Tuesday, October 14, 2025
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CG / राजा और जनरल गवर्नर बैठकर शिकार किया करते थे इस झरने से जुड़ा इतिहास महासमुंद सरायपाली सारंगढ़ की सीमा पर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जहां 200 से ज्यादा प्रजाति की तितलियां उड़ती दिखेंगी नीलगाय, हिरण, साम्भर, वन भैंस, खरगोश, मयूर,!

CG / राजा और जनरल गवर्नर बैठकर शिकार किया करते थे इस झरने से जुड़ा इतिहास महासमुंद सरायपाली सारंगढ़ की सीमा पर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जहां 200 से ज्यादा प्रजाति की तितलियां उड़ती दिखेंगी नीलगाय, हिरण, साम्भर, वन भैंस, खरगोश, मयूर,!

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गोमर्डा आने वाले पर्यटक जानकारी के अभाव में माड़ोसिल्ली नहीं पहुंच पाते हैं कितनी है दुरी 30 मिनट का सफर देखें फोटो

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तितली और जानवरों का बसेरामाड़ो शिल्ली जलप्रपात से कुछ ही दूर पर बटरफ्लाई पार्क मौजूद है, जहां 200 से ज्यादा प्रजाति की तितलियां उड़ती दिखेंगी. वन्य जीव अभ्यारण्य में कई तरह के जानवार विचरण करते दिख जाएंगे. नीलगाय, हिरण, साम्भर, वन भैंस, खरगोश, मयूर, कोटरी, सुअर जैसे जंगली जानवरों विचरण करते दिख जाएंगे. गोमर्डा अभ्यारण्य और माड़ो शिल्ली जल प्रपात शैलानियों का पसंद में से एक है.

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1901 के दशक में राजा जवाहिर सिंह सारंगढ़ के रूलिंग चीफ थे, उस वक्त जिल्दी हवाई पट्टी तक राजा जवाहिर सिंह जीप से जाया जाते थे. 1901 के जमाने में सिर्फ जानवरों के शिकार करने का मुख्य स्थान माड़ो शिल्ली था. इस वक्त भारत का कोई भी जनरल गवर्नर नहीं रहा, जो राजा जवाहिर सिंह के साथ शिकार न किया हो. माड़ो शिल्ली जलप्रपात से 2 किलोमीटर की दूरी पर राजा मचान मौजूद है, जहां राजा और जनरल गवर्नर बैठकर शिकार किया करते थे.CG / महासमुंद सारंगढ़ की सीमा पर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर,गोमर्डा आने वाले पर्यटक जानकारी के अभाव में माड़ोसिल्ली नहीं पहुंच पाते हैं कितनी है दुरी 30 मिनट का सफर देखें फोटो और क्या क्या है अभ्यारण और वाटरफाल मे!

महासमुंद सारंगढ़ की सीमा पर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, मन मोह लेता है गोमर्डा अभ्यारण और माड़ोसिल्ली जलप्रपात देखें फोटो!
सारंगढ़ शहर से लगभग 10 किमी दूर वही महासमुन्द के सरायपाली से भी काफी नजदीक है है और प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। यहां पर बहुत से पठारी क्षेत्र है। यह अपनी खूबसूरती को समेटे जिले में पर्यटन की विश्व स्तरीय ढेरों संभावनाओं को बयान कर रहा है।

 

प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, मन मोह लेता है गोमर्डा का माड़ोसिल्ली जलप्रपात
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अभयारण्य के भीतर है ये प्राकृतिक झरना।
पिकनिक स्पाट के रूप में भी है प्रसिद्ध।रायगढ़ से अलग होकर नए जिले के रूप में सारंगढ बिलाईगढ़ का उदय हुआ है।  यहां प्रकृति की नैसर्गिक दृश्य है, जो अपनी अद्भुत विहंगम छटाओं के लिए जाना पहचाना जाता है। इसके पहाड़ों को चीरते हुए झरने के कलवित सुर छंद ताल की भांति ध्वनियों से मन मष्तिष्क को गुलजार व तरोताजगी से परिपूर्ण करता है। जी, हां हम गोमर्डा अभयारण्य व उसके अंदर मौजूद माड़ोसिल्ली जलप्रपात के बारे में बात कर रहे हैं।

सारंगढ़ शहर से लगभग 10 किमी दूर है और प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। यहां पर बहुत से पठारी क्षेत्र है। यह अपनी खूबसूरती को समेटे जिले में पर्यटन की विश्व स्तरीय ढेरों संभावनाओं को बयान कर रहा है।    साथ ही साथ यहां के दर्शनीय स्थलों की एक अलग पहचान बन चुकी है। यह स्थल अपनी खूबसूरती की वजह से प्रदेश के साथ साथ पड़ोसी प्रांत ओडिशा, झारखंड, बिहार के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

पर्यटक वर्षा के मौसम में पहाड़ों पर बने प्राकृतिक झरना माड़ोसिल्ली में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। दरअसल गोमर्डा अभयारण्य का माड़ोसिल्ली जलप्रपात की खूबसूरती देखते ही बनती है। यह करीब 60 से 80 फीट की ऊंचाई से गिरता है जो नीचे आकर अन्य कई छोटे झरने में तब्दील होता है। माड़ोसिल्ली मार्ग जंगलों के बीच से है। यह घनघोर जंगल की श्रेणी में है।  सारंगढ़ क्षेत्र का यह सबसे खूबसूरत पिकनिक स्पाट है। यहां पहाड़ो से निकलने वाले झरने और जंगलों के बीच खूबसूरती देखते ही बनती है। हर साल यहां भारी तादाद में पर्यटकों की भीड़ रहती है।
जंगली जानवरों को देखने का अपना ही मजा

