बसना: मालवाहक वाहनों पर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं लोग, हादसों के बाद भी नहीं सुधर रही स्थिति
बसना, – क्षेत्र में मालवाहक वाहनों पर सवारियों का बैठना आम बात बनती जा रही है। शासन और प्रशासन की सख्ती के बावजूद ग्रामीण इलाकों में लोग जान जोखिम में डालकर ट्रैक्टर-ट्रॉली, पिकअप और अन्य मालवाहक वाहनों में यात्रा कर रहे हैं। न तो वाहन चालकों को इसका डर है, न ही सवारियों को अपनी जान की फिक्र।

हाल के पिछले सालो में इस खतरनाक सफर ने कई लोगों की जान ले ली है और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बावजूद न प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई हो रही है और न ही लोगों की मानसिकता में कोई बदलाव दिखाई दे रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की सुविधाओं की कमी और समय की बचत के चलते लोग मजबूरी में मालवाहक वाहनों को ही अपनाने पर विवश हैं। कई बार स्कूली बच्चे भी इन्हीं वाहनों में लटकते देखे जा सकते हैं। ऐसे वाहनों में ना तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होती है, और ना ही कोई सुरक्षा उपाय।

एक स्थानीय नागरिक ने बताया, “हमारे गांव से बस की सुविधा नहीं है, मजबूरी में ट्रॉली में बैठकर बाजार या अस्पताल जाना पड़ता है।” वहीं कुछ वाहन चालक यात्रियों से किराया लेकर मालवाहन को सवारी वाहन की तरह चला रहे हैं, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है।
हालात यह हैं कि कई वाहन खुले आम ओवरलोड होकर चल रहे हैं और सवारियाँ वाहन के किनारों पर लटकी रहती हैं, जिससे संतुलन बिगड़ते ही दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
अब समय आ गया है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई करे और लोगों को भी अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो एक और हादसा बस इंतजार कर रहा होगा।



