तेंदूपत्ता का उत्पादन बढ़ाने ग्रामीणों ने ख़त्म की बूटा कटाई तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई के पहले सप्ताह से संभावित ज़िले में 91 हजार 300 मानक बोरा का लक्ष्य

तेंदूपत्ता का उत्पादन बढ़ाने ग्रामीणों ने ख़त्म की बूटा कटाई

तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई के पहले सप्ताह से संभावित

ज़िले में 91 हजार 300 मानक बोरा का लक्ष्य

महासमुंद 19 अप्रैल 2022/ तेंदूपत्ता तोड़ाई के लिए समितियों द्वारा ग्रामीणों ने पिछले माह मार्च के दूसरे सप्ताह में शाख कर्तन का काम ख़त्म कर दिया गया है। इस बार तेंदूपत्ता की आवक बढ़ने की संभावना है। मानक बोरा दर बढ़ा दिए जाने से तेंदूपत्ता संग्राहकों का परिवार भी दिलचस्पी ले रहे हैं। मार्च महीने के लगते ही तेंदूपत्ता का सीजन शुरू हो जाता है। ग्रामीण और समितियां बूटा कटाई में जुट जाती हैं, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली तेंदूपत्ता श्रमिकों को मिल सके। आगामी मई के प्रथम सप्ताह से संग्राहकों का परिवार तेंदूपत्ता तोड़ाई शुरू कर देगा।

वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण की स्थिति अच्छी बताते हुए लघु वनोपज संघ ने संग्रहण के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अच्छी आवक की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य रखा जाएगा। लघु वनोपज संघ की जो भी शुद्ध आय होती है। उस आय का 70 प्रतिशत उसके संग्राहकों में बोनस के रूप में वितरित कर दिया जाता है। वहीं तेंदूपत्ता तोड़ने श्रमिक भी पूरे मनोयोग से तैयार है।

विभागीय जानकारी अनुसार वर्ष 2023 तेंदूपत्ता संग्रहण के पूर्व इस जिला यूनियन के समस्त 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 69 लॉटों में शाखकर्तन का कार्य अनुकुल मौसम में शाखकर्तन कार्य प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 01 मार्च से 15 मार्च 2023 अवधि में सम्पन्न कराया गया, जिसका पारिश्रमिक 55 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से 50 लाख 21 हजार 500 रुपए का पारिश्रमिक भुगतान किया गया है।

तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अनुमानतः मई के प्रथम सप्ताह में प्रारंभ होना है, जिसके लिये वनोपज संघ रायपुर द्वारा निविदा के माध्यम से समस्त 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के 69 लॉटों के लिये अग्रिम क्रेता नियुक्त किये जा चुके है। समिति के फड़ों पर संग्रहण कार्य सुचारू रूप से संपादन करने हेतु जोनल अधिकारी पोषक अधिकारी, फड़ अभिरक्षक एवं फड़ मुशियों की नियुक्ति की गई है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4000 रुपए संग्रहण पारिश्रमिक राशि संग्रहण लक्ष्य 91 हजार 300 मानक बोरा के विरूध्द वास्तविक संग्रहण मात्रा पर अनुमानित 36 करोड़ 52 लाख रूपए का भुगतान उनके बैंक खाता के माध्यम से किया जाएगा। विगत वर्ष 2022 में 95 हजार 400 मानक बोरा लक्ष्य के विरुध्द 83,596.215 मानक बोरा का संग्रहण किया गया है, जिसका संग्रहण पारिश्रमिक राशि 33 करोड़ 84 लाख रूपए 88 हजार 77 संग्राहकों को सीधा उनके बैंक खाता में भुगतान किया गया है।

तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले संग्राहक परिवार को संघ / शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लभांवित किया गया है। इनमें शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजनातर्गत योजना प्रारंभ तिथि 05 अगस्त 2020 से दिसम्बर 2022 तक 580 हितग्राहियों को 8 करोड़ 93 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा अनुदान योजनांतर्गत योजना प्रारंभ तिथि 01 अप्रैल 2020 से जनवरी 2023 तक 306 हितग्राहियों को 37 लाख 72 हजार रूपए का भुगतान किया गया है।

