महासमुंद बसना / 8 अवैध कॉलोनियों को नोटिस जारी अप्रूवल कराने छोड़ना होगा कितना जमीन और ऐसी कालोनियों में न तो सड़क बनाई जाती है. न ही पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं मिल पाती हैं।
नया नियम : ले-आउट अप्रूवल की कॉपी के आधार पर ही होगी जमीन की रजिस्ट्री 8 अवैध कॉलोनियों को नोटिस जारी दस्तावेज जमा करने 2 दिन का समय
नगर पंचायत बसना सीमा अंतर्गत आठ अवैध प्लाटिंग कॉलोनी पर नोटिस जारी करते हुए 2 दिन के
अंदर संपूर्ण दस्तावेज लेकर नगर पालिका में उपस्थित होने कहा गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से ले
आउट अप्रूवल की कापी के आधार पर ही जमीन की रजिस्ट्री होगी। इस आदेश के लागू होने पर अपनी जमा
| पूंजी खर्च कर घर बनाने का सपना देखने या निवेश करने वालों के साथ धोखाधड़ी करना आसान नहीं
रहेगा। शहर में 08 से ज्यादा अवैध
कालोनियां हैं, जहां बगैर ले आउट
पास कराए टुकड़ों में जमीन बेची
जा रही है।

ऐसी कालोनियों में न तो सड़क बनाई जाती है. न ही पानी, बिजली जैसी
बुनियादी सुविधाएं मिल पाती हैं। अवैध कालोनी बनाने वाले ईडब्ल्यूएस के लिए भूखंड भी नहीं
छोड़ते हैं। कापी होने पर ही रजिस्ट्री होगी । अभी तक ले-आउट का अप्रूवल देखे बगैर ही सीधे रजिस्ट्री कर दी कार्यालय नगर पंचायत बसना. शासन के आदेश के
बाद सभी जिला रजिस्ट्री कार्यालयों में इसकी तैयारी
शुरू हो गई है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अप्रूव्ड ले आउट की
शासन के नए आदेश के बाद अब अवैध प्लाटिंग पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। इसके पहले अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने
2014 में शासन ने आदेश जारी कर
5 डिसमिल से कम जमीन की बिक्री पर रोक लगाई थी। इस आदेश के बावजूद जमीन की अवैध
प्लाटिंग पर प्रभावी रोक नहीं लग पाई।

अब प्लाट की खरीद-बिक्री के लिए
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग
विभाग से अप्रूवल कराना
अनिवार्य कर दिया गया
है।
ले-आउट अप्रूवल होने पर
प्लाट की बिक्री होने पर उस एरिया
अप्रूवल कराने अब छोड़ना होगा 55 प्रतिशत तक में चौड़ी सड़क, गार्डन और ड्रेनेज सिस्टम का प्रावधान नियमानुसार किया जाएगा। अभी सड़क की जमीन भी भूमाफिया बेचते हैं। शासन को पीएम आवास के लिए
ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए पर्याप्त
जमीन मिलेगी।
अभी तक ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 15 प्रतिशत जमीन छोड़े बगैर पूरी जमीन बेच दी जाती है। ले-आउट एप्रूवल होने
पर बिल्डिंग परमिशन आसानी से
मिलेगी। एप्रूव न होने के कारण
नगरीय निकाय से परमिशन नहीं
मिलती थी। लोगों के लिए राहत
वाली बात है। जमीन की प्लाटिंग करने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से लेआउट अप्रूव कराना जरूरी है। अप्रूवल के लिए सड़क, नाली, गार्डन के लिए 55 फीसदी जमीन रिजर्व रखनी पड़ती है। बाकी बची 45 प्रतिशत जमीन पर ही प्लाटिंग कर बेचा जा सकता है। जबकि, कालोनाइजर 15 प्रतिशत भूखंड छोड़कर प्लाटिंग कर देते हैं। ले-आउट के बिना पहले भी रजिस्ट्री नहीं होती थी। लेकिन, कुछ लोग रजिस्ट्री
कार्यालय में गलत तरीके से रजिस्ट्री करा लेते थे। नगर पंचायत बसना क्षेत्रान्तर्गत अवैध कालोनी बनाई गई है, जिसकी शिकायत प्राप्त हुई। उसके बाद नगर पंचायत हरकत में आई है। दो दिवसीय के भीतर कालोनाइजर एक्ट के तहत अनुमति ली गई है या प्रकियाधीन है तो कालोनी से संबंधित समस्त दस्तावेज नक्शा खसरा पालिका की अनुमति, नगर निवेश की अनुमति ले-आउट की कॉपी
सूचना प्राप्ति के 02 दिवस के भीतर इस कार्यालय में आकर अपने समस्त दस्तावेजों का जांच कराने कहा गया है। ताकि न की स्थिति में वैधानिक कार्यवाही करते हुए समस्त कालोनियों का नियमितिकरण किया जा सके। अथवा पत्र के प्राप्ति उपरांत आपके द्वारा अगर कार्यालय में उपस्थित होकर अपने दस्तावेजों का परीक्षण ना कराया गया तो यह माना जाएगा कि अवैध कालोनी बनाई
गयी है। पालिका द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी स्वयं होंगे।