महासमुंद : 29 नई धान खरीदी केंद्र से होगी खरीदी देखें कहाँ मिला सौगात, आपका गाँव किस सोसायटी में आएगा? 130 सोसायटी का पुनर्गठन, के बाद कहा कहा हुवा प्रभावित शासन ने जारी किया आदेश देखें पुरी सूची
महासमुंद, अक्टूबर 2025 //
राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 16-1 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों का पुनर्गठन करने हेतु “जिला महासमुंद, छत्तीसगढ़ की प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों की पुनर्गठन योजना, 2025” अधिसूचना क्रमांक एफ/15-11/15-02/2025/4/1076 दिनांक 02 अप्रैल 2025 के माध्यम से जारी की गई थी।
पंजीयक, सहकारी संस्थाएँ, छत्तीसगढ़ द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव दिनांक 23 जून 2025 के अनुसार, जिला महासमुंद में विद्यमान 130 सोसायटियों का पुनर्गठन कर 31 नवीन सोसायटियों का गठन किए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। उक्त प्रस्ताव पर विचार करते हुए विभाग द्वारा अधिसूचना क्रमांक एफ/एफ 15-11/15-02/2025/4/1878 दिनांक 07 अगस्त 2025 जारी की गई, जिसमें संबंधित सदस्य, व्यक्ति अथवा हितधारक से दिनांक 22 अगस्त 2025 तक आपत्ति अथवा दावा प्रस्तुत करने हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई थी।
निर्धारित अवधि में प्राप्त 15 दावे/आपत्तियों का परीक्षण विभाग द्वारा किया गया, जिसमें 14 आपत्तियों को अमान्य तथा 1 आवेदन को मान्य पाया गया।विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक एफ/15-11/15-02/2025/4/1076 दिनांक 02 अप्रैल 2025 की कंडिका क्रमांक-5 की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात राज्य शासन ने जिला महासमुंद के विद्यमान 130 सोसायटियों का पुनर्गठन कर 29 नवीन सोसायटियों का गठन अनुमोदित किया है।
योजना के मुख्य बिंदु :
1. पुनर्गठन की प्रक्रिया “अनुसूची-एक, दो एवं तीन” में वर्णित प्रावधानों के अनुसार पूर्ण की जाएगी।
2. नवीन सोसायटियों का गठन, पंजीयन एवं संचालन की जिम्मेदारी संबंधित संयुक्त पंजीयक/पंजीयक सहकारी संस्थाएँ निभाएँगे।
3. पुनर्गठित सोसायटियों के कार्यक्षेत्र, सदस्यता, देनदारियाँ, दायित्व एवं संपत्तियाँ यथावत संबंधित नवीन सोसायटियों में अंतर्निहित होंगी।
4. प्रभावित सोसायटियों के कर्मचारी मूल सोसायटी के कर्मचारी माने जाएंगे तथा पंजीयक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें स्थानांतरित किया जा सकेगा।
5. किसी भी विवाद की स्थिति में निपटारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 64 के तहत संयुक्त पंजीयक/पंजीयक द्वारा किया जाएगा।
6. योजना के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों अथवा विवादों के समाधान हेतु राज्य शासन एवं पंजीयक आवश्यकतानुसार आदेश अथवा दिशा-निर्देश जारी कर सकेंगे।
उद्देश्य :
इस योजना का उद्देश्य कृषि ऋण व्यवस्था को सुदृढ़ करना, किसानों को प्राथमिक स्तर पर सहज ऋण सुविधा उपलब्ध कराना तथा सहकारी संस्थाओं के कार्यक्षेत्र को सशक्त एवं पारदर्शी बनाना है।
इस प्रकार, “जिला महासमुंद, छत्तीसगढ़ की प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों की पुनर्गठन योजना, 2025” का अंतिम रूप से अनुमोदन एवं प्रकाशन राज्य शासन द्वारा किया गया है।