लघु वनोपज संघ ने वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण की स्थिति अच्छी बताते हुए कहा कि संग्रहण के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अच्छी आवक की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य रखा जाएगा। लघु वनोपज संघ की जो भी शुद्ध आय होती है। उस आय का 70 प्रतिशत उसके संग्राहकों में बोनस के रूप में वितरित कर दिया जाता है। वहीं तेंदूपत्ता तोड़ने श्रमिक भी पूरे मनोयोग से जुट गए हैं।

बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, समाज के प्रमुखों से सहयोग की अपील

बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश

जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, समाज के प्रमुखों से सहयोग की अपील

महासमुंद 19 अप्रैल 2023/

कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर कहा है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहाँ तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात विवाह को स्वीकार नहीं करते है, तो बालिक होने के पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा है कि बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। हम सभी का दायित्व है कि समाज में व्याप्त इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन के लिए जनप्रतिनिधियों नगरीय निकाय, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आमजनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाही किया जा सकता है।
कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि बाल विवाह के रोकथाम के लिए विशिष्ट जातियों का चिन्हांकन, ग्राम पंचायत स्तर पर विवाह पंजी का संधारण एवं पंजीयन, गांवों में कोटवारों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने के लिए मुनादी, जिले में आयोजित होने वाले सभी ग्राम सभाओं में बाल विवाह के रोकथाम के उपाय एवं बाल विवाह के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारें में चर्चा की जाए। ग्राम पंचायत एवं विकासखण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम, प्रचार-प्रसार, सूचना तंत्र का प्रभावी होना एवं पुलिस थानों में किसी भी माध्यम से प्राप्त बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही किया जाए। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार कार्ययोजना तैयार कर पत्र के साथ सर्व संबंधितों को प्रेषित की गई है। कलेक्टर ने कहा है कि बच्चों के सर्वोत्तम हित में बाल विवाह की पूर्ण रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करते हुये कार्यवाही से महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुन्द को अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।

महासमुंद -/ हर पंचायत को मिलेंगे 10 हजार रुपए तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने दो किश्तों में राशि मिलेगी

महासमुंद -/ हर पंचायत को मिलेंगे 10 हजार रुपए तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने दो किश्तों में राशि मिलेगी

महासमुंद 19 अप्रैल 2022/

राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अप्रैल को इस योजना का ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे। यह योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश के 14 ज़िलों के 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्रों के 6111 ग्राम पंचायतों में लागू होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में विगत 13 अप्रैल को आयोजित भरोसा सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदिवासी पर्व सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी।

छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना से महासमुंद ज़िले की 551 ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाले तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने दो किश्तों में 10 हज़ार रुपए की राशि मिलेगी। योजना का मूल उद्देश्य राज्य के गैर अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के साथ ही त्यौहार, उत्सवों का मूल स्वरूप में नई पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में राशि उपलब्ध करायी जाएगी। योजना की ईकाई ग्राम पंचायत होगी।

कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने योजना शुभारंभ की सभी तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए है। इसके साथ ही इस योजना के विभिन्न प्रचार-माध्यमों के ज़रिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने संबंधित जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देशित किया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति के सदस्यों को मार्गदर्शन जनपद पंचायत स्तर से दिया जाए, जिससे राशि का समुचित उपयोग किया जा सके। गांव के किस-किस तीज त्यौहार के लिए इस राशि का उपयोग किया जाएगा, इसका निर्धारण ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति द्वारा किया जाएगा।

इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी, समन्वय संबंधी कार्य जनपद स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा गया है कि इस योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार करते हुए सर्व संबंधितों की जानकारी में लाया जाए ताकि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त सामुदायिक विकासखण्डों के ग्रामीण समाज को प्राप्त हो सके।

लोकार्पण से पहले पानी टँकी में गिट्टी दिखने के बाद कराया गया छबाई गुणवत्ता हीन निर्माण का आरोप

लोकार्पण से पहले पानी टँकी में गिट्टी दिखने के बाद कराया गया छबाई गुणवत्ता हीन निर्माण का आरोप

पानी का स्रोत और विधुत कनेक्सन नही मिलने के कारण कार्य पूर्ण होने के बाद भी पानी टंकियों का संचालन में बाधा

