सरायपाली -/ कर्मचारी और हितग्राही का भ्र्ष्टाचार पड़ा इस परिवार को महंगा मकान के ढहने से घर में काम कर रही महिला व दो बच्चे मलबे में दब गए ?
अजीबो गरीब मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले सरायपाली विकासखंड का है यहां अक्सर बड़ा बड़ा घोटाला नजर आता ही रहता है लेकिन इस बार यह घोटाला एक परिवार के जान पर पड़ आई दरअसल परिवार को पीएम आवास पूर्व कार्यकाल में पीएम आवास योजना का लाभ मिला था लेकिन हितग्राही ने आवास बनाने के बजाय रकम को गबन कर दिया इसमें अब किसकी किसकी मिली भगत हो सकता है समझ ही सकते है मकान ढहने के बाद अब इस पूरे मामले में आवास सम्बंधित अधिकारी कर्मचारीयो पर सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे बिना मकान निर्माण हुए रकम आहरण हो गया जिओ टेकिंग करने वाले कर्मचारियों का क्या उनका घर नजर नही आया या इसमें मिली भगत है गांव गांव में जांच होने पर कई ऐसे मामले आ सकते है जिनमे अपात्र लोगों को पात्र दिखा कर भी आवास आहरण किया गया है पिछले दिनों बसना विकास खण्ड के गौर टेक में भी एक सरकारी कर्मचारी के पारीवार को आवास मिला था खबर प्रकाशन के बाद उसको निरस्त किया गया है ।
सरायपाली विधानसभा के ग्राम पंचायत घुंचापाली का एक परिवार के नाम पर प्रधानमंत्री आवास की राशि स्वीकृत हुई, कर्मचारियों की फर्जी जिओ टेक से कागज में ही मकान पूर्ण रूप से बन गया,चार किस्त जारी भी हो गई,लेकिन मौके पर अभी तक नीव तक नहीं खोदा गया है और हितग्राही कच्चे मकान पर ही निवास कर रहे थे, विगत दिनों हुई बारिश से भर भरा कर पूरा छत गिर गया,जिससे घर में काम कर रही एक महिला और दो बच्चे मलबे में दबने से घायल हो गए जिन्हें 112 की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए भेजा गया । महिला की स्थिति गंभीर होने के कारण रायपुर रिफर किए जाने की भी सूचना मिली है।

मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनों हुई तेज बारिश के कारण ग्राम घुंचापाली का मंगल प्रसाद नाम के एक व्यक्ति का एक कच्चा मकान ढह गया । मकान के ढहने से घर में काम कर रही महिला व दो बच्चे मलबे में दब गए। बच्चों को मामूली चोट लगने की सूचना मिली है,जबकि महिला को ज्यादा चोट लगने के कारण उन्हें मेकाहारा रायपुर रिफर किया गया है। घायल बच्चे में एक बच्चा पड़ोसी का था खेलने के लिए वहां गया था। जबकि मकान मालिक मंगल प्रसाद घटना के समय घर पर नहीं था। काम से घर से बाहर गया था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कच्चे मकान में निवास करने वाले घुचापाली निवासी मंगल प्रसाद पिता हरिशंकर भोई का प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृत हुआ था, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा फर्जी तरीके से जिओ टेक कर अन्य के मकान को फोटो में दर्शा कर बिना मकान बनाएं, पीएम आवास की चार किस्तों में ₹1,20,000 जारी भी कर दिया गया। जबकि ब्लॉक में कई ऐसे हितग्राही हैं जिन्हें नियमत: एक किस्त के बाद दूसरी किस्त नहीं मिल पाई है तो किसी का मकान पूर्ण होने के पश्चात अंतिम किस्त अब भी शेष है। इस तरह कई ऐसे हितग्राही हैं जिनका राशि के अभाव में उनके मकान अधूरे पड़े हैं। लेकिन बिना मकान बनाए अधिकारी फर्जी तरीके से कागज में ही प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कर चार किस्त जारी भी कर दिए जो जांच का विषय है? इस तरह ब्लॉक में कई ऐसे हितग्राही होंगे, जिनसे अधिकारी, कर्मचारी लाभ लेकर फर्जी तरीके से कागज में ही मकान पूर्ण दर्शा कर चारों किस्त राशि जारी कर दिए होंगे। उक्त हितग्राही का मामला तब सामने आया जब उनका कच्चा मकान अत्यधिक बारिश के कारण ढह गया। और मकान में निवासरत एक महिला और 2 बच्चे मकान के ढहने से घायल हो गए। फर्जी तरीके से जिओ टेक करने वाले ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ शासन द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए उनसे राशि की रिकवरी की जानी चाहिए। ताकि वे दोबारा इस तरह हरकत ना करें, जिससे किसी गरीब परिवार के जान-माल का अधिकारी के लापरवाही से नुकसान ना हो।

पूरी किस्त हो चुकी है जारी,लेकिन अभी तक नहीं खोदा गया है नीव
इस संबंध में ग्राम पंचायत घुंचापाली के सचिव तेज पांडे से चर्चा किया गया तो उन्होंने भी बताया कि उक्त व्यक्ति के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था। प्रधानमंत्री आवास का कार्य अभी तक शुरू नहीं होने और मकान नहीं बनने की बात कही। जबकि प्रधानमंत्री आवास का कार्य देख रहे जनपद के एक कर्मचारी से जानकारी ली गई तो पता चला कि उक्त मंगल प्रसाद के नाम का प्रधानमंत्री आवास की पूरी किस्त जारी हो चुकी है।
स्वीकृत हुआ है आवास लेकिन नहीं बना है मकान- सरपंच
इस संबंध में ग्राम पंचायत घुंचापाली के सरपंच सरोज प्रधान से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मंगल प्रसाद के नाम पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है। लेकिन नहीं बना है । पूर्व सरपंच के साथ मिलकर स्वीकृत राशि को आहरण करने की बात उन्होंने कही।