छत्तीसगढ़ नशे में धुत्त ट्रेलर ड्राइवर ने 19 बेजुबान गोवंशों को कुचला, 15 की मौत
बिलासपुर: सड़कों पर बेजुवान मवेशियों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर गुरुवार रात एनएच-49 पर जयरामनगर मोड़ के पास सड़क किनारे विचरण कर रहे बेसहरा मवेशियों को तेज रफ्तार ट्रेलर ने रौंद दिया। दुर्घटना में 15 गौवंशों की मौत हो गई। दुर्घटना में चार गंभीर रूप से घायल है। जिन्हें उपचार के लिए गौ सेवक पशु चिकित्सालय लेकर चले गए। मामले में मस्तुरी पुलिस ने ट्रेलर चालक को गिरफ्तार कर कार्रवाई कर रही हैं।
बता दें कि एनएच 49 में मवेशियों की रौंदने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 28 जुलाई को एनएच 49 पर 24 मवेशियों को अज्ञात वाहन ने रौंद दिया था। दुर्घटना में सभी मवेशियों की जान चली गई थी। नेशनल हाइवे 49 में जयराम नगर मोड के पास हुई दुर्घटना में जब घटना हुई उस दौरान कुछ ग्रामीण भी वहां पर मौजूद थे, जिन्होंने चालक को पकड़ लिया।

चालक गांजे के नशे में घुत होने की बात भी प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताई। मवेशियों पर वाहन चलाने की घटना का पता चलते ही गौ सेवा धाम के सेवक घटनास्थल पहुंचे और 4 घायल गायों को प्राथमिक उपचारके लिए ले गए। घटना की जानकारी लगते ही मस्तुरी पुलिस भी मौके पर पहुंची और आरोपी ट्रैलर चालक को पकड़कर जांच शुरू कर दी।

वाहन से मवेशियों की मौत
केस नं. 1- 22 जुलाई को सरकंडा निवासी गौसेवक पियूष शुक्ला अपने साथियों के साथ रतनपुर जा रहे थे। एनएच-130 पर गतौरी ओवरब्रिज के पास एक ट्रक ने गाय को ठोकर मारी। मौके पर ही गाय की मौत हो गई।
केस नं. 2- 28 जुलाई की रात कडार गांव के पास एनएच-200 पर अज्ञात वाहन ने सड़क किनारे बैठे 19 मवेशियों को कुचल दिया। 18 की मौके पर मौत हो गई और एक घायल हो गया।
केस नं. 3- 28 जुलाई रात करीब 2 से 3 बजे के बीच लावर मोड़ के पास तेज रफ्तार वाहन ने सड़क किनारे बैठे छह गौवंशों को कुचल दिया। मौके पर ही सभी मवेशियों की मौत हो गई।
केस नं. 4- 31 जुलाई को सुबह ग्राम किरना के पास एनएच -130 पर अज्ञात वाहन ने तेज गति से चलते हुए 12 गाय और 4 बछड़ों को कुचल दिया। दुर्घटना में 12 की मौत हो गई और 3 घायल हो गए।
केस नं. 5- 22 अगस्त की रात ग्राम सैदा तिवारी पारा ओवर ब्रीज के उपर नेशनल हाईवे रोड पर बैठे मवेशियों को अज्ञात वाहन के चालक ने कूचल दिया। दुर्घटना में 4 नग मवेशी की मौत हो गई एवं 1 को चोट आई है।
पांच सदस्यों के टीम का गठन, कार्रवाई फिर भी शुन्य
मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए ग्राम पंचायत व शहर दोनों स्तर पर टीम का गठन किया गया है। ग्राम स्तर पर राजस्व, पशुधन चिकित्सा विभाग, सचिव, कोटवार व दो ग्रामीण को टीम में शामिल किया गया है। वहीं शहरी क्षेत्र में राजस्व, नगर निगम व पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारी मिलकर मवेशियों को पकड़ कर सुरक्षित आश्रय देने गौ आश्रय केंद्र में ले जाते हैं।
मवेशियों आश्रय देने के लिए जिला पंचायत को मिले 5 लाख
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि उनके रास्ते में 47 गांव आते हैं। जो सड़क किनारे है। इन सड़कों पर मवेशियों को हटाने के लिए जिला पंचायत को विभाग ने 5 लाख रुपए दिए हैं। इन रुपयों का इस्तेमाल जिला पंचायत को बेसहरा मवेशियों को सुरक्षित सड़कों से हटाने के लिए करना है।