प्रेम, विश्वासघात और साजिश की कहानी: एक साल बाद सुलझी आकाश हत्याकांड की गुत्थी महासमुंद पुलिस ने घोड़ारी तालाब में मिले अज्ञात शव की गुत्थी को एक साल बाद सुलझा लिया है। यह शव गीतांजलि नगर रायपुर निवासी आकाश सिंह का था, जिसकी हत्या प्रेम-प्रसंग और विश्वासघात के चलते की गई थी।
शव की पहचान और जांच की कड़ी 29 सितंबर 2024 को घोड़ारी तालाब में एक अज्ञात शव मिला था। शुरुआती दौर में पुलिस पहचान नहीं कर पाई। तीन माह बाद 5 जनवरी 2025 को रायपुर के खम्हारडीह थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई, जिसके बाद क्राइम डेटा एनालिसिस और शिनाख्त के आधार पर शव की पहचान आकाश के रूप में हुई।
प्रेम-प्रसंग से जन्मी दुश्मनी
जांच में खुलासा हुआ कि आकाश की नजदीकियां लवली सिंग नामक युवती से बढ़ी थीं, जो पहले से अभिनव सिंग के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रही थी। अगस्त 2024 में आकाश लवली को लेकर भागा और दोनों ने शादी भी कर ली। यह बात अभिनव और लवली के परिजनों को नागवार गुज़री।
हत्या की रात और तालाब तक सफर
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25 सितंबर 2024 को लवली के पिता अभिलाख सिंह ने दोनों को घर बुलाया। वहां आकाश और अभिनव के बीच विवाद हुआ जो मारपीट में बदल गया। गुस्से में आकर अभिनव, उसके पिता और भाइयों गौरव व वीरू ने आकाश को पीट-पीटकर मार डाला। शव को छिपाने के लिए स्कूटी में रखकर महासमुंद लाए और घोड़ारी तालाब में फेंक दिया। दो दिन बाद 27 सितंबर को शव पानी में तैरता मिला।
पुलिस की पैनी पड़ताल में खुली परतें
लवली को हिरासत में लेने पर उसने हत्या की साजिश और सच्चाई कबूल कर दी। बताया गया कि हत्या के बाद उसने साक्ष्य मिटाने में मदद की और वापस अपने पुराने आशिक अभिनव के साथ रहने लगी। सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालकर वह परिवार और पुलिस को गुमराह करती रही।
एक साल बाद परिजनों को मिला शव
शिनाख्त न होने के कारण शव को दफना दिया गया था। लेकिन नए साक्ष्यों और कबूलनामे के बाद पुलिस ने 24 सितंबर 2025 को कब्र खोलकर शव को परिजनों को सौंपा। करीब एक साल बाद आकाश के परिवार को उसका अंतिम दर्शन नसीब हुआ।
पांच आरोपी जेल भेजे गए
पुलिस ने लवली सिंग, अभिनव सिंग, अभिलाख सिंह, गौरव और वीरू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उन पर धारा 103(ए), 238 और 61(2) के तहत हत्या और सबूत छुपाने का अपराध दर्ज किया गया है।