ओम हॉस्पिटल, सरायपाली – रूमेटाइड आर्थराइटिस पर विजय की सच्ची कहानी
ग्राम कऊहाकुंडा निवासी श्री खिरसाय नायक (उम्र 65 वर्ष) पिछले कई वर्षों से गठिया-वात (Rheumatoid Arthritis) से परेशान थे।यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति (immune system) गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला करने लगती है।धीरे-धीरे जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न बढ़ने लगती है, और समय के साथ हड्डियाँ और जोड़ घिसकर कमजोर हो जाते हैं।
श्री नायक को शुरुआत में हल्का दर्द और सूजन महसूस होती थी।उन्होंने सोचा — “उम्र का असर है” — और कुछ घरेलू उपचार और सामान्य दवाएँ लीं।कुछ समय के लिए आराम मिला, लेकिन रूमेटाइड आर्थराइटिस का असर धीरे-धीरे बढ़ता गया। सुबह उठते ही घुटनों में जकड़न रहती, चलने में तकलीफ़ होती, और धीरे-धीरे वे बिना सहारे चल नहीं पा रहे थे।परिवार को चिंता थी, पर उम्मीद नहीं टूटने दी।उन्होंने कई जगह इलाज कराया — पर हर बार वही नतीजा,दवाओं का असर कुछ समय बाद कम हो जाता,दर्द और सूजन फिर लौट आते।
इसी बीच किसी ने बताया—“अब सरायपाली के ओम हॉस्पिटल में घुटना प्रत्यारोपण (Knee Replacement) की सुविधा है, और वहाँ डॉ. सौरभ अग्रवाल, अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन, गठिया-वात जैसे जटिल रोगों में विशेषज्ञ हैं।”परिवार ने श्री नायक को ओम हॉस्पिटल, सरायपाली पहुँचाया।
डॉ. सौरभ अग्रवाल ने जांच के बाद विस्तार से समझाया — “यह रूमेटाइड आर्थराइटिस है, जो धीरे-धीरे आपके जोड़ों को नुकसान पहुँचा रहा है। दवाइयाँ शुरुआती स्टेज में असर करती हैं, लेकिन जब जोड़ों की हड्डियाँ पूरी तरह घिस जाती हैं, तब केवल सर्जरी — यानी टोटल नी रिप्लेसमेंट ही स्थायी समाधान होती है।” डॉ. साहब ने बताया कि श्री नायक के लेफ्ट घुटने की हड्डियाँ लगभग खत्म हो चुकी हैं।उन्होंने पूरी प्रक्रिया समझाई और भरोसा दिलाया कि सही सर्जरी से वे फिर से सामान्य जीवन जी सकते हैं।
*फिर वह दिन आया —लेफ्ट साइड टोटल नी रिप्लेसमेंट (Left TKR) सफलतापूर्वक किया गया।और ऑपरेशन के अगले दिन ही श्री खिरसाय नायक बिना दर्द के धीरे धीरे चलने लगे।परिवार और डॉक्टर की टीम के चेहरों पर सच्ची मुस्कान थी —भरोसे की जीत हो चुकी थी। तीन साल बाद…उन्हें अब राइट घुटने में वही समस्या महसूस होने लगी। परिवार ने रायपुर जाने की बात की,
लेकिन श्री नायक ने दृढ़ स्वर में कहा —>“जहाँ से मुझे पहली बार राहत मिली, वहीं मेरा भरोसा है — ओम हॉस्पिटल, सरायपाली।” फिर उन्होंने दोबारा ओम हॉस्पिटल के डॉ. सौरभ अग्रवाल से संपर्क किया। राइट साइड टोटल नी रिप्लेसमेंट (Right TKR) भी पूरी तरह सफल रहा।
अब श्री खिरसाय नायक दोनों पैरों से बिना दर्द के, आत्मविश्वास से चल रहे हैं। कभी जो दर्द कदम रोक देता था, अब वही कदम नई दिशा दे रहे हैं।
🌿 आज वे अपने गाँव कऊहाकुंडा में सबको यही कहते हैं —
> “गठिया या रूमेटाइड आर्थराइटिस को नज़रअंदाज़ मत कीजिए।
यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को तोड़ देती है।
शुरुआत में दवा काम करती है,
लेकिन जब असर कम होने लगे, तो डरिए मत —
सही सर्जरी ही जीवन को फिर से नया बना सकती है।”
यह कहानी केवल श्री खिरसाय नायक की नहीं, बल्कि उन सैकड़ों मरीजों की है जिन्होंने ओम हॉस्पिटल, सरायपाली में दर्द से राहत और जीवन में नई ऊर्जा पाई है।
ओम हॉस्पिटल, सरायपाली में
🔹 रूमेटाइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे रोगों का विशेषज्ञ उपचार
🔹 अत्याधुनिक उपकरण
🔹 प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ
🔹 और पारिवारिक देखभाल का माहौल सब कुछ एक ही छत के नीचे उपलब्ध है।
डॉ. सौरभ अग्रवाल कहते हैं — “रूमेटाइड आर्थराइटिस का इलाज केवल दवा नहीं, बल्कि समय पर निर्णय, सही सर्जरी और मरीज का विश्वास — यही असली उपचार है।”
आज ओम हॉस्पिटल, सरायपाली न सिर्फ इलाज का केंद्र है,बल्कि भरोसे, आधुनिक चिकित्सा और नई उम्मीद का प्रतीक बन चुका है।
— आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता -ओम हॉस्पिटल, सरायपाली📞 संपर्क हेतु – 07725-299360,8370008558


