महासमुंद -/ मोहगांव (सांकरा) के घर पर बने 3 कमरे की अस्पतालनुमा क्लिनिक पर छापामार कर कार्यवाही किया गया

महासमुंद -/ मोहगांव (सांकरा) के घर पर बने 3 कमरे की अस्पतालनुमा क्लिनिक पर छापामार कर कार्यवाही किया गया

महासमुंद हेमन्त वैष्णव

पिथौरा। विकासखंड में छोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन कर भोले – भाले ग्रामीणों का बड़े – बड़े रोगों का उपचार कर चिकित्सा का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। इनके पास ना तो चिकित्सा से सम्बंधित कोई डिग्री है ना ही क्लिनिक चलाने का अधिकार, फिर भी अंचल में बड़े पैमाने पर फर्जी क्लिनिक , पैथोलॉजी लैब , एक्सरे इत्यादि का कारोबार चरम पर है। शिकायत के आधार पर बीते गुरुवार को राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग पिथौरा के संयुक्त टीम द्वारा ग्राम मोहगांव (सांकरा) के हेमंत प्रधान के घर पर बने 3 कमरे की अस्पतालनुमा क्लिनिक पर छापामार कार्रवाई किया गया।

मिली जानकारी अनुसार ललित मुखर्जी नामक व्यक्ति ने ग्राम मोहगाँव (सांकरा) के छोलाछाप डॉ. हेमन्त प्रधान के द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक संचालन करने की शिकायत विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. (श्रीमती तारा अग्रवाल) के समक्ष किया था। उक्त शिकायत के आधार पर राजस्व विभाग के अधिकारी नायब तहसीलदार देवेंद्र कुमार नेताम एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. तारा अग्रवाल, फार्मेसिस्ट कौशल पटेल, पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता मुकेश कर के द्वारा दोपहर 12:00 बजे घर पर छापेमारी की कार्रवाई किया गया। जहां पहुंचते ही सभी अधिकारी अवैध रूप से संचालित अस्पतालनुमा क्लिनिक को देखकर दंग रह गए। टीम ने पाया कि झोलाछाप डॉ. हेमंत प्रधान के पास कोई चिकित्सा से सम्बंधित डिग्री नहीं थी। इसके अलावा क्लिनिक में काफी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां भी रखी हुए थी, साथ ही मरीजों की जांच उपकरण स्टेथोस्कोप, Thermometer (तापमापी), सिरिंज डिस्ट्रॉयर जप्त किया गया। साथ ही अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को सील किया गया है। मौके पर पंचनामा भी तैयार किया गया है। जिसमें झोलाछाप डॉक्टर हेमंत प्रधान ने विगत 10 वर्षों से उपचार करना स्वीकार किया है।

लोगों की जान से खिलवाड़

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में बड़ी संख्या में ऐसे क्लीनिक चल रहे हैं, जिनमें बैठे डॉक्टर बिना किसी मेडिकल डिग्री के लोगों का इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे ही कथित फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अभियान शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित ऐसे क्लीनिकों की जांच कर रही है। जो बिना किसी मेडिकल नालेज व डिग्री के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

इस मामले में विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. (श्रीमती) तारा अग्रवाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर ग्राम मोहगाँव में राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त टीम द्वारा छापेमारी किया गया। जिसमें ग्राम मोहगाँव के हेमंत प्रधान द्वारा अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन किया जा रहा था। इनके पास चिकित्सा से सम्बंधिक कोई डिग्री नहीं होने के कारण नर्सिंग होम एक्ट के तहत जब्ती एवं सील की कार्रवाई किया गया है।

इधर शिकायतकर्ता ललित मुखर्जी का कहना है कि चिकित्सा अधिनियम तथा नर्सिंग होम एक्ट के तहत अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसाय अपराध की श्रेणी में आता है। झोलाछाप डॉ. हेमंत प्रधान के घर पर बने क्लिनिक पर हजारों रुपये के दवाइयां एवं मेडिकल उपकरण जब्त किया गया है। बिना डिग्री एवं अनुभव के उपचार करना गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है। उक्त व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 एवं 420 के तहत अपराध दर्ज करने की अपील ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं पुलिस थाना सांकरा से की है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने थाना सांकरा में लिखित आवेदन भी सौपा है।