हेमन्त वैष्णव बसना सरायपाली

बसना :- ग्रामीणों को पानी की किल्लत से मुक्ति देने के लिए जल जीवन मिसन अंतर्गत हजारो लीटर क्षमता वाली पानी टंकियों का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है पानी टंकी निर्माण एवं पाइप लाइन विस्तारीकरण के लिए प्रत्येक गाँवों को लाखों का बजट दिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के देख रेख में ठेकेदारों के माध्यम से कार्य करवाया जा रहा है लेकिन ठेकेदारों की कुछ लापरवाही और विभाग के द्वारा उचित कार्य योजना बना कर कार्य नही किया गया जिसके कारण अब विभाग की परेशानी बन चुका है और इसका खामियाजा अब ग्रामीणों को मिलेगा चुकी उचित योजना बनाकर कार्य नही किया गया है जैसे कि कई जगह विधुत कनेक्सन उपलब्ध नही है साथ ही साथ पानी टंकियों के आस पास ट्यूबवेल के लिए बोर खनन के लिए पानी का स्रोत नही मिल रहा है जिसके कारण भी पानी का संचालन मुश्किल है विभाग को ऐसे जगहों में पानी के टंकियों का निर्माण करवाना था जहाँ आसानी से विधुत कनेक्सन मिल जाता और इसके साथ पानी टंकियां निर्माण के पहले पानी का स्रोत भी ढूंढकर ट्यूबवेल बोर खनन कराकर पानी टंकियों का निर्माण करवाना था बता दें कि अभी पूर्व कार्यलय में भी कई जगहों में पानी के टंकियों का निर्माण कराया गया है लेकिन पानी के स्रोत के कमियों के कारण कई पानी टंकी धूल खा रहा है और उपयोग नही हो रहा है। बसना जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया में जल जीवन मिसन अंतर्गत पानी टंकी का निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है लेकिन निर्माणाधीन पानी टंकी में रंग रोधन के बाद जगह जगह छबाई किया गया है ग्रामीणों का कहना है पानी टंकी में छोटी छोटी दरार के लाइन और गिट्टी दिखने लगा था इसलिए छबाई कराया गया है।बता दें कि जल जीवन मिसन अंतर्गत ग्राम पंचायतो में निर्माण होने वाले पानी टंकियों के लिए लाखो रु तक का बजट मिल रहा है योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत में पानी टंकियों का निर्माण एवं पाइप लाईन का विस्तारीकरण करना है एवं घर घर तक पानी पहुचाना है लेकिन ग्राम पंचायत उमरिया में निर्माण होने वाले पानी टंकी में दरार एवं गुणवत्ताहीन निर्माण का आसंका जताया जा रहा है। मामले में ग्राम पंचायत उमरिया के सरपँच सूरज मिरी ने संवाददाता हेमन्त वैष्णव से चर्चा करते हुए बताया कि पानी टंकी निर्माण के बाद कई जगह गिट्टी दिखने लगे थे जिसके बाद एसडीओ एवं इंजीनियर को बताया गया था एसडीओ ने सुधार करवाने की बात कही थी जिसके बाद जहां जहां गिट्टी दिखाई दे रहा था वहां ठेकेदार द्वारा छबाई करवाया गया है, सरपँच ने कहा कि अभी पानी टंकी निर्माण के बाद जब टेस्टिंग होगा तभी पता चलेगा कि पानी टंकी गुणवत्ता पूर्वक बनाया गया या गुणवत्ताहीन।

कई जगह पानी के स्रोत और विधुत कनेक्सन के वजह से पानी सप्लाई के काम बाधा उतपन्न हो रहा है, – पीएचई एसडीओ

मामले में पीएचई एसडीओ सिदार ने कहा की उमरिया मामले में ठेकेदार को समझाईस दिया जाएगा लोकार्पण के पहले ऐसे निर्माणाधीन टंकी में ऐसी सिकायत आना सही नही है पीएचई एसडीओ सिदार ने कहा कि बसना सरायपाली के कई गांव में जल जीवन मिसन अंतर्गत कार्य लगभग पूर्ण हो चुके है लेकिन पानी टंकी पूर्ण होने के बाद के भी कई तरह के संस्याए आ एसडीओ ने कहा कि जहां जहां पूर्ण हो चुके है कई जगहों में पानी का स्त्रोत नही मिल रहा है और इसके अलावा विधुत विभाग द्वारा पानी टंकी के संचालन के लिए विधुत कनेक्सन भी सही समय में नही दिया जा रहा है कई जगहों में विधुत कनेक्सन के कारण भी पानी का संचालन नही हो पा रहा है जहां जहाँ पानी का स्रोत और विधुत कनेक्सन मिल गया है वहा सुचारु ढंग से चालू किया जा रहा है। मामले में विधुत विभाग के राकेश अरोरा कार्य अभी सरायपाली ने बताया कि पानी टंकियों में विधुत कनेक्सन के लिए आवेदन आया है प्रोसेस चल रहा है वर्क ऑर्डर और टेंडर के बाद कार्य पूरा किया जाएगा।

