आरोप- प्रत्यारोप के बीच प्रतीक्षा सूची में शामिल शेष सभी 6 लाख 99 हजार 439 पात्र परिवारों को आवासों की स्वीकृति का निर्णय राज्य सरकार ने राज्य की अपनी आवास योजना शुरू करने का फैसला किया है। इसे मुख्यमंत्री ग्रामीण न्याय योजना नाम दिया गया है
छत्तीसगढ़ महासमुंद
आरोप- प्रत्यारोप के बीच प्रतीक्षा सूची में शामिल शेष सभी 6 लाख 99 हजार 439 पात्र परिवारों को आवासों की स्वीकृति का निर्णय राज्य सरकार ने राज्य की अपनी आवास योजना शुरू करने का फैसला किया है। इसे मुख्यमंत्री ग्रामीण न्याय योजना नाम दिया गया है
रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार राज्य के 47 हजार से ज्यादा गरीब परिवारों को मक्का मकान बना कर देगी। सरकार गरीबों के लिए पक्का आवास मुख्यमंत्री ग्राीमण न्याय योजना के तहत बनाकर देगी। ये ऐसे गरीब हैं जिनका नाम सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना वर्ष 2011 की सर्वे सूची में नहीं। इसकी वजह से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज हुई राज्य कैबिनेट की बैठक यह महत्वपूर्ण निणर्य लिया गया है। बैठक के बाद वरिष्ठ मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि बैठक में आवासहीनों और कच्चे कमरे वाले परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल शेष सभी 6 लाख 99 हजार 439 पात्र परिवारों को आवासों की स्वीकृति का निर्णय लिया गया।
प्रदेश में जरूरतमंद परिवारों की आवश्यकता एवं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के अनुसार कुल 47,090 परिवार ऐसे पाए गए है जो आवासहीन है और इनका नाम सर्वे सूची 2011 में नहीं है। मुख्यमंत्री ग्रामीण न्याय योजना के लिए का शत प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा आवास निर्माण के लिए दी जाएगी। वर्ष 2023-24 के बजट में राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। बता दें कि जुलाई में हुए विधानसभा के सत्र के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी।
छत्तीसगढ़ सरकार शुरु करेगी अपना ग्रामीण आवास न्याय योजना, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की घोषणा
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार एक और न्याय योजना शुरू करने जा रही है। इसका नाम ग्रामीण आवास न्यााय योजना होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की। सदन में अनुपुरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से वर्तमान स्थिति में प्रदेश के ज़रूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृति में कठिनाई हो रही है। इसे दूर करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर पात्र
परिवारों के लिए राज्य के संसाधनों से “ग्रामीण आवास न्याय योजना” प्रारंभ करने की घोषणा करता हूँ। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।