बसना : शरद पूर्णिमा पर पारंपरिक श्री मामा-भाचा मेला हर्षोल्लास से संपन्न पूर्व कलेक्टर माननीय श्री के. एल. चौहान के सपरिवार उपस्थिति दर्ज की।
खोकसा (महासमुंद): ग्राम खोकसा में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी शरद पूर्णिमा के अवसर पर पारंपरिक श्री मामा-भाचा मेला का आयोजन बड़े हर्ष और उत्साह के साथ किया गया। यह मेला ग्रामवासियों की आस्था और एकता का प्रतीक माना जाता है, जिसमें गांव के लोग एक साथ मिलकर धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
इस वर्ष के आयोजन की विशेषता रही कि कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पूर्व कलेक्टर माननीय श्री के. एल. चौहान जी तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती उर्मिला चौहान जी ने सपरिवार उपस्थिति दर्ज की। ग्रामवासियों ने पुष्पमालाओं एवं पारंपरिक तरीके से उनका हार्दिक स्वागत किया।
ग्राम पंचायत खोकसा के सरपंच बाबूलाल दीवान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए ग्राम में आयोजित इस पारंपरिक मेले के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि ग्राम एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती देता है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मोहन दीवान, हेतराम साहू, प्रेमकुमार सोनी, रुक्मण चौहान, मनबोध तांडी, पवन दीवान, राजू सागर, संजय चौहान, सेतराम दीवान, समारू लाल चौहान सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
शाम के समय आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने लोकगीतों और नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से मेला स्थल को आनंदमय बना दिया। पूर्णिमा की चांदनी रात में पूरा खोकसा गांव उत्सव की रोशनी से जगमगा उठा।
ग्रामवासियों ने कहा कि इस तरह के आयोजन से सामाजिक एकजुटता और पारंपरिक संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का अवसर मिलता है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक भजन एवं प्रसाद वितरण के साथ किया गया।