CG Crime: जादू-टोने के अंधविश्वास के शक में भतीजे ने हसिया से काटा चाचा का गला, आरोपी गिरफ्तार
जांजगीर चांपा: थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक भतीजे ने जादू-टोना करने की शंका में अपने ही चाचा की धारदार हसिया से गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी। घटना के चंद घंटे बाद ही पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
अकेला ही रहता था पीड़ित
जानकारी के अनुसार पाल मोहल्ला पीपल चौक चांपा निवासी राम प्रसाद पाल (67 वर्ष) शिव मंदिर में पूजा-पाठ करता था और अपने घर में अकेले ही रहता था। रिश्ते में उसका भतीजा अजीत कुमार पाल पिता रामेश्वर पाल (63 वर्ष), जो कोटाडबरी स्थित प्रकाश इंडस्ट्रीज परिसर में ढाबा चलाता है, आए दिन रामप्रसाद पर जादू-टोना करने का आरोप लगाता था। आरोपित अजीत कुमार का कहना था कि इसी कारण से उसका ढाबा ठीक से नहीं चलता। इसी बात को लेकर वह रामपाल से अक्सर विवाद करता और जान से मारने की धमकी देता था।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
21 सितंबर की शाम करीब सात बजे रामपाल के बेटे लक्ष्मण पाल की नाबालिग बेटी किराना दुकान से सामान लेकर लौट रही थी, तभी उसने देखा कि उसके बड़े पापा अजीत पाल उसके दादा राम प्रसाद पाल पर धारदार हसिया से हमला कर रहे हैं। बच्ची ने तुरंत घर जाकर अपने पिता को सूचना दी। जब लक्ष्मण पाल मौके पर पहुंचा तो देखा कि उसके पिता सड़क पर खून से लथपथ पड़ा था, जिसके गले और कनपटी पर गहरे घाव थे। तत्काल उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय ने थाना प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस टीम बनाई गई। आरोपित के घर दबिश देने पर वह फरार मिला, लेकिन मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर पुलिस ने उसे पीआईएल प्लांट के पास से पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपित अजीत पाल ने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने रामपाल की जादू-टोना करने की शंका में धारदार हसिया से गला रेतकर हत्या की। पुलिस ने आरोपित अजीत पाल के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त हसिया जब्त कर लिया है।
आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता, सहायक उपनिरीक्षक अरुण सिंह, प्रधान आरक्षक अमृत सलूजा, नरसिंह वर्मन, अजय चतुर्वेदी, शंकर राजपूत, मुद्रिका दुबे, आकाश कालोसिया, जय उरांव और भूपेंद्र राठौर शामिल थे।