पिथौरा ब्लॉक में कई झोलाछाप डॉक्टरों

ब्लाक में झोलाछाप डाक्टरों का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शासन की लाख कोशिशों के बाद भी इनका कारोबार चोरी छिपे चल रहा है, जबकि शासन ने नर्सिंग होम एक्ट के तहत जिन्होंने लाइसेंस लिया है उन्हीं को ही क्लीनिक चलाने का अधिकार दिया है। वह भी केवल एमबीबीएस डॉक्टरों को ही पात्रता है। शेष झोलाछाप की श्रेणी में आते हैं। फिर भी ग्रामीण अंचल में बड़े पैमाने पर संचालन किया जा रहा है।

महासमुन्द स्पेशल सायबर डेस्क ने लगभग 200 मोबाईल फोनों को ओडिशा, बिहार, मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश छत्तीसगढ के रायगढ, बिलासपुर, कवर्धा, गरियाबंद, रायपुर, महासमुन्द आदि स्थानों से बरामद किया

महासमुन्द स्पेशल सायबर डेस्क ने लगभग 200 मोबाईल फोनों को ओडिशा, बिहार, मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश छत्तीसगढ के रायगढ, बिलासपुर, कवर्धा, गरियाबंद, रायपुर, महासमुन्द आदि स्थानों से बरामद किया

