सरायपाली/ 1008 भव्य कलश यात्रा के साथ 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ
सरायपाली/ अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के मार्गदर्शन में गायत्री परिवार ट्रस्ट सरायपाली द्वारा क्षेत्रवासियों के सहयोग से दिनांक 31 दिसम्बर से 03 जनवरी 2026 तक नई मंडी के सामने मेन रोड सरायपाली में आयोजित राष्ट्रीय शौर्य समृद्धि 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत 1008 महिलाओं द्वारा भव्य मंगल कलश यात्रा के साथ हुई। गायत्री शक्ति पीठ सरायपाली की महिला मंडल, प्रज्ञा मंडल के नेतृत्व में 1008 महिलाएं पीली पोशाक धारण कर गायत्री शक्ति पीठ के पास सरायपाली में एकत्र हुई फिर वहां से दोपहर बाद गाजे-बाजे, नृत्य, कीर्तन के साथ भव्य कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। कशल यात्रा मेन रोड जय स्तंभ चौक से होते हुए बड़ा तालाब पहुंची।
जहां वरुणदेव का पूजन हुआ। पूजन के पश्चात महिलाओ द्वारा जल से भरे मंगल कलश को शिरोधार्य कर बस्ती सरायपाली चौक, पोस्ट आफिस, बस स्टैण्ड से होते हुए शाम को गायत्री शक्ति पीठ के पास स्थित यज्ञशाला पहुंची। कलश यात्रा में नारी जन जागरण व कन्या भ्रूण हत्या विरोधी, नशा मुक्ति के नारे भी लगाए जा रहे थे।9 किलोमीटर लंबा सफर तय करने के बाद भव्य कलश शोभायात्रा का समापन यज्ञ शाला में हुआ वहां शांतिकुंज हरिद्वार से आई टोली के नायक आचार्य श्री प्रमोद बारचे के साथ ऋषिपुत्र सर्वश्री जयसिंह राजपूत, शिवम एवं श्यामलाल ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलशों की स्थापना कराई। आचार्य श्री प्रमोद बारचे ने देवमंच से उद्बोधन दिया कि आने वाला समय नारी युग का होगा। भारतीय संस्कृति को विश्व संस्कृति बनाने के लिए हमारी नारी शक्ति आगे आएं और अपना समय व प्रतिभा का नियोजन करें। नारी शक्ति के माध्यम से ही परिवार में संस्कारों की स्थापना हो सकती है तथा परिवार, समाज तथा देश का नव निर्माण संभव है। आयोजक मंडल ने बताया कि महायज्ञ हेतु देवस्थापना एवं वेदी पूजन गुरुवार की सुबह संपन्न होगा उसके बाद तीन दिन तक गायत्री मंत्र, महामृंत्युजय मंत्र एवं वेद मंत्रों के साथ हवन में जड़ी बूटियों से निर्मित शाकल्य की आहुतियां दी जाएंगी। हर कुंड पर तीन -तीन जोड़े (6 जने) और एक-एक साधक बैठेंगे। यज्ञ के दौरान समस्त प्रकार के संस्कार निःशुल्क किये जायेंगे, इस हेतु पूर्व पंजीयन अनिवार्य होगा।*



