Thursday, December 4, 2025
छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ : भतकुंदा के वन दुर्गा में बलि प्रथा और पशु बांधने...

छत्तीसगढ़ : भतकुंदा के वन दुर्गा में बलि प्रथा और पशु बांधने वाली गेरुवा रस्सी की सुरुवात कैसे हुई , कई रहस्यमयी घटनाएं आज लोग नौकरी खोए हुए चीज और कई मन्नते लेकर छत्तीसगढ़ के कोने कोने से पहुच रहे है टीएस सिंह देव तक ।

छत्तीसगढ़ : भतकुंदा के वन दुर्गा में बलि प्रथा और पशु बांधने वाली गेरुवा रस्सी की सुरुवात कैसे हुई , कई रहस्यमयी घटनाएं आज लोग नौकरी खोए हुए चीज और कई मन्नते लेकर छत्तीसगढ़ के कोने कोने से पहुच रहे है टीएस सिंह देव तक ।

IMG-20250916-WA0012(2)
IMG-20250910-WA0001(2)
IMG-20250901-WA0011
IMG-20250908-WA0014(1)
WhatsApp-Image-2025-08-01-at-09.59.00_bcc6eb55 (1)
IMG-20250923-WA0011 (2)
WhatsApp-Image-2025-09-21-at-15.05.31_f88b8d4c
IMG-20251008-WA0036(1)
GridArt_20251009_232600188
IMG-20251014-WA0016(1)
IMG_20251014_223411
GridArt_20251014_224215691
GridArt_20251014_225846989
GridArt_20251014_230348033

भारत मे कई ऐसे मंदिर है जहां आज भी आस्था के साथ पूजा पाठ और मनोकामना मांगे जाते है पूरी होने पर मनोकामना के अनुसार देवी या भगवान को देना पड़ता है लेकिन अब भी बली प्रथा जारी है भारत सहीत छत्तीसगढ़ के कई देवी मंदिरों में आज बली प्रथा जारी है वैसे तो उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में पशुबलि प्रतिषेध

WhatsApp Image 2025-09-21 at 15.05.29_0f650f3a
IMG-20250901-WA0010(1)
IMG-20250923-WA0011(1)
IMG-20250923-WA0012(1)
IMG-20250925-WA0012
IMG-20250930-WA0008(1)
IMG-20250928-WA0004
GridArt_20251009_134543623
IMG-20251008-WA0035(1)
GridArt_20251014_224656444
GridArt_20251014_225226326
GridArt_20251014_230804378

अधिनियम 1989 के तहत पशु बलि प्रतिबंधित है और इसके उल्लंघन पर तीन महीने की जेल या जुर्माने का प्रावधान है. राज्य के कई धार्मिक स्थलों पर भैंसा और बकरे की बलि देने की परंपरा रही है और कई समिति के प्रयासों से पिछले वर्षों में अनेक स्थानों पर पशुबलि की परंपरा बंद हो गई है।

IMG-20250913-WA0022
IMG-20250816-WA0034
IMG_20251004_021325
IMG_20251004_020844
IMG-20250923-WA00131
IMG_20251009_133722
IMG-20251014-WA0015

उल्लेखनीय है की जानवरों के परिवहन के संबंध में आमतौर पर अवैध तरीकों को अपनाया जाता है जैसे ट्रकों या वाहनों में ठूस ठूस कर जानवरों को भरा जाना जिससे उनका दम घुटता है व परिवहन के दौरान उनकी हड्डियाँ टूट जाती है। हत्या हेतु ले जाते समय हेतु मारते पीटते हुए कुर्बानी वाली जगह तक लाया जाता है और

IMG-20251203-WA0002
IMG-20251203-WA0005
IMG-20251203-WA0006

फिर तेज़ धारदार हथियार से गैर प्रशिक्षित कसाइयों द्वारा उन छोटे बच्चों के सामने इन जानवरों का गला रेंत कर उन्हें धीरे-धीरे तड़फ-तड़फ कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है जो बच्चे इन जानवरों को मरते हुए नहीं देखना चाहते हमारा मकसद के किसी के धर्म के आस्थाओं को ठेस बिल्कुल नही है ।

IMG-20251203-WA0004
IMG-20251203-WA0003

महाजनपद न्यूज ने छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के बसना पिथौरा सांकरा से 10 किलोमीटर दूर भतकुंदा क्षेत्र में आने वाले वन दुर्गा मंदिर का कई ऐसे वीडियो यु ट्यूब और गूगल में अपलोड है उनको रिसर्च किया जिसमें कई रहस्यमयी घटनाएं सुनने को मिली

वनदुर्गा भतकुंदा लगभग 100 से 150 साल पहले इस चमत्कारीक घटना के बाद सुरु हुवा था यहाँ देवी की पूजा मुरादे पूरी होने के लिए गेरुआ और दीया जा रहा है बली लोग यहां नौकरी खोए हुए चीज , और बच्चे नही होने पर एवं भूत प्रेत से प्रताड़ित कई मन्नते लेकर छत्तीसगढ़ के कोने कोने से पहुच रहे है और मनोकामना मांग रहे है यहां आज इतने गेरुवा रस्सी चढ़ चुकी है कि इनकी संख्या आज कई हजारो में है ।

