रायपुर : जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण

रायपुर : जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण

जिले में 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण, किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण

जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण, किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का किया गया वितरण

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश एवं कलेक्टर के मार्गदर्शन में किसानों के लिए खाद-बीज की सतत् आपूर्ति की जा रही है। जिले में खेती-किसानी का कार्य से जारी है। किसान सहकारी समितियों में खाद-बीज लेने के लिए प्रतिदिन आ रहे है। जिले में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण है। कलेक्टर ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। सभी समितियों में खाद-बीज की निरंतर आपूर्ति होते रहे इसके लिए सभी अधिकारियों को समन्वय बनाने के निर्देश दिए है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजनांदगांव श्री प्रभात मिश्रा ने बताया कि जिले में खरीफ 2025 अंतर्गत 31070.7 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है, जो कुल भंडारण का 61.86 प्रतिशत है। अब तक किसानों को 26836.9 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। जिसमें यूरिया 9050.3 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 4466 मीट्रिक टन, डीएपी 2516.5 मीट्रिक टन, एनपीके 8445.3 पोटाश 2358.9 मीट्रिक टन है। किसानों को 4233.8 मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया जाना शेष है। जिसमें यूरिया 359.1 मीट्रिक टन, सुपर फास्ट 1650.7 मीट्रिक टन, डीएपी 404.9 मीट्रिक टन, एनपीके 806.6 मीट्रिक टन, पोटाश 1012.5 मीट्रिक टन है। इसी तरह जिले में 10648.70 क्विंटल बीज का भंडारण किया गया है और किसानों को 9681.60 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है एवं 967.10 क्विंटल बीज का वितरण शेष है। इसके तहत जिले में 10625.10 क्विंटल धान का भंडारण किया गया है और किसानों को 9668.88 क्विंटल धान का वितरण किया गया है एवं 956.22 क्विंटल धान का वितरण शेष है।

 

रायपुर : नैनो डीएपी किसानों के लिए ठोस डीएपी उर्वरक का स्मार्ट विकल्प

रायपुर : नैनो डीएपी किसानों के लिए ठोस डीएपी उर्वरक का स्मार्ट विकल्प

छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। खरीफ 2025 के दौरान डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कमी को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने इसके व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी के भंडारण एवं वितरण की विशेष व्यवस्था की है। इसके साथ ही एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का भी लक्ष्य से अधिक मात्रा में भंडारण कराया गया है। खेती में ठोस डीएपी उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए किसानों को उसके विकल्प के अनुरूप कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुरूप नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।

नैनो डीएपी एक आधुनिक, किफायती और प्रभावशाली तरल उर्वरक है, जो पारंपरिक डीएपी की तुलना में कहीं अधिक उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने नैनो डीएपी का समर्थन करते हुए कहा है कि इसके उपयोग से खेती की लागत में कमी आती है। नैनो डीएपी खेत में पोषण की कमी को प्रभावी ढंग से पूरा करता है और उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। एक एकड़ धान की फसल के लिए एक बोरी ठोस डीएपी का उपयोग होता है। जिसकी लागत 1350 रूपए होती हैै, जबकि एक एकड़ में 25 किलो ठोस डीएपी और 500 मिली नैनो डीएपी के मिश्रण का उपयोग किया जाए तो इसकी लागत घटकर 1275 रूपए आती है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक एकड़ धान की खेती के लिए नैनो डीएपी की उपयोग की विधि की विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनुसार नैनो डीएपी की मात्र साढ़े 600 मिली मात्रा एक एकड़ धान की खेती में लगती है। धान की बुआई से पहले एक एकड़ के लिए 30 किलो बीज को 150 मिली नैनो डीएपी को तीन लीटर पानी में घोलकर उसमें बीज उपचारित कर आधा घंटा छाव में सुखाने के बाद बुआई की जाती है। रोपा के समय 50 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को मिलाकर उसमें थरहा की जड़ों को आधा घंटा डूबाकर रखने के बाद रोपाई तथा फसल बोआई के तीस दिन बाद 125 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को घोलकर खड़ी फसल पर इसका छिड़काव करना होता है। इससे फसलों को पोषक तत्व मिल जाते है।

