महासमुन्द : क्या मौत के बाद भी गब्बर इस बैक फ़िल्म जैसे चलता रहा इलाज अस्पताल की करतूत महिला की मौत के बाद एफआईआर दर्ज ।
महासमुन्द हेमन्त वैष्णव
ग्राम तेदुलोथा थाना बागबाहरा का निवासी हूं राजमिस्त्री का काम करता हूं। मेरी मां श्रीमती खोलबाहरिन कुर्रे दिनांक 22.09.23 को पित्तासय में पथरी का आपरेशन हेतु भर्ती किया गया था जिसकी दिनांक 23.09.23 को आदित्य अस्पताल महासमुन्द में डांक्टर द्वारा पित्तासय में पथरी का आपरेशन दौरान डांक्टर की लापरवाही से अधिक रक्त बहने से मृत्यु होने के संबंध में मेरे एवं मेरे पिता जी द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित आवेदन आदित्य अस्पताल महासमुन्द के संचालक एवं आपरेशन में लापरवाही करने वाले अन्य डांक्टर के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करने पेश कर रहा हूं
कार्यवाही किया जावे आवेदन पर अपराध धारा 304ए भादवि का पाये जाने से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया आवेदन पत्र नकल जैल है। प्रति थाना प्रभारी सिटी कोतवाली महासमुन्द विषय आदित्य हास्पिटल के डांक्टर द्वारा आपरेशन के दौरान लापरवाही करने के कारण हुयी मौत का जांच कर एफ आई आर करने व शव की मेडिकल बोर्ड की विशेषश डांक्टरो की टीम के द्वारा शव
परीक्षण कराने बाबत् महोदय यह की मै रामलाल कुर्रे पिता देवनाथ कुर्रे तेंदूलोथा वार्ड न0 12 बागबाहरा के निवासी हूं। जो कि मेरे पत्नि खोलबाहरीन कुर्रे उम्र 50 वर्ष को दिनांक 17 सितम्बर 2023 को पेशाब संबधित समस्या की जांच कराने आदित्य हास्पिटल महासमुन्द लाया था। जहां अस्पताल मे सचालक डां0 कालीकोटी द्वारा पेशाब थैली मे पथर्री व पेशाब नली में मस्सा होना बताते हुये, आपरेशन कराने हेतु सलाह दिया गया।
साथ ही आपरेशन की खर्च राशि 15000/ नगद व आयुष्मान कार्ड के जरिये करना बताया गया। चूंकि इस दिन मेरे पास 15000/ राशि नही होने के कारण मैने अपने पत्नि को वापस घर ले गया। तथा दिनांक 22 सितम्बर 2023 को दोपहर 03.00 बजे आदित्य हास्पिटल महासमुन्द मे ही लाकर भर्ती किया गया। विभिन्न जांच के लिये 5000/ रूपये जमाकर आपरेशन के सहमति पत्र मे दस्तखत कराया गया। दिनांक 23 सितम्बर2023 को पुरी जांच मे आपरेशन के लिये फिट पाये जानने पर सुबह 10.00 बजे समान्य हालात मे मेरे पत्नि को आपरेशन थियेटर मे ले जाके सर्जरी शुरू किया गया। दो घंटे बाद
दो घंटे बाद डांक्टर द्वारा मरीज की हालात ढीक है और खुन की व्यवस्था करने को कहा गया, जबकि आपरेशन के पूर्व मेरी पत्नि की खुन की मात्रा ठीक था और इसके संबंध मे हमे पहले आगाह नही किया गया था। इस दौरान हमे अस्पताल के स्टाफ द्वारा अलग अलग बाते बोलकर कभी कोमा मे है तो कभी B P लो है करके 04.00 बजे तक गुमराह करते रहा। बल्कि आपरेशन के दो घंटे के बाद से ही 22 तारीख तीथी मे मरीज की हालत बेहद खराब होने की एक कागज मे परिवार की सदस्यों से दस्तखत करने हेतु बार बार दबाव डालते रहा। महोदय हम लोगो के द्वारा बार बार मरीज को देखने की जीद किया तो हमे अस्पताल से बाहर निकालकर सडक पर बिठा दिया था। जब मेरे परिजनो द्वारा बहुत जीद किया तब 04.00 बजे डांक्टर
कालीकोटी द्वारा बताया गया कि दो बाहर के सर्जन जिसमे एक जिला अस्पताल के डांक्टर व एक रायपुर के सर्जन के द्वारा सर्जरी किया जा रहा था इसी दौरान अत्याधिक रक्त स्त्राव होने के कारण मरीज की स्थिति गंभीर होना बताया गया जिस कारण आपरेशन स्थगित होना भी बताया गया।
इसी बीच लगभग 01.00 बजे मै और मेरे पुत्र द्वारा ICU रूम मे जाकर देखा कि मेरी पत्नि कि जीभ बाहर व सांसे रूक गयी थी और जब हम लोगो को देखा तो सीना को दबा दबा कर देख रहे थे। अत: महोदय मेरी पत्नि की मौत आपरेशन के दौरान डांक्टरो
लापरवाही के कारण ही हुयी है फिर भी हमें पिछले तारीख वाले आवेदन मे दस्तखत करने व अनावश्यक कोमा मे है कहकर गुमराह करते रहा इसलिये आदित्य हास्पिटल के संचालक व सर्जरी मे शामिल डांक्टरो के विरूद्ध FIR दर्ज कर कार्यवाही करने व मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ डांक्टरो के टीम के द्वारा शव परीक्षण की विडियोग्राफी व न्यायिक अधिकारी के समक्ष करने की कृपा करेंगे। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नही होने पर शव को घर ले जाने मे असमर्थ रहूंगा ।