सरायपाली : 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की मौजूदगी में मनाया गया जोगानीपाली 58वां शरद पूर्णिमा महोत्सव, आस्था, संस्कृति और संगठन की मिसाल बना आयोजन विधायक श्रीमती चातुरी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, अध्यक्षता श्रीमती अनीता चौधरी
जोगनीपाली (महासमुंद)। Saraipali mahajanpad news joganipali
परंपरा, आस्था और संस्कृति के अद्भुत संगम के रूप में ग्राम जोगनीपाली में इस वर्ष 58वां शरद पूर्णिमा महोत्सव अत्यंत भव्य और उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था ज्वाला महिला समूह जोगनीपाली एवं ग्राम पंचायत जोगनीपाली के संयुक्त तत्वावधान में की गई।
इस वर्ष विशेष बात यह रही कि आयोजन में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ ने उपस्थिति दर्ज कराई और पूरी रात सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक श्रीमती चातुरी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जबकि अध्यक्षता श्रीमती अनीता चौधरी (समाजसेविका एवं महिला नेतृत्वकर्ता) ने की। मंच पर सरपंच श्रीमती शिवकुमारी महेंद्र चौधरी, पूर्व जनपद सदस्य श्रीमती उर्मिला खाखा, सरपंच श्री युगल साहू (इच्छापुर), सरपंच प्रतिनिधि महेंद्र चौधरी, प्रतिनिधि जयप्रकाश साहू, तथा श्री महोहर खाखा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
मंच संचालन का दायित्व कैलाश चौहान ने निभाया।
🔸 महिला समूह ने संभाली पूरी जिम्मेदारी
इस भव्य आयोजन की संपूर्ण रूपरेखा ज्वाला महिला समूह की अध्यक्षा श्रीमती गंगा बाई एवं उनकी समर्पित टीम ने तैयार की।
समूह की सदस्याएँ — तारा सिदार, नीरू ददसेना, केवरा चौहान, सावित्री भोई, सुन्द्रो बाई, जनकुमारी सिदार, बनकुवर सिदार, ताजिया सिदार, निवार सिदार — ने मंच व्यवस्था, अतिथि स्वागत, सांस्कृतिक संयोजन, भोजन वितरण और प्रकाश-सज्जा जैसे सभी कार्यों को जिम्मेदारी और अनुशासन से सम्पन्न किया।
🔸 सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ बनीं आकर्षण का केंद्र
शरद पूर्णिमा की उजली चाँदनी में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ और मंच पर एक के बाद एक मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सतगुरु भागवत पार्टी पंधी द्वारा प्रस्तुत धार्मिक कथा एवं सतगुरु भागवत पार्टी केन्दुधार की भक्तिमय झांकियों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
इसके पश्चात गम्मत पार्टी बरिहापाली की हास्य-व्यंग्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देर रात तक हँसाया और सोचने पर मजबूर किया।
सावित्री कहार लोककला मंच रायपौर की पारंपरिक नृत्य और लोकगीत प्रस्तुतियों ने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलक पेश की।
रातभर चले इस सांस्कृतिक महोत्सव में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया और ग्रामीण जीवन की आत्मा से जुड़ी इस परंपरा की गरिमा को और बढ़ाया।
🔸 शताब्दी पुरानी परंपरा का प्रतीक बना मेला
जानकारी के अनुसार, चाँदली डोंगर में यह शरद पूर्णिमा मेला अत्यंत प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत लगभग 150 वर्ष पूर्व महेश मुनि द्वारा की गई थी।
उनके प्रयासों से आरंभ हुई यह पूजा आज ग्राम की आस्था का केंद्र बन चुकी है। पिछले 10 वर्षों से ज्वाला महिला समूह इस आयोजन को अत्यंत समर्पण और अनुशासन के साथ संभाल रहा है।
🔸 एकता, आस्था और नारीशक्ति का प्रतीक आयोजन
हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्र दर्शन, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया।
ग्रामवासियों का कहना है कि यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक समरसता और नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है।
संपूर्ण ग्रामवासियों, अतिथियों और महिला समूह की मेहनत से यह 58वीं शरद पूर्णिमा महोत्सव एक ऐतिहासिक और स्मरणीय आयोजन के रूप में दर्ज हो गया है।