नैनो डीएपी फसलों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करने के लिए बेहतर विकल्प है। यह पारंपरिक डीएपी के मुकाबले लागत कम और प्रभाव अधिक है। पारंपरिक डीएपी की एक बोरी की कीमत लगभग 1350 रूपए होती है, वहीं नैनो डीएपी की एक बोतल से कई एकड़ भूमि को लाभ पहुंचाया जा सकता है। यह स्प्रे के माध्यम से सीधे पौधों पर छिड़का जाता है, जिससे पोषक तत्वों का त्वरित अवशोषण होता है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश के अनुरूप राज्य शासन द्वारा किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी सहित वैकल्पिक उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण समितियों में किया जा रहा है। किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों से नैनो डीएपी तथा एनपीके, एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने की अपील की है।

महासमुंद : ‘मोर गांव मा पानी’ अभियान से जल संरक्षण को बढ़ावा

महासमुंद : ‘मोर गांव मा पानी’ अभियान से जल संरक्षण को बढ़ावा

जनभागीदारी से निर्मित हुए 4 हजार से अधिक सोखता गड्ढे एवं 104 इंजेक्शन वेल

महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर एक अभिनव पहल के रूप में “मोर गांव मा पानी” अभियान को प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है। इस अभियान ने जिले में जल संरक्षण के क्षेत्र में जनभागीदारी को एक नई गति प्रदान की है।

जल संचयन को जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान करते हुए जिले में ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभागों के समन्वय से व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत जन सहयोग से स्कूलों, आंगनवाड़ियों, पंचायत भवनों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों में सोखता गड्ढों का निर्माण कराया जा रहा है।

अब तक जिले में 4 हजार से अधिक सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, वहीं 104 इंजेक्शन वेल के माध्यम से भूमिगत जल स्तर को पुनः तमबींतहम किया जा रहा है। यह पहल वर्षा जल को भूमिगत जल में परिवर्तित कर जल संकट की स्थिति से निपटने में सहायक सिद्ध हो रही है। सोखता गड्ढे मिट्टी की नमी बनाए रखने, सतही जल प्रवाह को नियंत्रित करने एवं आसपास के पर्यावरण को संतुलित रखने में भी कारगर साबित हो रहे हैं।

“मोर गांव मा पानी” अभियान न केवल जल संचयन की दिशा में एक ठोस पहल है, बल्कि यह जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित कर रहा है। यह अभियान स्थायी जल प्रबंधन प्रणाली की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है, जिससे आने वाले समय में जिले के जल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

जनसहयोग आधारित इस प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है और जल को लेकर समुदाय का दृष्टिकोण भी सकारात्मक रूप से परिवर्तित हुआ है। यह पहल राज्य शासन के जल संरक्षण के संकल्पों को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है।

 

रायपुर : सुदूर वनांचल के स्कूल हुए गुलजार

रायपुर : सुदूर वनांचल के स्कूल हुए गुलजार

छात्रों को मिल रही विषय विशेषज्ञों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

प्रदेश में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से छत्तीसगढ़ के सुदूर जिलों में शिक्षा व्यवस्था सशक्त हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही इस पहल से सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकासखंड के विद्यालयों में भी सकारात्मक बदलाव नजर आने लगी है। कभी नक्सलियों के बंदूक की आवाज सुनाई देती थी, अब वहां शिक्षा की अलख सुनाई देती है। अब विद्यार्थियों को नियमित, विषय विशेषज्ञ और प्रशिक्षित शिक्षकों से शिक्षा मिल रही है, जिससे पढ़ाई का स्तर निरंतर सुधर रहा है।

सुकमा जिला के विकाखण्ड जिला शिक्षाधिकारी छिंदगढ़ ने बताया कि शासन द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किए गए युक्तियुक्तकरण से इन विद्यालयों में अब शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित हो चुकी है। इससे न केवल विद्यालयों में नियमित पढ़ाई हो रही है, बल्कि बच्चों की रुचि भी बढ़ी है और शिक्षकों का कार्यभार भी संतुलित हुआ है।

विकासखंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार छिंदगढ़ विकासखंड में कुल 390 शासकीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 288 प्राथमिक, 82 माध्यमिक, 13 हाई स्कूल और 07 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। युक्तियुक्तकरण से पूर्व यहां 08 विद्यालय शिक्षकविहीन थे और 96 विद्यालय एकल शिक्षक पर निर्भर थे। यह स्थिति बच्चों की शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रही थी।

शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल स्कूलों में शिक्षा का वातावरण सुदृढ़ कर रही है, बल्कि इससे ड्रॉपआउट दर में कमी और परीक्षा परिणामों में सुधार भी देखने को मिल रहा है। सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा।

 

रायपुर : प्रदेश में अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर : प्रदेश में अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

 रायगढ़ में सर्वाधिक 451 मि.मी. वर्षा दर्ज

छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 451.1 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 138.9 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 259.8 मि.मी., सूरजपुर में 403.9 मि.मी., बलरामपुर में 449.5 मि.मी., जशपुर में 417.7 मि.मी., कोरिया में 375.8 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 295.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 250.4 मि.मी., बलौदाबाजार में 277.7 मि.मी., गरियाबंद में 276.9 मि.मी., महासमुंद में 274.4 मि.मी. और धमतरी में 275.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 318.8 मि.मी., मुंगेली में 347.8 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 324.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 427.5 मि.मी., सक्ती में 365.9 मि.मी. कोरबा में 429.6 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 324.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 195.2 मि.मी., कबीरधाम में 229.0 मि.मी., राजनांदगांव में 212.7 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 431.2 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 190.9 मि.मी., बालोद में 254.2 मि.मी. और बस्तर जिले में 435.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 260.6 मि.मी., कांकेर में 344.1 मि.मी., नारायणपुर में 312.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 389.1 मि.मी., सुकमा में 202.9 मि.मी. और बीजापुर में 420.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

 

रायपुर : पीडीएस के तहत माह जुलाई के लिए 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन

रायपुर : पीडीएस के तहत माह जुलाई के लिए 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन

 छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा राज्य के गैर अनुसूचित क्षेत्रों के गैस कनेक्शनधारी राशनकार्डों में भी पीडीएस के तहत केरोसिन प्रदाय करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए भारत सरकार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025-26 के द्वितीय तिमाही के लिए छत्तीसगढ़ को 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन किया गया है। जिसे उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को वितरित किया जाएगा। इस आशय का पत्र इन्द्रावती भवन स्थित खाद्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों एवं राज्य स्तरीय समन्वयक ऑयल उद्योग रायपुर को जारी कर दिया गया है।

पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रचलित समस्त अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डों को पात्रता होगी। नगरीय क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों के लिए एक लीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित क्षेत्र तथा गैर अनुसूचित क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों को अधिकतम दो लीटर केरोसिन प्रदान किया जाएगा। माह जुलाई 2025 के लिए आबंटित केरोसिन का उठाव 31 जुलाई तक करने को कहा गया है।

 

रायपुर : बिहान योजना से सशक्त हो रहीं ग्रामीण महिलाएं

रायपुर : बिहान योजना से सशक्त हो रहीं ग्रामीण महिलाएं

खेती और पशुपालन में निभा रहीं नेतृत्व की भूमिका

जैविक खेती से लेकर पशुधन संरक्षण तक महिला सखियों की सक्रिय भागीदारी से बढ़ी आय

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका को मजबूती प्रदान करने की दिशा में ‘बिहान’ योजना प्रभावी ढंग से कारगर सिद्ध हो रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन जैसी विभागीय योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

कृषि सखियों के माध्यम से गांव-गांव में किसान पाठशालाएं संचालित की जा रही हैं, जहां ग्रामीण महिलाओं को जैविक खेती की विधियां स्थानीय संसाधनों के माध्यम से सिखाई जा रही हैं। निम्बास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निअस्त्र एवं जीवामृत जैसी जैविक दवाओं के निर्माण की जानकारी दी जा रही है, जिससे महिलाएं अब स्वयं ही अपने घरों में जैविक कीटनाशकों का निर्माण कर रही हैं। कीटनाशक दवाओं के दुष्प्रभावों से बचने और खेती की लागत घटाने की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल है।

