महासमुन्द जिले के सरायपाली ब्लॉक में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। यहां ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (BRC) और विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (BRCI) दोनों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों में पत्नी को सरकारी लाभ दिलाना, शैक्षणिक भ्रमण आदेश में हेरफेर, यूट्यूब चैनल से आर्थिक फायदा उठाना, वित्तीय गड़बड़ी, निजी निवास में अनाधिकृत प्रवेश, पद का दुरुपयोग और पक्षपात जैसी बातें शामिल हैं।
BRC पर पत्नी को शैक्षणिक भ्रमण में शामिल करने का आरोप
मामला 10 फरवरी 2024 के शैक्षणिक भ्रमण (Exposure Visit) कार्यक्रम से जुड़ा है। जिला परियोजना कार्यालय ने आदेश जारी कर मिडिल क्लास (उच्च प्राथमिक) के बच्चों को बिलाईगढ़ क्षेत्र के शैक्षणिक स्थलों की सैर कराने की योजना बनाई थी। इस भ्रमण के लिए शिक्षकों की टीम भी गठित की गई थी।
आरोप है कि सरायपाली के BRC ने आदेश में हेरफेर कर अपनी पत्नी का नाम टीम में शामिल कराया। सबसे बड़ा विवाद “जे.के. पटेल, शिक्षक, प्रा.शा. भोथल डीह ” नाम को लेकर है। शिकायत के अनुसार यह नाम वास्तव में जनक कुमारी पटेल का है, जो BRC की पत्नी और प्राथमिक शाला में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। आदेश में उनका पद बदलकर “शिक्षक” लिखा गया और पूरा नाम छिपाने के लिए केवल “जे.के. पटेल” अंकित किया गया।
शिक्षक संगठनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब सरकारी खर्च पर पत्नी को शैक्षणिक भ्रमण का लाभ दिलाने के उद्देश्य से किया गया। इस घटना ने विभागीय पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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BRC पर गंभीर शिकायतें: यूट्यूब चैनल, वित्तीय गड़बड़ी और पद का दुरुपयोग
सरायपाली में पदस्थ विकासखंड स्त्रोत सतीश स्वरूप पटेल पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांतीय सचिव रूपानंद पटेल ने संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग रायपुर को लिखित शिकायत पत्र सौंपा है।
शिकायत पत्र में दर्ज प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं –
1. अनाधिकृत यूट्यूब चैनल संचालन और आर्थिक लाभ
बिना विभागीय अनुमति “Online Education Guruji” नामक चैनल का संचालन। इस चैनल को सब्सक्राइब व शेयर करने के लिए शिक्षकों और अन्य व्यक्तियों से आग्रह किया गया तथा इससे आर्थिक लाभ लिया गया, जो आचरण नियमों के विपरीत है।
2. वित्तीय अनियमितताएं
विभागीय राशि का उपयोग वित्तीय नियमों के विपरीत किया गया। आरोप है कि कार्यालय में पदस्थ श्रीमती सविता पटेल (संभवत: रिश्तेदार/परिचित) के नाम पर भी राशि जारी की गई।
3. निजी निवास में अनाधिकृत प्रवेश और निजता का उल्लंघन
23 जुलाई 2025 को शाम लगभग 5 बजे शिकायतकर्ता के निजी घर और उनके पिताजी की कंपनी के कार्यालय में बिना अनुमति प्रवेश कर मोबाइल से वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान कोई वैधानिक आदेश या अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया।
4. पद का दुरुपयोग और पक्षपात
अपने पद का उपयोग कर रिश्तेदारों और परिचितों को अनुचित लाभ देना तथा शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन न करना।
5. पूर्व शिकायतें और विवादित भूमिका
शिकायत में कहा गया है कि शिक्षक साझा मंच, सरायपाली द्वारा पहले भी श्री पटेल के खिलाफ उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई थी। आरोप है कि उनके व्यवहार के चलते शिक्षकों ने शाला प्रवेश उत्सव का विरोध किया। साथ ही, युक्तियुक्तकरण समिति में भी उन्होंने कई गलत निर्णयों में सक्रिय सहयोग किया।
शिकायत में यूट्यूब चैनल के स्क्रीनशॉट, निजी निवास के सीसीटीवी फुटेज, शिक्षक साझा मंच की पूर्व शिकायत और विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की प्रतियां भी साक्ष्य के रूप में संलग्न की गई हैं।
शिक्षक संघ और अभिभावकों की नाराजगी
शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि ये मामले साफ़ तौर पर सरकारी पद और सरकारी लाभ का दुरुपयोग हैं। अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि यदि इस तरह की गतिविधियों पर रोक नहीं लगी तो इसका सीधा असर बच्चों की शिक्षा और विभागीय विश्वसनीयता पर पड़ेगा।
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जांच और कार्रवाई की मांग
शिक्षक संघ ने मांग की है कि दोनों मामलों की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की जाए तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई हो।
फिलहाल विभागीय स्तर पर जांच की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन दोनों मामलों ने शिक्षा विभाग की पारदर्शिता, ईमानदारी और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है