महासमुंद -/ कलेक्टर ने मार्ग में बाधक बने जिस अतिक्रमण को हटवाया था लगभग 1 बाद फिर से कब्जा किया जा रहा है

महासमुंद -/ कलेक्टर ने मार्ग में बाधक बने जिस अतिक्रमण को हटवाया था लगभग 1 बाद फिर से कब्जा किया जा रहा है

महासमुंद / पिथौरा / हेमन्त वैष्णव

जिले में लगातार अतिक्रमण का मामला बढ़ता जा रहा अवैध अतिक्रमण करने में आम आदमी के साथ साथ जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी भी शामिल है शिकायतें भी होती है लेकिन दिनों दिन तारीख पर तारीख बढ़ती जाती है तहसीलदार और एसडीएम कार्यालय में अवैध अतिक्रमण का बहुत सारी शिकायते पेंडिंग में है तहसीलदार अगर कार्यवाही के लिए आदेश करें तो अवैध अतिक्रमणकारि एसडीएम से स्टे आर्डर उसके बाद हाई कोर्ट और मामला 5 से 10 सालों में ठंडा पड़ जाता है लेकिन अतिक्रमणकारियों के खिलाप और अवैध अतिक्रमण को लेकर कोई भी ठोश कार्यवाही नही किया जाता है , कई ऐसे मामला है जिसमे स्टे ऑर्डर के बाद भी बिल्डिंग बनते जा रहा है लेकिन उन मामलों में अधिकारियों का ध्यान नही रहता है ।

महासमुंद कलेक्टर लगभग 1 माह पूर्व बसना विधानसभा के पिथौरा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत सिरको में गोठान निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत सिरको के गली मुख्य मार्ग में एक व्यक्ति द्वारा अपने घर से रोड तक पछड़ी बैठक बनाया गया था जिसके कारण मार्ग संकरा हो गया था और इसके अलावा सीसी रोड निर्माण पर भी बाधक उतपन्न हो रहा था गली संकरी होने के कारण 4 पहिया वाहनों को भी गुजरने में परेशानी होती है महासमुंद कलेक्टर ने आम व्यक्तियों के परेशानियों को देखते बैठक को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था लेकिन सीसी मार्ग निर्माण के बाद एक बार फिर इट और सीमेंट के माध्यम से बैठक बनाकर अतिक्रमण किया जा रहा है ।

मामले में ग्राम पंचायत सिरको के सरपँच बंसी सिदार ने कहा है कि कलेक्टर के निर्देशन में अवैध अतिक्रमण हटाया गया था अभी पुनः नवीन सीसी मार्ग का निर्माण हुवा है सीसी मार्ग निर्माण के आज बाजू पाईप लाइन विस्तारीकरण के लिए जगह छोड़ा गया है ऐसे जगहों में जबरदस्ती अतिक्रमण किया जा रहा है फिर से पचडी बैठक को हटवाया जाएगा ।

 

अंचलवासियों के लिए वरदान साबित हो रहा अग्रवाल नर्सिंग होम बसना जहाँ हो रहे है जटिल से जटिल हड्डी सम्बंधित सफल आपरेशन …

अग्रवाल नर्सिंग होम बसना अंचल के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है जहाँ लोगों को अपने ही क्षेत्र में सभी सुविधाओं के साथ प्रख्यात डॉक्टरों का लाभ मिल रहा है अग्रवाल नर्सिंग होम बसना जिले का प्रथम अस्पताल है जहाँ सफल नि रिप्लेसमेंट सर्जरी हुआ है इसके अलावा कई जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक किया जा चूका है|  इस सफलता के बाद क्षेत्र के लोगों को हड्डी संबंधित इलाज के लिए पड़ोसी राज्य और अन्य जिलों में नहीं भटकना पड़ेगा।

