सरायपाली के इस निजी अस्पताल में जरा भी मानवता नही डिलीवरी के बाद ICU में इलाज के दौरान महिला का पैर जल गया लेकिन गरीब के उपचार के लिए कुछ नही किया अस्पताल प्रबंधन ने ?
महासमुंद
महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लॉक में एक परिवार अपनी पत्नी के जजकी के लिए सरायपाली के ओम हॉस्पिटल लेकर गया था जहाँ जजकी के बाद ICU में रखा गया था जहां महिला को ठंडी लगने लगा जिसके बाद गर्मी के लिए एक मसीन का उपयोग किया गया और उसी मसीन से महिला का पैर पूरी तरह झुलस गया है

बताया गया कि सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज़ को बेहोशी की दवा देते हैं दवा लेने के बाद मरीज़ को एहसास ही नहीं होता कि उसके शरीर पर कहां, क्या हुआ वही इन्जेक्सन महिला को भी लगाया गया था जहां गर्मी पैदा करने वाली मसीन से पैर जल गया बताया गया कि इंजेक्शन के कारण महिला को पता भी नही चल रहा था कि पैर जल रहा है

जिसके बाद परिवार ने अस्पताल को पैर के इलाज के लिए उपचार की मांग की लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा की इसमें हमारा क्या गलती है अस्पताल प्रबंधन ने महिला को लेकर जरा भी मानवता नही दिखाई ।
पीड़ित ने बताया कि अस्पताल में जजकी पर लगभग 25 हजार रु लग गए और अब पत्नी के पैर झुलसने के बाद आर्थिक तंगी से गुजर रहा रहा पीड़ित ने असप्ताल प्रबंधन के खिलाप डर के कारण कही सिकायत भी नही कर पा रहा है चुकी उस गरीब को उपचार के लिए टाका खोलवाने के लिए दोबारा उस अस्पताल में जाना पड़ेगा ।बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने जले हुए इलाज के नाम पर बस एक 85 रु का मलहम और 500 रु कम किया