ताह के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न गतिविधियां जैसे रैली, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाएंगी, जिससे समुदाय में स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इस अवसर पर विभाग की ओर से पोषण पर आधारित जानकारी दी गई और उपस्थित महिलाओं को स्तनपान एवं शिशु आहार के संबंध में मार्गदर्शन दिया गया।