महासमुंद सिरपुर / खजाने के तलाश प्राचीन अवशेष के अलावा दो तहखना दो बड़ा संदूक रखने का स्थान नजर आ रहा भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता ने क्या आरोप लगाया है?फोटो देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राचीन अवशेष के अलावा दो तहखना दो बड़ा संदूक रखने का स्थान नजर आ रहा है। क्या खाली स्थानों पर खजाने का भंडार रहा होगा? ऐसे कई सवाल उठ रहा
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छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पुरातात्विक नगरी सिरपुर के कक्ष क्रमांक 04 आरक्षित वन में गड़ा धन की आशंका में अवैध खुदाई का मामला सामने आया है. कुछ अज्ञात लोगों ने आरक्षित स्थान पर 6 फुट गहरी खुदाई कर दी, जिसमें पुरातात्विक महत्व के कुछ पिलर आदि निकले हैं. खुदाई कर पिलरों को वहीं छोड़कर अज्ञात आरोपी मौके से फरार हो गए हैं. मामले की सूचना पर वन विभाग ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई शुरु कर दी है.

वहीं इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश भर में कानून व्यवस्था किस हाल में है यह पेंड्रा में घटित घटना से समझा जा सकता है. संरक्षित सिरपुर में जेसीबी से खुदाई की जा रही है. कीमती मूर्तियों की चोरी हो रही है. सरकार नाम की चीज ही गायब हो गई है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अंकित बागबाहरा ने कहा कि आज सिरपुर में खुदाई की खबरें सामने आई जो कि बहुत ही बहुत गंभीर मामला है और उसका वीडियो और फ़ोटो देख के स्पष्ट दिख रहा है कि उसमें कोई बड़ा बक्सा, संदूक और अन्य अत्यंत बहुमूल्य,बेशकीमती समान रहा होगा जिसे बाकायदा पूजा करके हटाया गया है । अंकित ने बताया कि सिरपुर के इतिहास की जड़ें दूसरी से सातवीं सदी तक जाती हैं। सिरपुर का उल्लेख गुप्त काल (चौथी से छठी सदी) और सोमवंशी शासकों (सातवीं से दसवीं सदी) के समय में मिलता है।

सिरपुर जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर अवैध खुदाई एक गंभीर अपराध है , भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्थलों पर अवैध खुदाई भारतीय पुरातत्व अधिनियम, 1958 के तहत एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में भी आता है ।छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद ऐसी बड़ी पहली घटना साय की भाजपा सरकार के समय होना उनके संरंक्षण में हुआ प्रतीत हो रहा है,क्योंकि जिस प्रकार से चीजों को छुपाया जा रहा है । इस तरह की गतिविधियों न केवल आपराधिक है बल्कि यह राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर के साथ भी खिलवाड़ है।
अंकित ने कहा कि तत्काल इस पर भारतीय पुरातत्व अधिनियम, 1958 की धाराओं 19 व 30 के साथ साथ आईपीसी की धारा 379,403,425,441 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया जाए,और अंतराष्ट्रीय महत्व की बेशकीमती मूर्तियां,सामानों की हुई इस चोरी को तत्काल उजागर किया जाए और इसमें शामिल गिरोह को सामने लाया जाए व उच्चस्तरीय सूक्ष्म जांच की जाए ताकि सच सामने आ सके, और चोरी की गई सामग्री को देश से बाहर जाने से रोका जाए । और पूरे सिरपुर क्षेत्र को पुनः जांचा जाए कि और कहीं तो ऐसा नहीं हो चुका है ।
इस तरह राष्ट्र की संपत्ति को भारी नुकसान होना या देश की सांस्कृतिक धरोहर को गंभीर खतरा पहुंचाना निश्चित तौर पर अक्षम्य है और तो इसके खिलाफ कठोर से कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ये मिसाल बने और आगे चोरी करने की हिम्मत कोई न कर पाए ।