यहाँ आयुष्मान कार्ड / राशन कार्ड की सुविधा भी उपलब्ध है जिससे लोगों को द्वरा निःशुल्क इलाज का भी लाभ प्राप्त हो रहा है बेटी बचाओ बेटी पढाओ के प्रदेश सदस्य व अग्रवाल नर्सिंग होम बसना के संचालक डॉक्टर एन के अग्रवाल ने बताया की जिनका नहीं होता उनका हम स्थिति देखकर कम खर्च में इलाज करते है |

अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में आपरेशन कराने वाले मरीजों का कहना है की यह अस्पताल हमरे लिए वरदान से कम नहीं है हम पहले बहुत दूर दूर जाकर इलाज कराते थे लेकिन अब हमें दूर जाना नहीं पड़ता और सभी सुविधा का लाभ भी मिल रहा है यहाँ के डॉक्टर और स्टाप भी बहुत अच्छे है|

यहाँ अब डायलिसिस की सुविधा भी प्रतिदिन उपलब्ध है

अग्रवाल नर्सिंग होम के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित अग्रवाल ने जनहित में दिया संदेश।

अग्रवाल नर्सिंग होम बसना आज अंचल के लिए किसी वरदान से कम नहीं यहां विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ साथ लगभग हॉस्पिटल के सभी सुविधाओं का लाभ भी अंचल के लोग ले रहे है।

 

अग्रवाल नर्सिंग होम के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित अग्रवाल ने जनहित में बताया की जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार के साथ साथ अगर सांस लेने में कठिनाई होने पर तत्काल अपने शिशु रोग विशेषज्ञ के पास जाकर परामर्श जरूर लें।अगर नही लेने पर हो।सकता है की बच्चे की जान के लिए खतरा बन जाए । बच्चों में सांस की तकलीफ के प्रमुख कारण निमोनिया,वायरस,बैक्टीरिया,फंगल, दमा,अस्थमा हो सकते है,खाते या खेलते समय सांस नली में कुछ अटक जाना हृदय संबंधित रोग निमोनिया से बचने के लिए उपलब्ध टीकाकरण न्युमोकाकल, हिब, फ्लू, शाट,

 

अधिक जानकारी व परामर्श के लिए संपर्क करें डॉक्टर अमित अग्रवाल 7773086100

अंचल का पहला आर्थ्रोस्कॉपी द्वारा घुटने के टूटे हुए लिगामेंट का हुआ निःशुल्क इलाज बसना में

इलाज के 48 घंटे बाद मरीज चलने में समर्थ

26 वर्षीय बसना निवासी खेल प्रेमी को वयस्क है  ,खेल के दौरान पैर में चोट लगने के बाद अत्याधिक घुटनों में दर्द से पीड़ित था। सामान्य इलाज एवं महीनों से दर्द की गोलियां खाने पर भी मरीज को आराम नहीं मिला। कई बार एक्स-रे भी कराया इंजेक्शन भी लगवाया पर आराम नहीं मिलने पर अग्रवाल नर्सिंग होम में उपस्थित हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ संदीप सराफ अग्रवाल से परामर्श लिया गया। उन्होंने बताया मरीज के हड्डी में किसी प्रकार का फ्रैक्चर नहीं है परंतु चोट के कारण घुटने के लिगामेंट में इंजरी है, उन्होंने मरीज का MRI कराने के पश्चात आर्थ्रोस्कॉपी यानी दूरबीन द्वारा घुटनों की जांच करी,और पाया गया की घुटने का ACL लिगामेंट टूट गया है ,जिसे दूरबीन द्वारा फिर से बनाया गया और ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा ।