रायगढ़ से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर सारंगढ़ में स्थित गोमर्डा अभयारण्य 275 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां कई प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते हैं, जैसे तेंदुआ, हिरण, चीतल, जंगली भैसा, नीलगाय, गौर, सांभर, जंगली कुत्ता, मोर, सियार आदि प्रमुख हैं। इस स्थल को जंगल सफारी की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। अभयारण्य को देखने से ऐसा लगता है कि हम किसी दूसरे देश में आ गए है।     चूंकि यहां की फिजाएं बेहद खूबसूरत है। दूर-दूर तक हरे-भरे जंगलों के बीच विचरण करते जंगली जानवर यहां आने वाले लोगों को और अधिक आकर्षित करते हैं। वन विभाग की देखरेख में गोमर्डा अभयारण्य छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

खुली जिप्सी में जानवरों से सामना रोमांचकारी
गोमर्डा अभयारण्य पर्यटकों के लिए कुछ माह यानी वन्य जीवों के प्रजनन काल के दौरान बंद रहता है। वहीं यहां पर्यटकों को परेशानी न हो इसलिए विभाग ने जिप्सी की सुविधा सीधे बैरियर से दिया जाता है। जबकि पूर्व में सारंगढ मुख्यालय से दिया जाता था, जो काफी लंबी दूरी के रूप में नजर आता था।      पर्यटक सारंगढ़ के तेंदूझार व टमटोरा हर्रापारा बैरियर तक स्वयं के वाहन से पहुंच सकेंगे। दोनों बैरियर पर दो-दो जिप्सी बुक कर अभयारण्य की सैर कर सकेंगे। इसके लिए पर्यटकों को निर्धारित शुल्क खर्च करने होंगे। जिप्सी 30 किमी घने अभयारण्य में तीन घंटे घुमाएगी। जबकि जिप्सी चालकों को विभाग ने इस काम के लिए प्रशिक्षण भी दिया है। जिसमें पर्यटक बाइसन, नीलगाय, मोर,भालुओं, चीतल, तेंदुओं एवं अन्य वन्य जीव को नजदीक से देख व फोटोग्राफी भी कर सकेंगे।

झरने के पास रात में ठहरने की सुविधा
बरमकेला रेंज के अंतर्गत आने वाले खूबसूरत माड़ोसिल्ली वाटरफॉल की दूरी महज 10 किमी है। गोमर्डा आने वाले पर्यटक जानकारी के अभाव में माड़ोसिल्ली नहीं पहुंच पाते हैं। यहां वन कर्मी सैलानियों से 20 रुपये प्रवेश शुल्क लेते हैं। यहां पर्यटकों को ठहराने के लिए विभाग ने दो रिसार्ट बनाए हैं। प्रत्येक कमरे के लिए 400 रुपये चार्ज किया जाता है, लेकिन पर्यटकों को इसकी बुंकिग एक दिन पहले ही करानी होती है। बुकिंग के लिए सारंगढ़ गोमर्डा अभयारण्य कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है, जो काफी आसान है।
वाच टावर दिखाता है प्राकृतिक सौंदर्य
देश-प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाने वाले गोमर्डा अभयारण्य में पर्यटकों को बेहतर माहौल व नजारा मिल सके, इसके लिए कई इंतजाम किए गए हैं। इसमें माड़ोसिल्ली रेस्ट हाउस में वाच टावर 30 फीट का बनाया गया है। इसमें लोग ऊपर चढ़कर गोमर्डा के हरे-भरे सुंदर वातावरण के साथ वृक्ष देखकर आनंद लेते हैं। ऐसा ही नजारा घने जंगलों के बीच इस अभयारण्य के अंदर का जलाशय है, जहां 10 से 15 फीट की ऊंचाई से पत्थर से टकराते हुए झरना बहती चली जाती है।
ऐसे पहुंच सकते है गोमर्डा-माड़ोसिल्ली
वायुमार्ग से
रायगढ़ में निजी एयरबेस यहां से 55 किलोमीटर एवं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एयरपोर्ट सारंगढ़ से सबसे नजदीक है। जबकि ओडिशा राज्य के झारसुगुड़ा एयरपोर्ट से 131 किलोमीटर दूरी पर सारंगढ है। हालांकि सारंगढ में एयरपोर्ट की सुविधाएं नहीं है।
रेलमार्ग से 
रायगढ़ स्टेशन से 55 किलोमीटर दूर सारंगढ़ है। यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर गोमर्डा अभयारण्य का माड़ोसिल्ली जलप्रपात है। जबकि राजधानी व न्यायधानी बिलासपुर से सबसे नजदीक का स्टेशन रायगढ़ है।
सड़क मार्ग से महासमुंद सरायपाली मार्ग से ये काफी नजदीक है

सारंगढ़ से राज्य के विभिन्न शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा है। विभिन्न शहरों की दूरी रायगढ़ 55 किलोमीटर हैं। बिलासपुर 110 किलोमीटर, रायपुर 200 किलोमीटर एवं झारसुगड़ा ओडिशा 130 किलोमीटर दूर है। जबकि रायगढ़ के सारंगढ़ बस स्टैंड से प्रति 40 मिनट में सारंगढ के लिए निजी व सिटी बस संचालित है।

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