छत्तीसगढ़ विधानसभा का पिछला चुनाव कब हुवा था क्या था हार जीत का कारण , कांग्रेस को कितनी सीट मिला था और भाजपा को कितना मुख्यमंत्री ने कब ली थी शपथ मौजूदा कार्यकाल कब हो रहा है खत्म ।
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छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव है साथ ही अन्य राज्यो में भी हाल ही के दिनों में राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि हम छत्तीसगढ़ जीत रहे है बता दें की छत्तीसगढ़ में अभी तक कांग्रेस ने अपने प्रत्याशीयो की पहली सूची जारी नही किया है पहले सितंबर के पहले सप्ताह में सूची जारी करने के बात कहा जा रहा था लेकिन इस तारीख को कभी जारी नही किया गया
बाद में 17 से 18 सितम्बर को भी सूची जारी होंने के बात कहा जा रहा था लेकिन इसके बाद भी जारी अभी तक नही हुवा है सायद कांग्रेस पार्टी यह चाहती है कि टिकट वितरण के बाद नाराज नेताओ को बागी और पार्टी विरोधी होने का ज्यादा समय ना मिले जबकी भाजपा ने अपने 21 उम्मीदवार के सूची जारी कर चुका है ।
छत्तीसगढ़ में जब 2018 में चुनाव हुए थे तब किसी को यह अंदाजा नही था की छत्तीसगढ़ में 15 सालों से सत्ता पर राज करने वाली भाजपा बुरी तरह हार जाएगी हमने कई गांव का दौरा किया जिनमे आम आदमी से लेकर भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भी मिले और भाजपा के हार जानने की कोसिस किए जिनमे संविलियन और धान का समर्थन मूल्य और बोनस अहम था पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जो किसानों से बोनस देने का वादा किया था यह भी हार का एक बड़ा कारण माना गया इससे काफी जनता नाराज थे
वही गरीबो का कहना है की रमन सिंह के कार्यकाल में चावल के अलावा और कुछ भी नही मिला
फिलहाल जनता के माने तो इस बार फिर कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है लेकिन इतना ज्यादा सीट से नही ऐसा आम लोगो का कहना है ।
बता दें कि पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में कराया गया था। 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान कराया गया था. पहले दौर में छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाके की 18 सीटों के लिए 12 नवंबर 2018 को मतदान हुआ था, जबकि बाकी 72 सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. वोटों की गिनती 11 दिसंबर 2018 को की गई थी. 11 दिसंबर को घोषित चुनाव परिणामों में कांग्रेस की भारी जीत हुई और इसी के साथ कांग्रेस ने पूरे 15 साल बाद राज्य की सत्ता में वापसी की थी. बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पाटन विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाले कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
Chhattisgarh Assembly election 2023:
कांग्रेस के सामने होगी एंटी-इनकंबेंसी की चुनौती
छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान इनमें सबसे ज्यादा 68 सीटों पर कांग्रेस की शानदार जीत हुई थी, जबकि बीजेपी महज 15 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस (जोगी) को 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 5 सीटें और बहुजन समाज पार्टी (BSP) को 2 सीटें मिली थीं. इस बार भी छत्तीसगढ़ की राजनीति में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में ही है. लेकिन सवाल ये है कि क्या सत्ताधारी कांग्रेस को इस बार एंटी-इनकंबेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा?
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा अक्टूबर 2023 तक किए जाने की उम्मीद है. राज्य में चुनाव दो चरणों में कराया जा सकता है. ECI जैसे ही चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा, आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी. छत्तीसगढ़ विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को खत्म हो रहा है.