मरीज मात्र 48 घंटे बाद पूरी तरह चलने में समर्थ रहा ,घुटने के सारे मूवमेंट करने में सक्षम रहा और यह ऑपरेशन उसका आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क किया गया ।ज्ञात हो इस प्रकार की सर्जरी बड़े शहरों में लाखों रुपए में की जाती है ,और मरीज को बार-बार परामर्श के लिए एवम फोलो अप के लिए जाना भी पड़ता है। इस प्रकार की जटिल सर्जरी बसना में होना मरीजों का आर्थिक भार के साथ-साथ समय भी बचाता है। डॉ अमित अग्रवाल ने बताया कि आर्थ्रोस्कॉपी का पूरा सेटअप हमारे हॉस्पिटल में उपलब्ध है ,केवल जांच के लिए मरीज को रायपुर भेजा गया और उसके बाद पूरा इलाज बसना में ही किया गया। आर्थ्रोस्कॉपी प्रक्रिया एक्सपर्ट डॉक्टर के द्वारा ही किया जा सकता है जिसमें उनकी दक्षता हो अन्यथा जॉइंट खराब भी होने का खतरा बना रहता है। अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक ने यह भी बताया ,किसी भी प्रकार के खेल खेलते समय चोट लगने पर जोड़ों के लिगामेंट में इंजरी हो जाती है, जोकि एक्स-रे में भी नहीं दिखता और मरीज दर्द की गोलियां खाते रहता है। कभी भी खेल के दौरान चोट लगने पर आप अग्रवाल नर्सिंग होम में डॉक्टर संदीप अग्रवाल से परामर्श कर उचित इलाज का लाभ उठा सकते हैं ।ज्ञात हो ,डॉक्टर संदीप सर्राफ विशाखापट्टनम के प्रसिद्ध अस्पतालों में 10 वर्षों की सेवाएं दे चुके हैं ,और वह खेल चिकित्सा ,हड्डी ,जोड़ प्रत्यारोपण एवं स्पाइन के विशेषज्ञ सर्जन है जोकि अग्रवाल नर्सिंग होम में प्रतिदिन उपलब्ध हैं

 

अग्रवाल नर्सिंग होम बसना के प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित अग्रवाल ने बच्चों में होने वाली कुक्कुर खांसी के बारे में दी जानकारी व बचाव के उपाय….

टीकाकरण से कुक्कुर खांसी नामक बीमारी से बचाओ संभव है 

डॉक्टर अमित अग्रवाल ने बताया की कूकर कास या कूकर खांसी या काली खांसी व्हूपिंग कफ़ जीवाणु का संक्रमण होता है जो कि आरंभ में नाक और गला को प्रभावित करता है। यह प्रायः २ वर्ष से कम आयु के बच्चों की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। इस बीमारी का नामकरण इस आधार पर किया गया है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सांस लेते समय भौंकने जैसी आवाज करता है। यह बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु व्यक्तियों के बीच श्वसन क्रिया से निष्कासित जीवाणु से फैलती है। यह तब होता है जब संक्रमण युक्त व्यक्ति खांसते या छींकते हैं। यह संक्रमण युक्त व्यक्तियों के शारीरिक द्रवों से संपर्क होने से भी फैलता है जैसे नाक का पानी गिरना।

इसके लक्षणों में छींकना, आंखों से पानी आना, नाक बहना, भूख कम होना, ऊर्जा का ह्रास होना और लगातार खांसते रहना और इसके बाद भौंकने जैसी आवाज आना तब जबकि बीमार व्यक्ति सांस लेने का प्रयास करता है|

इस बीमारी को ध्यान न देने पर बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है पर टीकाकरण से इस बीमारी से बचाओ संभव है अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में इस बीमारी का मेडिसिन से  सफल इलाज किया जा रहा है |

देखें इस बीमारी के लक्षण –

एडवांस यूरोलाजी सेंटर अब अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में …..

अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में एडवांस यूरोलाजी सेंटर उपलब्ध जिसमे –

युरोसर्जन डॉक्टर तुषार दानी

युरोसर्जन डॉक्टर योगेश बारापात्रे

लेप्रोस्कोपीक सर्जन डॉक्टर जयप्रकाश बर्मन 

मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर अजय पटेल

नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर रवि घर उपलब्ध रहेंगे |

सभी प्रकार की पथरी,प्रोस्टेट,मूत्र मार्ग में रूकावट इत्यादि सम्बंधित समस्त बिमारियों का लेज़र व दूरबीन पद्धति से जांच व आपरेशन प्रदेश के प्रसिद्द डॉक्टर द्वारा किया जायेगा |

अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में 24 x 7 घंटे डायलिसिस की सुविधा ICU बैकअप व किडनी रोग विशेषज्ञ एवं मेडिसिन स्पेशलिस्ट के देखरेख में उपलब्ध |