महासमुन्द -/ हेमन्त वैष्णव

महासमुन्द पुलिस की बडी सफलता।
महासमुन्द पुलिस ने गुम 200 मोबाईल फोन बरामद कर आमजनों को दी सौगात। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर सायबर सेल की स्पेशल डेस्क ने महासमुन्द जिले में गुम हुये लगभग 200 मोबाईल फोनों को किया बरामद।
गुम मोबाईल फोन की कीमत लगभग 50,00,000/- (पचास लाख) रूपयें।
दीगर प्रान्त से भी लोगो से संपर्क कर कुरियर के माध्यम से मंगाया गया मोबाईल फोन। गुम हुए मोबाईल फोन पाकर खिल उठे चेहरे आमजनों ने पुलिस अधीक्षक महासमुंद के प्रति किया आभार व्यक्तमहासमुन्द जिले के सभी थाना क्षेत्रों में आमजनों लोगों के मोबाईल फोन फोन गुम/चोरी हो गये थे बहुत से लोग ऐसे थे जो मोबाईल फोन में सुरक्षित डाटा/मोबाईल फोन कॉन्टेक्ट नं0 के कारण लोग मोबाईल फोन की कीमत पर न जाकर उसमें सुरक्षित डाटा/कॉन्टेक्ट नं0 के कारण मोबाईल फोन को पुनः प्राप्त करना चाहते थे। हम में से प्रत्येक व्यक्ति का वर्तमान स्थिति में मोबाईल फोन फोन जीवन का अभिन्न अंग बन चुका हैै हम अपने मोबाईल फोन में ऐसे जानकारियॉं सुरक्षित रखते है जिसका दिन प्रति दिन एवं भविष्य उपयोंग में आने की पूर्ण संम्भावना रहती है चाहे व्यापार वर्ग से जुडे हुये हो, प्राईवेट सेक्टरों में काम करने वाले हो, या सरकारी संस्थानों में काम करने वाले हो या शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में मोबाईल फोन के गुम हो जाने पर अपने जरूरतों के हिसाब से उसे पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर श्री शेख आरिफ हुसैन (IPS) के मार्गदर्शन पर एवं पुलिस अधीक्षक महासमुन्द, श्री धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के निर्देशन पर लोगों को मोबाईल फोन गुम हो जाने की थानों में तथा पुलिस अधीक्षक महासमुन्द कार्यालय में आकर सूचना या रिपोर्ट करने में आने वाली कठिनाईयों को देखते हुये महासमुन्द जिला में स्थित सायबर सेल में गुम मोबाईल फोन को ढूंढने के लिए एक स्पेशल सायबर डेस्क का गठन कर गुम मोबाईल फोनों को बरामद करने हेतु निर्देशित किया गया।महासमुन्द जिले के थाना क्षेत्रों में चोरी/गुम हुये मोबाईल फोनों की जानकारी प्राप्त करें और उन्हें बरामद करें। सायबर सेल के स्पेशल सायबर डेस्क ने अथक प्रयास से थाना क्षेत्रों में चोरी/गुम हुये लगभग 200 मोबाईल फोनों को बरामद किया है। जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 50,00,000/- (पचास लाख) रूपये है सायबर सेल के सायबर डेस्क ने चोरी/गुम हुये मोबाईल फोनों को आधुनिक तकनिकीकरण के माध्यम से मोबाईल फोन के डेटा को जब स्केन किया तो कुछ लोग ऐसे थे जिन्होंने बताया कि मोबाईल फोन को गिरा हुआ, पडा हुआ, पाया है या अमुक व्यक्ति सेे खरीदा है सायबर डेस्क ने उन लोगों को चिन्हांकित किया जो भूलवश या जानकारी के अभाव में कही पर गिरे हुये या रखें हुये मोबाईल फोनों को प्राप्त कर लिया है सायबर सेल की स्पेशल डेस्क ऐसे लोगों से मिली और उन्हें समझाया और बताया कि वास्तव में किसी जगह पर मिले वे मोबाईल फोनों के साथ क्या किया जाना चाहिये उन्हे समझाया कि आपकों किसी स्थान पर अगर कोई मोबाईल फोन लावारिस हालत में मिलता है तो उनका कर्तव्य बनता है कि उसकी सूचना निकटम थानें में देते हुए उस लवारिस मोबाईल फोन को निकटतम थानें में सौप दे। सायबर सेल के स्पेशल डेस्क को कुछ मोबाईल फोन धारक ऐसा भी मिले जो उक्त मोबाईल फोन को ओडिशा, बिहार, मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश राज्य में चलना पाया सायबर सेल स्पेशल डेस्क ने उस मोबाईल फोन चलाने वालें व्यक्ति से संपर्क किया तो उसने बताया कि वह मोबाईल फोन उसे लवारिस हालत में मिला था सायबर सेल ने उसे कानून की प्रक्रिया की विधिवत जानकारी दी और बताया कि लवारिस हालत में मिले मोबाईल फोन का उपयोंग करना भी एक अपराध की श्रेणी में आता है। कुछ व्यक्तियों नेे बताया कि अज्ञानता एवं भुलवश उसने इस मोबाईल फोन का उपयोग किया है और उसके पश्चात् मोबाईल धारकों से कुरियर के माध्यम से ओडिशा, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश राज्य से साईबर सेल महासमुन्द छत्तीसगढ मोबाईल फोन को मगाया गया है। इसी प्रकार छत्तीसगढ के राजनांदगांव, बलौदा बाजार, रायगढ, बिलासपुर, कवर्धा, गरियाबंद, रायपुर, महासमुन्द आदि स्थानों से भी मोबाईल फोनों को बरामद किया गया है।यह सम्पूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र सिंह (IPS) के मार्गदर्शन में अति0 पुलिस अधीक्षक श्री आकाश राव एवं अनु0अधिकारी (पु) महासमुन्द श्रीमती मंजूलता बाज के निर्देशन में सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक नसीम उद्दीन खान, सउनि प्रकाश नंद, मिनेश ध्रुव आर0 रवि यादव, चम्पलेश ठाकुर, अजय जांगडे, शुभम पाण्डेय, विकास चन्द्राकर, अभिषेक राजपूत, देव कोसरिया, दिनेश साहू, संदीप भोई, श्रीनाथ प्रधान, हेमन्त नायक, कामता आवडे, विजय जांगडे, छत्रपाल सिन्हा, सौरभ तोमर, मुकेश चन्द्राकर, विरेन्द्र नेताम, लाला राम कुर्रे द्वारा की गई है।

डॉक्टर एसएस पाढ़ी, डॉक्टर दीपेश मस्के एवं डॉ अनुपम महापात्रा 22 अप्रैल को सुबह 11:00 से अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में उपस्थित रहेंगे आप परामर्श के लिए संपर्क कर सकते हैं।

