बिलासपुर, 6 अगस्त 2025 – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे की खराब स्थिति को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी पर नाराजगी जताई है। मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रोजेक्ट मैनेजर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया और सवाल दागा – “नेशनल हाईवे कब तक सुधार देंगे?”
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सड़क की बदहाल स्थिति और आए दिन हो रहे हादसों को गंभीरता से लेते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर को तीन सप्ताह के भीतर शपथपत्र देने का आदेश दिया है, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि सड़क की मरम्मत का कार्य कब तक पूरा होगा।
कोर्ट ने जताई गहरी चिंता

हाईकोर्ट ने कहा कि बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे प्रदेश का प्रमुख मार्ग है, जो राजधानी रायपुर को न्यायधानी बिलासपुर से जोड़ता है। इस मार्ग से सरगुजा, बस्तर और अन्य संभागों के लोग आवागमन करते हैं। इसके बावजूद सड़क की हालत बेहद खराब है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

लापरवाही पर फटकार
कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि “नेशनल हाईवे अथॉरिटी मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है।” सड़क पर स्टॉपर और संकेतक बेतरतीब ढंग से पड़े हैं, जो खुद हादसों का कारण बनते हैं।
सुधार की मांग
हाईकोर्ट ने एनएचएआई के वकील से सवाल किया कि वे स्वयं रायपुर जाते होंगे, क्या उन्होंने सड़क की स्थिति नहीं देखी? कोर्ट ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला पूरे राज्य के लिए अहम है, क्योंकि खराब सड़कों की वजह से जान-माल का नुकसान लगातार हो रहा है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा।