हिन्दी साहित्य के जादुई यथार्थवादी विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’
छत्तीसगढ़ के मशहूर लेखक विनोद कुमार शुक्ल को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 16वें ‘लिटरेचर लाइव! मुंबई लिटफेस्ट 2025’ में ‘गोदरेज लिटरेचर लाइव! लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया जाएगा। 88 वर्षीय शुक्ल अपनी खास ‘जादुई यथार्थवादी’ शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी रचनाएं ‘नौकर की कमीज़’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ दुनियाभर में पसंद की जाती हैं।
शुक्ल का साहित्यिक सफर कई बड़े पुरस्कारों से सजा है। 1999 में ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। 2023 में वे भारत के पहले लेखक बने, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय पेन नबोकोब अवार्ड मिला। 2024 में छत्तीसगढ़ के पहले लेखक के रूप में उन्हें 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
क्या कहा विनोद कुमार शुक्ल ने
हाल ही में हिंद-युग्म प्रकाशन ने उनकी पुस्तकों की छह महीने में 30 लाख रुपये की रायल्टी की घोषणा की, जो हिंदी साहित्य में एक बड़ी उपलब्धि है। अवार्ड लेते हुए शुक्ल ने कहा, “लेखन अपनी आवाज ढूंढने का सफर है, जो कविता से शुरू होकर कविता पर खत्म होता है।”