मध्य भारत एवं छत्तीसगढ के प्रख्यात हॉस्पिटल एम. एम.आई. के वरिष्ठ डॉक्टर्स की टीम अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में दिनांक 22 अप्रैल को उपस्थित रहेंगे,जिसमें –

डॉ.एस.एस.पाढ़ी
MBBS, MD, DM (Cardio)
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ

समय प्रातः 10 बजे से

डॉ.दिपेश मस्के
MBBS, MD, DM (Pulmonology)
छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ
समय प्रातः 11 बजे से

डॉ. अनुपम महापात्रा
MBBS, MD, DM (Gastroentrology)
पेट एवं आंत रोग विशेषज्ञ

समय सुबह 11 बजे से

संपर्क – 7770868473, 8461811000, 7773086100

कृपया पुरानी रिपोर्ट साथ में लायें

राइस मिल एसोसिएशन द्वारा आयोजित अष्टप्रहरी यज्ञ के समापन सम्हारोह में शामिल हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रदेश सदस्य डॉक्टर एन के अग्रवाल…

राइस मिल एसोसिएशन द्वारा आयोजित  अष्टप्रहरी हरीनाम यज्ञ कार्यक्रम का समापन सम्हरोह रखा गया जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के प्रदेश सदस्य डॉ एन.के. अग्रवाल शामिल हुए । क्षेत्र वासियों ने डॉक्टर एनके अग्रवाल का हर्ष उल्लास के साथ तिलक लगाकर स्वागत किया उन्होंने श्री राधा कृष्ण जी की पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।

इस अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढाओ के प्रदेश सदस्य डॉक्टर एन. के. अग्रवाल ने कहा की इस खेत्र में सुख शांति हमेशा बनी रहे भगवान सबको हनुमान जी जैसा शक्ति प्रदान करें इस अवसर पर खेत्रवासी उपस्थित थे|

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बसना -/ भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने सौंपा ज्ञापन।

बसना -/ भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने सौंपा ज्ञापन।

बसना

भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों में सरकार के द्वारा गो अभ्यारण्य बनाने एवं गौ हत्या निषेध कानून को प्रभावी रूप से लागू करने की मांग को लेकर 19 अप्रैल 2023 दिन बुधवार को माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम कलेक्टर महोदय को सौंपा ज्ञापन। प्रयागराज उत्तर प्रदेश की पावन धरा से द्वितीय महाशक्ति शंखनाद शिविर में धर्म सम्राट युग चेतना पुरुष सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने कहा था कि गायों का संरक्षण अब गौशालाओं तक में सीमित नहीं किया जाएगा इसके लिए हमें जंगलों में गौ अभ्यारण बनाने पड़ेंगे अगर जंगली जानवरों के लिए अभ्यारण बन सकता है तो गौ माता ओं के लिए क्यों नहीं प्रदेशों में पड़े अनेकों भूखंड जहां पर उचित व्यवस्था करके जहां जंगली जानवर ना पहुंच सके वहां पर बड़ी संख्या में सही तरीके से गौ संरक्षण किया जा सकता है, इन मांगों को लेकर भगवती मानव कल्याण संगठन की केंद्रीय अध्यक्ष शक्ति स्वरूपा बहन पूजा शुक्ला एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्ति स्वरूपा बहन संध्या शुक्ला जी ने पूरे छत्तीसगढ़ में 19 अप्रैल को इन मांगों को लेकर संगठन एवं पार्टी को भारत सरकार के नाम ज्ञापन देने के लिए निर्देशित किया था, जिसे लेकर 19 अप्रैल को महासमुंद जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा गया, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के जिलाध्यक्ष केशव साव ने बताया गौ माता भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का महत्वपूर्णं आधार है प्राचीन काल से ही गौ माता का स्थान पूजनीय एवं सम्मानिय है सभी के लिए गौ माता श्रधे्य है चाहे वह ऋषि-मुनि,साधू-संत एवं आम जनमानस क्यों न हो। धार्मिक एवं सांस्कृतिक तथा आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से भी गौ माता का स्थान महत्वपूर्ण़ एवं पूजनीय है। गौ माता का दूध,दही,घी,का उपयोग खाद्यपदार्थ के रूप में किया जाता है जबकि गौमूत्र एवं गोबर का उपयोग चिकित्सा,खाद व किटनाशक आदि बनाने में किया जाता है।गौ माता सकारात्मक ऊर्जा से सदा परिपूर्णं रहती है जो वातावरण को पवित्र एवं निर्मल बनाती है लेकिन वर्तमान समाज में इसका कोई महत्व नहीं हो रहा है।इस अलौकिक एवं दिव्य कृति को उचित वातावरण नहीं मिल पाना मानव समाज के लिए अति दुर्भाग्य है। वर्तमान समाज की व्यवस्था इतनी विकृत हो चुकी है कि गौ माता को सड़कों व चौराहे पर छोड़ दिया जा रहा है। जिससे वे दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं तथा आम जनमानस भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इनके चरने की भूमि भी धीरे धीरे नष्ट हो चूकीं है।भूख प्यास व अनेक रोगों के कारण मर जा रही हैं। सरकारी गौशालाएं एवं गौठान अव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार की वज़ह से विफल हो रही हैं। इसके लिए
भारतीय शक्ति चेतना पार्टी जो राष्ट्र की सेवा के लिए पूर्णतः संकल्पित पार्टी है जिसका लक्ष्य नशे मांसाहार,भय भूख भ्रष्टाचार,जातियता, छूआछूत, सांप्रदायिकता एवं धर्मांतरण से मुक्त, शिक्षित, समृद्धशाली एवं स्वावलंबी राष्ट्र का निर्माण करना है।साथ ही भारतीय शक्ति चेतना पार्टी संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीकों तथा गंगा एवं गौ माता की रक्षा के लिए भी पार्टी दृढ़संकल्पित है। जिसके लिए देश स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। अतः गौ संवर्धन व संरक्षण हेतु ज्ञापन सौंपा गया।