इसके अतिरिक्त बीजोपचार, थरहा निर्माण एवं लाइन विधि से रोपाई जैसे वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपायों को भी सरल भाषा में समझाया जा रहा है, जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन संभव हो सका है। वर्षा ऋतु को देखते हुए सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु मचान विधि को अपनाया जा रहा है। भरतपुर विकासखंड की स्व-सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय संसाधनों से छतनुमा एवं खड़ा मचान तैयार कर रही हैं, जिससे सब्जियों की सुरक्षा, तुड़ाई और छिड़काव की प्रक्रिया सरल हो रही है।

इसी क्रम में पशु सखियों की भी भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। वर्षा ऋतु में पशुओं को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रखने हेतु व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पशु सखी श्रीमती अर्चना सिंह एवं अन्य 6 महिला सखियों द्वारा अब तक 1000 से अधिक बकरों एवं बकरियों का टीकाकरण किया जा चुका है। मुर्गियों के लिए भी आवश्यक औषधियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि महिलाओं से महिलाओं के बीच संवाद सहज होता है। जिले की आजीविका मुख्यतः कृषि आधारित है। ऐसे में महिला सखियों को रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षित कर विभागीय गतिविधियों से जोड़ना ग्रामीण विकास की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है। ‘बिहान’ योजना अंतर्गत संचालित यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि आत्मनिर्भरता और सामुदायिक नेतृत्व की दिशा में भी एक नया आयाम प्रस्तुत कर रही है।

 

सरायपाली/ घर से आधी रात को अज्ञात चोरों द्वारा मारपीट डरा धमाका कर सोने के जेवर नगदी रुपए की चोरी रिपोर्ट दर्ज।

सरायपाली/ घर से आधी रात को अज्ञात चोरों द्वारा मारपीट डरा धमाका कर सोने के जेवर नगदी रुपए की चोरी रिपोर्ट दर्ज।

 

थाना सरायपाली के अंतर्गत दिनांक 06/07/2025 के मध्य रात्रि को मैं अपने घर के दरवाजा खिड़की बंद कर अपने पत्नि के साथ एक कमरा में मच्छरदानी लगा करके सोये थे रात्रि लगभग 03:15 बजे बाथरूम करने के बाद फिर से सो गया । लगभग 03:30 बजे दो अज्ञात व्यक्ति हमारे कमरा में आये और मेरे मच्छरदानी को खींच दिया । जिससे मैं जाग गया अचानक मेरे सामने में दो अज्ञात व्यक्ति जो काला-काला रंग के कपड़े पहने थे तथा नकाब लगाये थे । जिसमें से एक व्यक्ति ने चाकू तथा पिस्तौल जैसा कोई सामान पकड़ा था जिसने मेरे मच्छरदानी को फाड़ दिया मैं अपने आप को बचाने का प्रयास किया तभी उसके चाकू से मेरे बायें हांथ के तर्जनी ऊंगली कट गया , काफी खून निकला है । मैने जोर जोर से चिल्लाया तो बगल में सोयी मेरी पत्नि जाग गई मुझे अज्ञात व्यक्तियों ने पकड़कर परछी में रखे तखत में लाकर बैठा दिया और पीछे तरफ से मेरे दोनों हाथो को खाकी रंग के सेलो टेप से लपेटकर बांध दिया खाकी रंग के टेप को वही लोग लाये थे ।

दूसरे व्यक्ति ने मेरी पत्नी को डरा धमका कर पहने हुये सोने के माला 20 वर्ष पुरानी इस्तेमाली वजनी लगभग 02 तोला को निकाल लिया और हम दोनों को परछी के तखत के पास रखे थे धमकाने लगे कि किसी को घटना के संबंध में बताओगे तो ठीक नही होगा, तो डर के कारण हम दोनों को किसी प्रकार की जान माल की खतरा न हो इसलिए मेरी पत्नी कान में पहने सोने की लटकन 02 नग पुरानी इस्तेमाली वजनी 06 ग्राम को भी निकाल कर उन लोगों को दे दिये । कुल वजनी 02 तोला 06 ग्राम कीमती 25,000/ रूपये को लूट कर आंगन की सीढ़ी से होकर छत के तरफ से बाहर भाग गये । तब मुख्य दरवाजा को खोलकर हम पति पत्नि बाहर जाकर चिल्लाये जो सड़क की ओर से पैदल भाग गये ।

