बसना / फरार चल रहे समिति प्रबंधक की ज़मानत याचीका ख़ारिज की खबर करोडो के घोटाला के अंजाम देने वाला प्रभारी जेल नहीं जाना चाहता है कब लगेगी बसना पुलिस की हाथ मे आरोपी!
5/05/2024 पिथौरा वि.खं.अंतर्गत सहकारी समिति पं.क्र.879 उपार्जन केंद्र जाड़ामुड़ा में फर्जी तरीके से किसानों के खाते में रकबा बढाकर बोगस धान खरीदी कर छ.ग.शासन के खजाने में बड़े ही शातिर तरीके से डांका डालकर शासन को करोड़ों रुपए का चपत लगाने वाले भ्रष्टाचार की मूर्ति व सहकारिता विभाग के जाड़ामुड़ा धान उपार्जन केन्द्र के समिति प्रबंधक उमेश कुमार भोई के जमानत याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। उमेश कुमार भोई ने धान खरीदी वर्ष 2023-24 में किसानों के खाते का मनमर्जी तरीके से रकबा बढाकर जमकर फर्जीवाड़ा व गबन करने की शिक़ायत पर उनके खिलाफ थाना बसना में धारा 420,120बी,467,471,568,,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध है इसलिए पुलिस के गिरफ्तारी से बचने उमेश कुमार भोई इस समय दिन-रात फरारी में काट रहे हैं इसी बीच उन्होंने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाया था।
उमेश कुमार भोई के वकील ने उसे गिरफ्तारी से बचाने बिलासपुर हाईकोर्ट में दिए अपने दलील में उमेश कुमार भोई को बेगुनाह और तहसीलदार और किसानों को गुनहगार बताकर अग्रिम जमानत याचिका लगा उमेश कुमार भोई के जमानत की गुहार लगाया था जिसे हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दलील को यह कहकर खारिज कर दिया, क्योंकि उमेश कुमार भाई द्वारा की गई फर्जीवाड़ा से शासन को करीब 2 करोड रुपए का नुकसान हुआ है।

डिप्टी कलेक्टर की टीम के साथ इस पूरे मामले की जांच की गई जिसमें समिति प्रबंधक उमेश कुमार भोई दोषी पाया गया है।
पूर्व में भी इनके खिलाफ अपराध दर्ज है। “हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि उमेश कुमार भोई के विरुद्ध पूर्व में थाना बसना में धारा 420 409,34 के तहत अपराध पंजीबद्ध है, परंतु इसके बाद भी सन 2023-24 में फर्जी रकबा बढ़कर समर्थन मूल्य में धान की मनमानी तरीके से खरीदी कर उमेश कुमार भोई ने शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है”

आखिर कब तक बचेगा पुलिस के शिकंजे से भ्रष्टाचार की मूर्ति उमेश कुमार भोई।
लोग कानून और पुलिस के हाथ लंबे होने की कहानी फिल्मों व कहावतों में सुनते हैं। बहरहाल अब देखना होगा शातिर व षडयंत्र पूर्वक शासन के खजाने को करोड़ों रुपए की चपत लगाने वाले इस भ्रष्टाचार की मूर्ति को गिरफ्तार करने मे स्थानीय पुलिस व कानून के हाथ उनके गर्दन तक कब पहुंचती है, हकीकत और सही मायने में कानून और पुलिस के हाथ लंबे तो होते हैं मगर अपराधियों के गर्दन तक हाथ पहुंचने में विलंब होने से पुलिसिया सिस्टम और कानून के प्रति लोगों की सामान्य धारणाओं में अविश्वास पैदा हो जाती है।
करोड़ों रुपए की फर्जीवाड़े के इस मामले में डिप्टी कलेक्टर की टीम की जांच जारी है जिसमें जांच टीम के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में बहुत जल्द 17 लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगा जिससे इस तरह के भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा करने वालों के हौसला पस्त होगा।