महासमुन्द जिले के बसना ब्लॉक अंतर्गत ग्राम बिछिया शिक्षा व्यवस्था में उदाहरण बनकर उभरा है। यहां संचालित प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल अब बच्चों के लिए आधुनिक मॉडल स्कूल साबित हो रहे हैं।
ग्राम पंचायत बिछिया की सरपंच श्रीमती रीना गड़तिया और उनके पति जनपद सदस्य राजेश गड़तिया के प्रयासों से मुख्यमंत्री जतन योजना और 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि से कुल 9 लाख रुपये की लागत में स्कूलों का कायाकल्प किया गया है।
स्कूल भवन में टाइल्स और मार्बल जैसे आधुनिक सामानों का उपयोग किया गया है। 24 से अधिक पंखा, नल, शौचालय, कक्षाओं से लेकर कॉरिडोर तक पूरे परिसर को आकर्षक और टिकाऊ ढंग से तैयार किया गया है। स्कूल के संचालन का तरीका भी बिलकुल वैसा ही है जैसा बड़े शहरों के निजी स्कूलों में देखने को मिलता है।
सरपंच रीना गड़तिया ने बताया कि दोनों स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन करने हेतु बड़ा हाल बनाया गया है, जिसमें सभी बच्चों के ऊपर पंखे लगे हैं। बच्चों को गर्मी के दिनों मे भी ज़्यादा परेशानी नहीं होगी। बच्चों को हाथ या थाली धोने के लिए लाइन में खड़े होने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि 20 से अधिक नल लगाए गए हैं। यहां तक कि बच्चों की सुविधा के लिए बाथरूम भी स्कूल से अटैच किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि शिक्षक की कमी को दूर करने के लिए स्वयं के मानदेय से 3 अतिरिक्त शिक्षक रखे गए हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई किसी भी हाल में बाधित न हो।
वर्तमान में बिछिया गांव के प्राथमिक और मिडिल स्कूल में लगभग 130 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बेहतर वातावरण, आधुनिक सुविधाएँ और निजी स्कूल जैसी व्यवस्था पाकर विद्यार्थी उत्साहपूर्वक पढ़ाई कर रहे हैं। गांव के लोग इस पहल पर गर्व महसूस कर रहे हैं और मानते हैं कि यह स्कूल पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श मॉडल है।
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स्वास्थ्य सुविधाओं से ग्रामीण होंगे लाभान्वित
लंबे समय तक मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहे इस क्षेत्र के लोगों के लिए अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर (उप स्वास्थ्य केन्द्र, बिछिया) किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहा है।
गांव में 06 बिस्तरों वाला अतिदक्ष कक्ष, आधुनिक चिकित्सा उपकरण, स्वच्छ और व्यवस्थित प्रसव कक्ष, ओपीडी एवं टेलीमेडिसिन सुविधा की शुरुआत से ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। यहां अब मरीजों को डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे दूर-दराज जाने की मजबूरी कम हो गई है।
स्वास्थ्य केंद्र में मातृ एवं शिशु देखभाल की विशेष व्यवस्था, निःशुल्क जांच और टीकाकरण, स्वच्छ प्रसव कक्ष, और आपातकालीन उपचार की सुविधा ने इस गांव की तस्वीर बदल दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले सामान्य बीमारियों और प्रसव जैसे मामलों में भी लोगों को कई किलोमीटर दूर जिला अस्पताल तक जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें यही पर सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है।
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गांव की छवि बदल रही है
जहां कभी विकार की गांव पिछड़ेपन और सुविधाओं की कमी से पहचाना जाता था, वही अब यह गांव मॉडल गांव के रूप में पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। आयुष्मान भारत योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मिली इन सुविधाओं ने गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ दिया है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने ग्रामीणों की जिंदगी में नया उजाला लाया है। यह कदम स्वास्थ्य सुविधा ही नहीं बल्कि सामाजिक विकास की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।