छत्तीसगढ़ : युक्तियुक्तकरण योजना से ग्रामीण शिक्षा में सकारात्मक बदलाव जीव विज्ञान विषय हुआ सरल, विद्यार्थियों में लौटी पढ़ाई की रुचि
राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण योजना के सकारात्मक परिणाम अब धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। इस योजना के अंतर्गत दूरस्थ व वनांचल क्षेत्रों में पदस्थ विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो रही है। इसी क्रम में कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मांचाडोली में जीव विज्ञान विषय की शिक्षिका सुश्री राजमणि टोप्पो की पदस्थापना की गई है। उनकी पोस्टिंग से विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला है।
पूर्व में विद्यालय में जीव विज्ञान विषय के शिक्षक की अनुपलब्धता के कारण विद्यार्थियों को इस विषय की जटिल अवधारणाओं को समझने में कठिनाई होती थी। विज्ञान विषय के अन्य शिक्षक यह विषय पढ़ा तो रहे थे, लेकिन विशेषज्ञता के अभाव में बच्चों की गहराई से समझ विकसित नहीं हो पा रही थी। वर्तमान में सुश्री टोप्पो द्वारा मॉडल, चार्ट, विषयानुरूप उदाहरण और संवादात्मक शिक्षण विधियों के माध्यम से पढ़ाई को रुचिकर और सरल बना दिया गया है। इससे न केवल विद्यार्थियों की विषय में समझ बढ़ी है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और जिज्ञासा का विकास भी हुआ है।

कक्षा 12वीं के छात्र दीक्षांत दास मानिकपुरी ने बताया कि पहले हम कोशिका, डीएनए, हार्माेन जैसे शब्दों में उलझे रहते थे, अब हर विषय वस्तु को आसानी से समझ पा रहे हैं। पादपों, जंतुओं व सूक्ष्म जीवों की संरचना को भी गहराई से समझने लगे हैं। इसी प्रकार छात्रा नंदनी यादव ने कहा कि अब चित्र बनाना, समझना और याद रखना पहले से आसान हो गया है। हर विषय को सरलता से समझाने की शिक्षिका की कला ने हमारे भीतर पढ़ाई के प्रति रुचि जगा दी है। वहीं छात्रा यास्मीन ने बताया कि अब हम प्रश्न पूछने में संकोच नहीं करते। शिक्षिका हमें प्रेरित करती हैं और यह बात हमें आत्मविश्वास देती है।

शिक्षिका सुश्री राजमणि टोप्पो का कहना है कि बच्चों में सीखने की जबरदस्त इच्छा है, आवश्यकता है उन्हें सही मार्गदर्शन देने की। मैंने प्रयास किया है कि प्रत्येक विषयवस्तु को उनके दैनिक जीवन से जोड़कर समझाया जाए, जिससे वे उसे सहज रूप से आत्मसात कर सकें। प्राचार्य श्री के. आर. भारद्वाज ने बताया कि शासन की इस पहल से विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। इससे भविष्य में परीक्षा परिणामों में भी उल्लेखनीय सुधार आने की संभावना है।
युक्तियुक्तकरण के तहत आवश्यकता वाली ग्रामीण अंचल की शालाओं में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की पदस्थापना एक दूरदर्शी पहल तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।