बसना/महासमुंद धान खरीदी ड्यूटी में बड़ा विवाद: दो कर्मचारियों पर ESMA के तहत FIR दर्ज, प्रशासन सख्त
बसना/महासमुंद। धान खरीदी सीज़न शुरू होते ही महासमुंद ज़िले में एक बड़ा प्रशासनिक विवाद सामने आया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के दो कर्मचारियों—पंकज साव एवं घनश्याम चौधरी—पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दोनों पर आरोप है कि जिलाधीश द्वारा निर्धारित धान खरीदी ड्यूटी में जानबूझकर अनुपस्थित रहकर कार्य में बाधा पहुँचाई, और अन्य कर्मचारियों को भी ड्यूटी से रोकने की कोशिश की।
मामला तब गंभीर हो गया जब संबंधित शाखा प्रबंधकों ने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने हेतु लिखित आवेदन थाना बसना में प्रस्तुत किया। आवेदन के साथ कार्यालय उपायुक्त सहकारिता, जिला महासमुंद का संदर्भित आदेश भी संलग्न किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस वर्ष 15 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी कार्य को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है और इस पर ESMA Act 1979 (छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छेदन निवारण अधिनियम) लागू है।
क्या है मामला?
1. पंकज साव – समिति बिछिया (पंजीयन क्रमांक 1318)
शाखा प्रबंधक एन. के. चौरसिया द्वारा दिए गए आवेदन में उल्लेख है कि पंकज साव न केवल ड्यूटी पर अनुपस्थित रहे बल्कि अन्य कर्मचारियों को भी ड्यूटी में बाधा डालने के लिए प्रेरित किया।
2. घनश्याम चौधरी – समिति भूकेल (पंजीयन क्रमांक 1347)
इसी तरह, शाखा प्रबंधक पी. आर. डडसेना ने भी शिकायत की है कि घनश्याम चौधरी ने निर्धारित ड्यूटी पर उपस्थित न होकर धान खरीदी कार्य में बाधा उत्पन्न की और अन्य कर्मचारियों को भी रोकने का प्रयास किया। दोनों शिकायतों में समान रूप से यह उल्लेख है कि धान खरीदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य को बाधित करना ESMA की धारा 5(1) के उल्लंघन की श्रेणी में आता है, जिसके लिए दंडात्मक कार्रवाई अनिवार्य है।
सरकार का सख़्त रुख, FIR की तैयारी तेज
उपायुक्त सहकारिता द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि धान खरीदी कार्य में सहयोग न करने वाले कर्मचारियों पर सीधी एफआईआर, निलंबन एवं अन्य दंडात्मक कार्रवाई लागू होगी। थाना बसना में प्रस्तुत आवेदन के बाद पुलिस अब कानूनी परीक्षण एवं FIR दर्ज करने की प्रक्रिया में जुट गई है।
कृषि उपार्जन केंद्रों में यह कार्रवाई एक चर्चा और सस्पेंस का विषय बनी हुई है— क्या दोनों कर्मचारियों पर जल्द ही FIR दर्ज होगी? क्या सेवा से निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है? प्रशासन का कहना है कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की बाधा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ग्रामीण इलाकों में हलचल घटना के बाद बिछिया, भूकेल और आसपास के उपार्जन केंद्रों में कर्मचारियों और किसानों के बीच इस कार्रवाई को लेकर काफी चर्चा है। कई लोग इसे प्रशासन की “ज़ीरो टॉलरेंस नीति” से जोड़कर देख रहे हैं।



