महासमुंद -/ गौठान में राजनैतिक दल के सदस्यों द्वारा गौठानों में जाकर पूरी वास्तविकता संबंधी खबरे न देकर भ्रमक खबरें समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के जरिए आमजन को भ्रमित कर रहे है -/ जनपद पंचायत महासंमुद
गौठान संबंधी खबरें वातविकता से दूर, छांव पानी की पूरी व्यवस्था
भीष्ण गर्मी में जल स्तर कम होने वाले गौठान में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था
महासंमुद 24 मई 2023/

महासंमुद विकासखंण्ड में स्थित बेमचा, लाभराखुर्द एवं चिंगरौद के गौठान में राजनैतिक दल के सदस्यों द्वारा गौठानों में जाकर पूरी वास्तविकता संबंधी खबरे न देकर भ्रमक खबरें समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के जरिए आमजन को भ्रमित कर रहे है। जैसे पशुओं के लिए शेड, पशुओं के लिए चारा, छांव एवं पानी की व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में जनपद पंचायत महासंमुद द्वारा वस्तुस्थित की जानकारी देते हुए बताया कि उक्त गौठाने तृतीय चरण में स्वीकृत हुई है। ग्रीष्म ऋतु में अधिकांश मवेशी पेड़ों की छांव में ही रहते है। लभर्राखुर्द गौठान में अधिक संख्या में पेड होने की वजह से पेडों की छावं मे ंमवेशी रहते है। ग्रीष्म काली ऋतु के चलते खेतों में फसल नहीं होने के कारण पशु खुले में चर रहे, गांव में छुटटा चराई प्रथा के काराण पशुओं द्वारा पानी पीने एवं चारा रखने हेतु गौठान में आकर वापस चले जाते है । वही चिंगरौद गौठान में पानी की व्यवस्था के लिए भी पन्द्रहवें वित्त आयोग मद से दो नलकूप बोर खनन कार्य कराया गया था । किन्तु एक बोर असफल होने एवं एक बोर में इस ग्रीष्म ़ऋतु में जल स्तर कम हो गया है। इस कारण गौठान में पानी की व्यवस्था अन्य जगह राजीवगांधी सेवा केन्द्र से वैकल्पिक व्यवस्था प्रस्तावित कर गौठान का कार्य सुचारू रूप से संचालित है।
कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर ने भीष्ण गर्मी को देखते हुए पहले भी जिले के सभी जनपद सीईओ को निर्देशित किया था कि जिन गौठानों या ग्रामीण क्षेत्रों में जहां गर्मी में नलकूप,हैडपम्प का जल स्तर काफी नीचे या कम हो जाता है। ऐसे गौठानों और ग्रामीण इलाकों में पानी की वैकल्प व्यवस्था समय रहते पूरी कर ली जाये । इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, क्रेडा के साथ ही जिला पंचायत द्वारा 15 वें वित्त आयोग से पानी की व्यवस्था के लिए राशि मुहैया करा कर गौठानों में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ने बताया कि उक्त तीनों गौठानों में प्रतिदिन गोबर खरीदी का कार्य किया जा रहा है। गौठान बेचमा में 22 मई तक 1068 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। वही लभराखुद में 675 क्विंटल और चिंगरौद में 302 क्विलट गोबर खरीदा जा चुका है। क्रय किये गये गोबर से वर्मि कम्पोस्ट खाद भी तैयार कर विक्रय भी किया गया है। उक्त तीनों गौठानें तृतीय चरण में स्वीकृम हुई है। गौठानों में वर्मी टैक, बोर खनन, कोटना निर्माण सीपीटी व तार फैसिंग का निर्माण कराया गया है। ग्रीष्म ऋतु के कारण जल स्तर नीचे होने के कारण पानी की वैकल्पिक व्यवस्था भी की गयी है ।
