पिथौरा: धरने पर बैठे ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, जनपद पंचायत पिथौरा के सामने जमकर की नारेबाजी गुमराह करने का आरोप
जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगरीपाली के ग्रामीण आज जनपद पंचायत पिथौरा कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए, उनका आरोप है कि उन्हें जांच प्रतिवेदन सौंपने के नाम पर बार-बार घुमाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें आज जांच प्रतिवेदन देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन अधिकारियों ने फिर टालमटोल का रवैया अपनाया, जिससे नाराज होकर वे धरने पर बैठ गए।
गौरतलब है कि दिनांक 26 सितंबर 2025 को जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार ने ग्राम पंचायत डोंगरीपाली का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान पंचायत में हुए कार्यों का जायजा लेते हुए उन्होंने भौतिक सत्यापन रिपोर्ट शिकायतकर्ता एम.डी. सागर को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
शिकायतकर्ता व ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बावजूद जनपद सीईओ और जांच अधिकारी अब तक जांच प्रतिवेदन नहीं सौंप रहे हैं।
शिकायतकर्ता सागर ने बताया कि जांच अधिकारी रामनारायण पटेल, गुलाब प्रसाद सामल, डी.एल. बरिहा और जसवंत सिंह पैकरा द्वारा किए गए सत्यापन में भारी अनियमितताएँ उजागर हुई थीं। जांच में यह भी पाया गया कि पंचायत सचिव द्वारा करीब 60 लाख रुपये के बिल प्रस्तुत किए गए, जबकि लगभग 2 करोड़ रुपये के बिलों का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।
साथ ही, साहू इंटरप्राइजेज को किए गए भुगतानों से संबंधित कोई बिल या वाउचर भी उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जांच अधिकारी पूर्व सरपंच और पंचायत सचिव को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, और शिकायतकर्ता को प्रतिवेदन नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि जांच रिपोर्ट तत्काल नहीं सौंपी जाती है, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।