रायगढ़। रायगढ़ से रायपुर जाने वालों को सराईपाली होकर ही गुजरना पड़ता है, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) की हालत अब भी दयनीय है। सरकार ने 2015 में रायगढ़-सराईपाली 86 किमी एनएच को टू-लेन बनाने का टेंडर जारी किया था, लेकिन दस साल बाद भी निर्माण अधूरा है।
अब तक तीन ठेका कंपनियां काम संभाल चुकी हैं, मगर किसी ने भी समय पर निर्माण पूरा नहीं किया। सरकार और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि सड़क पूरी होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।
यात्रियों को परेशानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रायगढ़ से सराईपाली 92 किमी तय करने में उतना ही समय लगता है जितना सराईपाली से रायपुर 155 किमी तय करने में लगता है।
टुकड़ों में बंटा निर्माण, समय सीमा नजदीक
एनएच का काम तीन हिस्सों में बांटा गया है।
सारंगढ़ से सराईपाली तक 29.960 किमी निर्माण की मंजूरी 23 फरवरी 2024 को मिली, जिसका काम 17 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ। इसे 16 जून 2025 तक पूरा करना है।
सारंगढ़ से दानसरा तक 13.676 किमी निर्माण भी 17 दिसंबर 2024 से शुरू होना था, लेकिन काम बेहद धीमा है। इस हिस्से में सड़क बीच से फट चुकी है। इसकी समय सीमा 16 सितंबर 2025 तय है।
महानदी पर पुल बना रोड़ा
एनएच का सबसे बड़ा अवरोध महानदी पर नए पुल का निर्माण है। एरा कंपनी ने 2021 से पहले कुछ पिलर्स बनाए थे, लेकिन वे जस के तस पड़े हैं। 3 दिसंबर 2024 को चंद्रपुर रि-एलाइनमेंट (5.560 किमी) के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब तक टेंडर प्रक्रिया ही चल रही है।
जनता में आक्रोश, जिम्मेदारी तय नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग ठेकेदारों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा। सड़क की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जबकि सरकारी मशीनरी का रवैया सुस्त है। अब जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार समयबद्ध कार्रवाई करे और रायगढ़-सराईपाली एनएच का सपना पूरा हो।