महासमुंद।लगातार झमाझम हो रही बारिश ने महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत जीराडबरी के हालात बिगाड़ दिए हैं। गांव के तीन घरों में पानी घुस गया है और मिट्टी से बने ये घर धंसने की कगार पर पहुँच गए हैं। देखें वीडियो
घरों में रखा राशन, कपड़े और अन्य जरूरी सामान पूरी तरह भीग चुका है। इतना ही नहीं, इनमें से एक परिवार ने आजीविका के लिए घर से सटा छोटा ठेला दुकान खोल रखा था, लेकिन वहां भी पानी भर जाने से दुकान का पूरा सामान खराब हो गया है। पीड़ित परिवार अब बर्तन और बाल्टी के सहारे रात-दिन घर से पानी बाहर निकालने की मशक्कत कर रहे हैं ताकि मिट्टी की दीवारें अचानक ढह न जाएं।
ग्रामीणों का आरोप – निकासी मार्ग को पाट दिया गया
पीड़ितों ने इस पूरी स्थिति के लिए गांव के ही एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि संजय साहू नामक व्यक्ति ने गांव के पानी निकासी के रास्ते को मुरूम डालकर पाट दिया। यही कारण है कि अब पूरे गांव का पानी सीधे उनके घरों में घुस रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि जब यह निकासी मार्ग पाटा जा रहा था, तब उन्होंने इसका विरोध भी किया था। उस समय ग्राम पंचायत के सरपंच और उपसरपंच ने भरोसा दिलाया था कि जल्द ही नाली बनवाकर पानी की निकासी की उचित व्यवस्था की जाएगी। लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद न तो नाली बनी और न ही पानी की निकासी की कोई व्यवस्था की गई। नतीजा यह हुआ कि आज तीनों घर संकट के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं।
“जल्दी व्यवस्था नहीं हुई तो घर पूरी तरह ध्वस्त हो जाएंगे”
प्रभावित ग्रामीण लुगरू कुमार, जुगरू कुमार और पूजा कुमार ने बताया कि वे बीते 24 घंटे से लगातार पानी बाहर निकाल रहे हैं। लेकिन बारिश थमने का नाम नहीं ले रही और पानी की निकासी का रास्ता बंद होने के कारण हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि यदि प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया तो उनके घर पूरी तरह ध्वस्त हो जाएंगे और रहने के लिए भी कोई जगह नहीं बचेगी। ऐसे में उनके परिवार खुले आसमान के नीचे आ जाएंगे।
क्षेत्र में फसलें भी बर्बाद
गांव के घर ही नहीं, बल्कि खेत भी इस बारिश की चपेट में आ गए हैं। लगातार हो रही बारिश से ढालम और चनाट क्षेत्र की कई एकड़ धान की फसलें पानी में डूब चुकी हैं। कई खेतों में धान की पौधियां गिर गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण किसानों का कहना है कि बारिश अगर कुछ दिन और जारी रही तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी। ऐसे हालात में खेती-किसानी करने वाले परिवारों पर आजीविका का बड़ा संकट मंडरा रहा है।
प्रशासन से मदद की गुहार
पीड़ित परिवारों और किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि तत्काल गांव में पानी निकासी की उचित व्यवस्था कराई जाए। साथ ही, जिन परिवारों के घर पानी से भर चुके हैं, उन्हें राहत सामग्री और अस्थायी निवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बार-बार पंचायत और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन किसी ने भी ठोस कदम नहीं उठाया। अब जब स्थिति गंभीर हो चुकी है, तब प्रशासनिक मदद ही उनकी आखिरी उम्मीद बची है।
ग्रामीणों में नाराजगी
गांव के लोगों का कहना है कि अगर पंचायत स्तर पर समय रहते नाली निर्माण की व्यवस्था कर दी जाती तो आज यह नौबत नहीं आती । पंचायत और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण आज तीन परिवार बेघर होने की स्थिति में पहुँच गए हैं। वहीं किसान भी अपनी बर्बाद होती फसलों को देखकर हताश हैं। गांव में चर्चा है कि यदि प्रशासन और पंचायत तुरंत सक्रिय नहीं हुए तो आने वाले दिनों में और भी घर और खेत पानी की चपेट में आ सकते हैं।
ग्राम पंचायत जीराडबरी की यह घटना बताती है कि छोटी-सी लापरवाही किस तरह से ग्रामीण परिवारों और किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती है। एक तरफ लगातार बारिश से फसलें चौपट हो रही हैं, तो दूसरी तरफ पानी निकासी की व्यवस्था न होने से ग्रामीणों के घर डूबने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी इस समस्या पर संज्ञान लेकर पीड़ित परिवारों और किसानों को राहत दिलाता है।