NTPC का Deputy GM 4.5 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, 16 लाख मुआवजे के बदले मांगे 5 लाख
रायगढ़: एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक को साढ़े चार लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर की टीम ने तिलाईपाली के रहने वाले सौदागर गुप्ता की शिकायत पर रायकेरा घरघोड़ा में छापामार कार्रवाई की थी। वह पुनर्वास की 16 लाख बकाया राशि के भुगतान एवज में गुप्ता से रिश्वत ले रहे थे।
गुप्ता ने एसीबी में की गई शिकायत में बताया था कि उनके तिलाईपाली गांव स्थित मकान का तीन हिस्सों में मौखिक बंटवारा हो चुका है। इसमें वह तथा उनके दो पुत्र निवासरत हैं। मकान वाली जमीन का एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहण किए जाने पर उन्हें जमीन और मकान की मुआवजा राशि मिल चुकी है, लेकिन पुनर्वास के लिए उनके पुत्रों को करीब 30 लाख विजय दुबे पांच लाख रुपये रिश्वतरुपए और मिलना है।

इसमें से 14 लाख रुपये उनके पुत्रों को मिल चुके हैं। 16 लाख रुपये भुगतान कराने के एवज में उप महाप्रबंधक की मांग कर रहे थे। इसमें से 50 हजार रुपये अग्रिम के रूप में ले लिया गया था। सौदागर गुप्ता ने इसकी शिकायत एसीबी से की थी।

शिकायत सत्यापन पश्चात दुबे को कार्यालय में साढ़े चार लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रविधान के तहत कार्यवाही की गई है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर तीन से सात साल की जेल का प्रविधान है। इसके अलावा, अपराधी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इस वर्ष एसीबी की कार्रवाइयां
सितंबर 2025 : बलरामपुर में पटवारी मोहन सिंह को जमीन बंटवारे के लिए 13 हजार की रिश्वत लेते दबोचा गया।
सितंबर 2025 : सूरजपुर में क्लर्क प्रमोद यादव को नक्शा काटने के एवज में 20 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
जुलाई 2025 : रायपुर में जमीन नामांतरण के लिए 25 हजार रिश्वत के साथ पटवारी पुष्पेंद्र गजपाल सहित तीन गिरफ्तार।
जून 2025 : रायपुर में स्वास्थ्य विभाग के क्लर्क चवाराम बंजारे को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
जून 2025 : जगदलपुर में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता अजय कुमार टेम्बुरने को दो लाख की रिश्वत के साथ पकड़ा।
अप्रैल 2025 : रायपुर में बिजली कनेक्शन के लिए 25,000 की रिश्वत लेते हुए सहायक इंजीनियर प्रवीण साहू को गिरफ्तार किया गया।
पांच साल में 124 को रिश्वत लेते दबोचा
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा पिछले पांच साल में 124 अधिकारी और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसमें 2019 में 17 लोग, 2020 में 22 लोग, 2021 में 14 लोग, 2022 में 18 लोग और 2023 के दौरान रिश्वतखोरी के एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किए गए थे। ईओडब्ल्यू और एसीबी ने 2024 में कार्रवाई करते हुए 56 अधिकारियों और कर्मचारियों को पकड़ा। इसमें सबसे ज्यादा राजस्व विभाग के 36 अधिकारी और कर्मचारी शामिल है।