महासमुंद/कलेक्टर ने ली आदि कर्मयोगी अभियान की समीक्षा बैठक ग्राम एक्शन प्लान व्यवहारिक और क्रियान्वयन योग्य हो – कलेक्टर श्री लंगेह
महासमुंद/ कलेक्टर श्री विनय लंगेह की अध्यक्षता में आज शाम कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आदि कर्मयोगी अभियान की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने ग्राम एक्शन प्लान की गहन समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम का एक्शन प्लान 11 बिंदुओं पर आधारित हो तथा उसमें समस्याएं और उनके समाधान व्यवहारिक रूप से शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनाते समय आगामी वर्ष 2030 तक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया जाए, ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो सके।कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय और अंतर्विभागीय चर्चा के साथ अपने-अपने सुझाव शामिल करें। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित करे कि ग्राम एक्शन प्लान केवल सैद्धांतिक न होकर जमीनी हकीकत से जुड़ा हो और उसका वास्तविक क्रियान्वयन संभव हो।
उन्होंने बताया कि जिले के 308 ग्रामों में धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत आदि कर्मयोगी अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जनजातीय समुदाय के समग्र विकास हेतु वर्ष 2030 तक की रूपरेखा तैयार की जा रही है। ग्राम एक्शन प्लान तैयार होने के उपरांत अब जिला एक्शन प्लान भी बनाया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि यह अभियान शासन की प्राथमिकता का हिस्सा है और इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में स्थायी विकास के लिए योजनाबद्ध प्रयास सुनिश्चित करना है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओं के प्रत्येक बिंदु पर गंभीरता से कार्य करें, ताकि 2030 तक अभियान के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।
कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि 14 अक्टूबर तक सभी ग्राम सभाओं में ग्राम एक्शन प्लान का अनुमोदन पूर्ण कर लिया जाए, ताकि आगामी स्तर की कार्ययोजना समय पर तैयार हो सके। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री हेमंत नंदनवार ने कहा कि ग्राम एक्शन प्लान को अंतिम रूप देते हुए योजनाओं की आवश्यकता और प्राथमिकता को भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री सचिन भूतड़ा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, डीईओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य, पशुपालन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई), ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस), कौशल विकास तथा समाज कल्याण विभाग, खाद्य विभाग एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।