साय केबिनेट के विस्तार के बाद नए मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी, जिलों का प्रभार में बड़ा फेरबदल
छत्तीसगढ़: प्रदेश में साय मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद नये मंत्रियों गुरु खुशवंत साहेब, गजेंद्र यादव और राजेश अग्रवाल को जिलों की भी जिम्मेदारी दे दी गई है। साथ ही प्रदेश के कई महत्वपूर्ण जिलों का प्रभार भी बदल गया है। राज्य सरकार ने नये मंत्रियों को प्रभारी बनाते हुए आदेश जारी कर दिया हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को चार जिलों दुर्ग, बालोद, मोहला मानपुर-अंबागढ़ चाकी और बस्तर का प्रभारी बनाया गया है। बताया जाता है कि बस्तर माओवादी हिंसा प्रभावित इलाका होने के कारण विशेष ध्यान देने की जरूरत है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि विजय शर्मा की निगरानी में जिले में विकास और सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को और रफ्तार मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को बलौदाबाजार-भाटापारा, महिला व बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को बलरामपुर-रामानुजगंज, कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब को सक्ती, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव को राजनांदगांव और पर्यटन व संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (जीपीएम) जिले का प्रभार सौंपा गया है।

राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बढ़ रही: स्वास्थ्य मंत्री जासवाल
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जासवाल ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ की महतारी, हम सबकी जिम्मेदारी अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बढ़ रही हैं। शिशु और मातृ मृत्यु दर को आने वाले समय में शून्य करने का लक्ष्य है। देश में 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसी अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य, महिला व बाल विकास विभाग और यूनिसेफ के द्वारा अभियान चलाया जा रहा है।
उन्हाेंने कहा कि मां से ही संपूर्ण सृष्टि का आधार होता है। ऐसे में प्रसव के दौरान किसी की मौत सभी के लिए दुख की बात होती है। राज्य गठन के समय मातृ मृत्यु की दर 365 थी, जो वर्तमान में 141 और शिशु मृत्यु दर 79 से 38 हो चुकी है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ से ही स्वस्थ भारत बनेगा।
साथ ही देश को विकसित बनाने में स्वास्थ्य की अहम भूमिका होगी। स्वास्थ्य सेवाएं संचालक डा. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि अभियान के माध्यम से न केवल माताओं को समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने पर बल दिया जा रहा है, बल्कि प्रदेश के उन 30 विकासखंडों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जहां मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक है।