उन दोनो व्यक्तियों ने चेहरा पर नकाब लगाये थे पहचान नही पाऊंगा । घटना के बाद मैं अपने घर के दूसरे कमरा में रखे लकड़ी के आलमारी को चेक किया जहां पर दिनांक 05/07/2025 को इंडियन बैंक से 60,000/-रूपये लाया था वह भी नही था । इस प्रकार अज्ञात व्यक्तियों ने दरम्यानी रात्रि को घर अंदर छत की ओर से घुंसकर कुल 85,000/- रूपये की सम्पत्ति चोरी व लूट कर ले गये । घटना के संबंध मैने रात में ही अपने मोबाईल नंबर से परिचित के सोहन लाल साहू के मोबाईल से संपर्क कर घटना के संबंध में बताया हूं । सूचना पाकर सोहन लाल साहू मेरे घर आये तथा मेरे चचेरे भाई लखपति पटेल के साथ गांव के डाक्टर हेमरतन साहू से मेरे बायें हांथ की तर्जनी ऊंगली में आई चोंट का मलहम पट्टी कराया हूं । बाद अपने पत्नि व सरपंच पति नरेश पटेल व गांव के सोहन लाल साहू के साथ थाना आया हूं अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध धारा3(5)-BNS, 309(6)-BNS, 331(6)-BNS के तहत रिपोर्ट दर्ज कार्यवाही की मांग।

शाला कुटेला में विकासखंड स्तरीय शालेय शतरंज प्रतियोगिता संपन्न

शाला कुटेला में विकासखंड स्तरीय शालेय शतरंज प्रतियोगिता संपन्न

विकासखंड स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता आई.ई.एम. शाला कुटेला विकासखंड सरायपाली में आयोजित किया गया।जिसमें 74 बालक,बालिका प्रतिभागी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। मिनी ,जूनियर,सीनियर तीनों आयु वर्ग के बालक,बालिका प्रतियोगिता में भाग लिए सभी आयु वर्ग में 39 बालक, 35 बालिका शामिल हुए। प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में दिनेश कर, छबिलाल नायक, डॉ अनिल प्रधान, लखेश्वर भोई, डॉ. शुभ्रा डडसेना, मुकेश साहू,सतीश पैकरा, विजय पटेल, ऋषि साहू,क्षितिपति साहू,आदित्य सिंह, आशीष सामल, परमेश्वर बारीक, मंजिला नायक,भूपेश कुमार भोई का विशेष योगदान व सहयोग रहा।

आयोजित स्कूल के व्यायाम शिक्षक मुकेश साहू ने बताया कि चयनित खिलाड़ी जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता पिथौरा में शामिल होंगे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी दुर्वादल दीप ने दी।

महासमुंद/शास.प्राथ. एवं उच्च प्राथमिक शाला अमरकोट में नेवता भोज का आयोजन

महासमुंद शास.प्राथ. एवं उच्च प्राथमिक शाला अमरकोट में नेवता भोज का आयोजन

विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी एन दीवान एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (समग्र शिक्षा) सरायपाली सतीश स्वरूप पटेल के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना अंतर्गत स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन देने के लिए नेवता भोज का आयोजन किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शाला अमरकोट, विकासखंड- सरायपाली, जिला- महासमुन्द में जितेंद्र पटेल सहायक शिक्षक के जन्मदिन के शुभअवसर पर नेवता भोज का आयोजन किया गया। इस आंशिक नेवता भोज में बच्चों को मौसमी फल,मीठा और चॉकलेट दिया गया।शाला परिवार ने पटेल जी को बधाई शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। साथ ही पटेल सर द्वारा विद्यालय परिसर में ” एक पेड़ मां के नाम ” के तहत वृक्षारोपण किया गया।

इस अवसर पर संकुल प्राचार्य नारायण भोई, उत्तरा दिवान, झसकेतन पटेल, धनीराम साव ,जयप्रकाश पटेल, बासुदेव बरिहा उपस्थित थे। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी दुर्वादल दीप ने दी।