जानकारी के अनुसार पूर्व में यहां घना जंगल था तथा क्षेत्र के सराईपतेरा निवासी तांत्रिक नटुवा ब्राम्हण कोई दो सौ साल पहले देवरी राज से पूजा पाठ कर वापस आ रहा था तभी भतकुंदा में दो बाघ ने उन्हें घेर लिया। अपनी जान बचाने के लिए नटुवा ब्राम्हण ने वहीं पर दान में मिले सोने-चांदी के आभूषण को पेड़ के नीचे गड्‌ढे खोदकर पाटकर उनके उपर एक पत्थर रख दिया। ब्राम्हण ने आंख बंदकर उक्त पत्थर को देवी समझकर पूजा आराधना की और जब आंख खुली तो उनके सामने से बाघ ओझल हो गया था। उक्त कहानी को सराईपतेरा जाने पर कार्तिको सांवल को बताया तथा विधि-विधान से पूजा आराधना करने कहा। तभी से यहां सांवल परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी पूजा आराधना में जुटे हुए हैं और आज इनकी ख्याति दूर-दूर तक बढ़ गई है। तथा लोग यहां आकर मन्नत मांग रहे है और अपने मुरादें पूरी होने के बाद फिर शनिवार और मंगलवार को पहुंचते हैं।

वही यु ट्यूब पर वीडियो अपलोड देखने पर पता चलता है कि जमाने मे कई ऐसे चीज खो जाते थे जिसके बाद गेरुवा बदने पर खोई हुई चीज मिल जाता था और बाद में बकरे की बली देना होता था ऐसे ही कई घटनाएं भतकुंदा मंदिर से जुड़ी है ।

वैसे एक घटना छत्तीसगढ़ के चंद्रपुर चंद्रहासिनी से मिलती जुलती है यू ट्यूब वीडियो देखने पर पता चलता है की एक ग्रामीण सायकल खो जाने पर मनोकामना मांगा था और सायकल मिल गया लेकिन बली देना भूल गया जिसके बाद उसकी पत्नी खत्म हो गई और उसके बच्चे एक दिन लापता हो गया बहुत ढूंढने के बाद ग्रामीणों ने पीड़ित को वन दुर्गा मंदिर के मनोकामना की बात बताई भूले हुए पीड़ित ने जब मन्नत पूरी की तो बच्चा फिर से वापिस आ गया और कहा कि मैं अपनें माँ की पास थी जबकि उसकी माँ के मृत्य साल भर पहले हो गई थी इस घटना के बाद लोगो का मानना था को बच्चे वन दुर्गा देवी के पास ही था और लोगो का विस्वास बढ़ते चले गया

वही लोगो का कहना है कि बुजुर्ग महिला बाजार से आते वक्त वन दुर्गा मंदिर के पास ही सौच कर दी और ओ महिला मौन हो गई थी किसी को बोलने में सक्षम नही थी और वही पर छूट गई गांव वालों को ढूंढने के और वन देवी में मनोकामना के बाद महिला बोलनें में सक्षम हुई

वैसे इस भतकुंदा में वन दुर्गा मंदिर के कई वीडियो यु ट्यूब लोगो ने अपलोड कर रखा है जिसमे एक वीडियो में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव भी इस मंदिर आ चुके है और छत्तीसगढ़ के कोने कोने से लोग यहां पहुँच रहे है ।

WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.58.59_16c64a20
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.58.59_3be423df
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.59.01_6e96dcfe
IMG-20250916-WA0013(1)
IMG-20250916-WA0008(1)
IMG-20250923-WA0013(1)
IMG-20251009-WA0005(1)
spot_img

ADV.

spot_img
RECENT POSTS

सरायपाली/भारतीय संविधान दिवस समारोह में लक्ष्मीधर प्रधान और विकास कुमार हुए सम्मानित। 

सरायपाली/भारतीय संविधान दिवस समारोह में लक्ष्मीधर प्रधान और विकास कुमार हुए सम्मानित। सरायपाली/समता साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ राज्य एवं श्री सरल सरिता भजनामृत भजन समिति रायपुर...

हेल्थ प्लस

कम वज़न वाले नवजातों की बढ़ती चुनौतियाँ: विशेषज्ञ देंगे निःशुल्क सलाह — 18 नवंबर को ओम हॉस्पिटल में विशेष परामर्श शिविर

कम वज़न वाले नवजातों की बढ़ती चुनौतियाँ: विशेषज्ञ देंगे निःशुल्क सलाह — 18 नवंबर को ओम हॉस्पिटल में विशेष परामर्श शिविर सरायपाली। कम वजन लेकर...