छत्तीसगढ़ के महासमुंद जीले के सरायपाली विधानसभा अंतर्गत आने वाले ( बूढ़ा डोंगर ) सिसुपाल पर्वत को आज पिकनिक स्पॉट और ट्रैकिंग पॉइंट के बारे में तो सब जानते है लेकिन बहुत ही कम ही लोग है जो उस सिसुपाल पर्वत की गौरवशैली इतिहास को जानते है अब शिशुपाल पर्वत पर दूर दूर व अन्य जिलों से सिसुपाल पर्वत पिकनिक स्पॉट और ट्रैकिंग पॉइंट के लिए जगह बन चूका है काफी दिनों से सरकार की अनदेखी की वजह से शिशुपाल पर कोई देख रेख नहीं होने से यहां की पर्यवारण कूड़े कचड़े से भर रहा था ऊपर पिकनिक की तौर पर जगह जगह डिस्पोलजल और दोना पत्तल फेके जा रहे थे लेकिन अब वहां वैसा नहीं होगा वन विभाग द्वारा शिशु पाल पर्वत सैर करने वालो के लिए कुछ नियम शर्ते बना दिया गया है आवश्यक सूचना
शिशुपाल पर्वत के प्रमुख द्वार पर पर वन विभाग के आदेशानुसार गठित समिती द्वारा बेरियर बनाकर ,पर्वत मे चढ़ने वाले प्रति व्यक्ति पर 20 रु शुल्क लिये जाने का प्रावधान किया गया है।
जिसके लिये आज सुबह से समिती के सुरक्षा गार्ड मौजूद हैं। इसके अलावा,
शिशुपाल पर्वत की निचे या ऊपर प्लास्टिक का उपयोग करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, शिशुपाल पर्वत पर मदिरा पान करना पूर्ण वर्जित कर दिया गया है इसके पहले ऊपर मे ही शराब सेवन करते नजर आते थे बिना अनुमति के पर्वत के ऊपर टेंट लगाना वर्जित है वन विभाग ने शिशुलाप पर्वत पर आग लगाने से लेकर पेड़ काटने और कूड़ा कचड़ा फ़ैलाने से लेकर पूर्ण प्रतिबंध कर दिया गया है वन विभाग का मानना है की यहां जैव विविधता से पूर्ण एक दर्शनीय स्थल है!
शिशुपाल पर्वत जा रहे है सावधान नियम तोड़ने पर 15 हजार जुर्माना और एक साल की जेल
शिशुपाल पर्वत के प्रमुख द्वार पर पर वन विभाग के आदेशानुसार गठित समिती द्वारा बेरियर बनाकर ,पर्वत मे चढ़ने वाले प्रति व्यक्ति पर 20 रु शुल्क लिये जाने का प्रावधान किया गया है। तथा नियम तोड़ने पर 15 हजार तक की जुर्माना और एक साल तक की जेल हो सकता है वन विभाग ने पहली बार ऐसे कड़ा नियम बनाया है जिसमे पर्वत और वन संरक्षण को लेकर बनाए गए है
जिसके लिये आज सुबह से समिती के सुरक्षा गार्ड मौजूद हैं। इसके अलावा,
शिशुपाल पर्वत की निचे या ऊपर प्लास्टिक का उपयोग करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, शिशुपाल पर्वत पर मदिरा पान करना पूर्ण वर्जित कर दिया गया है इसके पहले ऊपर मे ही शराब सेवन करते नजर आते थे बिना अनुमति के पर्वत के ऊपर टेंट लगाना वर्जित है वन विभाग ने शिशुलाप पर्वत पर आग लगाने से लेकर पेड़ काटने और कूड़ा कचड़ा फ़ैलाने से लेकर पूर्ण प्रतिबंध कर दिया गया है वन विभाग का मानना है की यहां जैव विविधता से पूर्ण एक दर्शनीय स्थल है तथा नियम तोड़ने वालो को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) क ( ख ) ( ग ) (घ ) ( ड )( च )( छ ) के तहत राज्य सरकार द्वारा इस निर्मित बनाए गए किसी नियम के उल्लंघन पर एक वर्ष तक की कारावास और 15 हजार जुर्माना से दण्डित किया जाएगा
भैना राजाओं का इतिहास
सिसुपाल पर्वत की ऊंचाई तल से हजारो फिट ऊपर है जहां तक आज पिकनिक स्पॉट है लेकिन उसके ऊपर और कई किलोमीटर क्षेत्र में शिशु पाल पर्वत फैला जो राजाओं और सैनिकों के लिए एक अभेद किला था और किले में सस्त्र और सैनिक और इस पर्वत में भी गुप्त सुरंगे और रास्ते बताया जाता है की अंग्रेजी सल्तनत द्वारा आक्रमण के बाद जब अंतिम राजा और सैनिकों द्वारा अंग्रेजो के मध्य भयंकर लड़ाई लड़ा गया था युद्ध मे अंतिम राजा के मारे जाने के बाद ही 7 रानियों ने मर्यादा की रक्षा के लिए 1 हजार फीट की चोटी से घोड़ो पर पट्टी बांधकर छलांग लगा दिए और इसी का नाम घोड़ा धार पड़ा ।
यहाँ एक प्राचीन शिव मंदिर हैं। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर के बाहर आज भी मकर संक्रांति के अवसर पर विशाल मेला लगता है। हज़ारों की संख्या में श्रृद्धालु यहां आते हैं। कहते हैं इस सूर्यमुखी मंदिर में पहले हनुमान सिक्का जड़ा हुआ था। जिसे बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता था। लेकिन अब यह सिक्का यहां से गायब है।
यहाँ एक बहुत लंबी सुरंग है। नदी की रेत ने अब इस सुरंग का मार्ग अवरुद्ध कर दिया है लेकिन स्थानीय निवासी बताते हैं कि सुरंग के भीतर अब भी राजा के अस्त्र-शस्त्र पड़े हुए हैं।
इस पर्वत के इर्द-गिर्द बहुत सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ देखी जा सकती हैं। शतावर और अश्वगंधा खासकर यहां बहुत अच्छी मात्रा में हैंं। शिशुपाल पर्वत को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जाने की तैयारियां शुरू हो ही चुकी हैं हालांकि पहले से भी यहां पर्यटक आते रहे हैं। लेकिन आगे सुविधाएं और बेहतर होंगी। यदि आप भी शिशुपाल पर्वत की ट्रिप प्लान करते हैं तो आप छत्तीसगढ़ के महासमुंद रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं। या फिर विवेकानंद हवाई अड्डे, रायपुर तक आने के बाद कैब से आगे का सफ़र कर सकते हैं।