सरायपाली। नगर पालिका सरायपाली में कार्यरत कर्मचारी द्वारा वार्ड क्रमांक 7 में किए जा रहे मकान निर्माण को लेकर सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह RTI नमित (सोमू) श्रीवास निवासी सरायपाली द्वारा लगाई गई थी। आवेदक ने नगर पालिका पर आरोप लगाया है कि वह अपने कर्मचारी का संरक्षण कर अवैध निर्माण को बढ़ावा दे रही है।
नमित (सोमू) श्रीवास ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन देकर नगर पालिका में पदस्थ गिरजा शंकर महापात्र पिता सौमित्री महापात्र द्वारा वार्ड क्रमांक 7 में किए जा रहे मकान निर्माण से संबंधित भवन निर्माण अनुज्ञा और सभी आधिकारिक दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की थी।
उनके आवेदन पर नगर पालिका सरायपाली के सहायक जनसूचना अधिकारी देवप्रकाश चौधरी ने लिखित उत्तर में बताया कि—
“गिरजा शंकर महापात्र द्वारा निर्मित मकान से संबंधित कोई भी दस्तावेज निकाय में उपलब्ध नहीं है।”
RTI के इस जवाब ने नगर पालिका की पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आवेदक नमित श्रीवास ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका अपने अधीनस्थ कर्मचारी के मामले में आँख मूँद कर अवैध निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है, जबकि आम जनता पर मामूली निर्माण या अतिक्रमण पर तुरंत नोटिस जारी किए जाते हैं।
स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि यदि नगर पालिका अपने कर्मचारी के निर्माण का रिकॉर्ड तक नहीं दिखा पा रही, तो यह स्पष्ट रूप से अनियमितता और बिना अनुमति निर्माण का मामला प्रतीत होता है।
नागरिकों और आवेदक ने उच्च अधिकारियों से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है। RTI में रिकॉर्ड न मिलने का खुलासा अब नगर पालिका सरायपाली की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।



