बसना : विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने निभाई सोंटा खाने की परंपरा, कहा- गौरा-गौरी पूजा सामाजिक एकता का सुंदर प्रतीक है
छत्तीसगढ़ की माटी की महक और लोक-आस्था से सराबोर दीपावली के पावन पर्व पर प्रदेश के कई गांवों की तरह बसना नगर में भी गौरा-गौरी महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। यह लोक पर्व ग्रामीण संस्कृति, पारंपरिक उल्लास और अटूट आस्था का प्रतीक है, जिसका साक्षी बनने बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल वार्ड क्रमांक 10 महात्मा गांधी वार्ड में आयोजित समारोह में सम्मिलित हुए और वार्डवासियों के साथ हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाया।
पारंपरिक उल्लास में झूमा नगर
गौरा-गौरी महोत्सव के तहत, ग्रामीणजनों ने भगवान शिव (गौरा) और माता पार्वती (गौरी) की मिट्टी की मनमोहक मूर्तियां बनाकर श्रद्धाभाव से स्थापित कीं। पारंपरिक मांदर की गूंज, गाजे-बाजे और भक्तिमय नारों *”जोहर-जोहर मोर गौरा-गौरी”* के साथ पूरे गांव में भव्य झांकी निकाली गई, जिसने पूरे वातावरण को भक्ति और उल्लास से भर दिया। यह झांकी नगर भ्रमण के उपरांत गांव के बीच चौक में विधिवत स्थापित की गई, जहाँ देर रात तक भजन-कीर्तन और लोक गीतों का दौर चला।
विधायक ने किया सोंटा खाने की परंपरा का निर्वहन
लोक पर्व की जीवंतता को बनाए रखते हुए, विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने इस अवसर पर गौरा-गौरी पूजा से जुड़ी एक विशिष्ट और साहस भरी परंपरा ‘सोंटा खाने’ का भी निर्वहन किया। विधायक द्वारा आस्था और संस्कृति के प्रति अपनी गहरी निष्ठा प्रदर्शित करते हुए सोंटा खाने की परंपरा निभाना, क्षेत्रवासियों के बीच चर्चा और प्रशंसा का विषय बना रहा।
हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोना हमारा दायित्व : विधायक डॉ संपत अग्रवाल
कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने कहा कि गौरा-गौरी पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारे ग्रामीण जीवन, सामाजिक एकता और सुंदर संस्कृति का एक महान प्रतीक है। जिस तरह से हमारे पूर्वजों ने इस समृद्ध संस्कृति को संजोकर रखा है, हमारा भी यह दायित्व बनता है कि हम आगे आकर इसे निरंतर बढ़ाएँ और अपनी युवा पीढ़ी को भी इसमें रुचि लेने के लिए प्रेरित करें। यह पूजा हम सबको अपनी माटी और जड़ों से जोड़ती है।
विधायक ने आगे कहा कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती हम सबके आराध्य हैं, और गौरा-गौरी पूजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर की महानतम पहचान है। इस पावन अवसर पर विधायक ने नगरवासियों से आत्मीय मुलाकात कर उन्हें पर्व की मंगलमय शुभकामनाएं दीं। पूरा वार्ड इस दौरान पारंपरिक लोक-संगीत और आस्था के रंग में रंगा रहा।
इस अवसर पर भारी संख्या मे वार्ड वासी सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।