तेंदूपत्ता का उत्पादन बढ़ाने ग्रामीणों ने ख़त्म की बूटा कटाई तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई के पहले सप्ताह से संभावित ज़िले में 91 हजार 300 मानक बोरा का लक्ष्य

तेंदूपत्ता का उत्पादन बढ़ाने ग्रामीणों ने ख़त्म की बूटा कटाई

तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई के पहले सप्ताह से संभावित

ज़िले में 91 हजार 300 मानक बोरा का लक्ष्य

महासमुंद 19 अप्रैल 2022/ तेंदूपत्ता तोड़ाई के लिए समितियों द्वारा ग्रामीणों ने पिछले माह मार्च के दूसरे सप्ताह में शाख कर्तन का काम ख़त्म कर दिया गया है। इस बार तेंदूपत्ता की आवक बढ़ने की संभावना है। मानक बोरा दर बढ़ा दिए जाने से तेंदूपत्ता संग्राहकों का परिवार भी दिलचस्पी ले रहे हैं। मार्च महीने के लगते ही तेंदूपत्ता का सीजन शुरू हो जाता है। ग्रामीण और समितियां बूटा कटाई में जुट जाती हैं, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली तेंदूपत्ता श्रमिकों को मिल सके। आगामी मई के प्रथम सप्ताह से संग्राहकों का परिवार तेंदूपत्ता तोड़ाई शुरू कर देगा।

वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण की स्थिति अच्छी बताते हुए लघु वनोपज संघ ने संग्रहण के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अच्छी आवक की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य रखा जाएगा। लघु वनोपज संघ की जो भी शुद्ध आय होती है। उस आय का 70 प्रतिशत उसके संग्राहकों में बोनस के रूप में वितरित कर दिया जाता है। वहीं तेंदूपत्ता तोड़ने श्रमिक भी पूरे मनोयोग से तैयार है।

विभागीय जानकारी अनुसार वर्ष 2023 तेंदूपत्ता संग्रहण के पूर्व इस जिला यूनियन के समस्त 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के 69 लॉटों में शाखकर्तन का कार्य अनुकुल मौसम में शाखकर्तन कार्य प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 01 मार्च से 15 मार्च 2023 अवधि में सम्पन्न कराया गया, जिसका पारिश्रमिक 55 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से 50 लाख 21 हजार 500 रुपए का पारिश्रमिक भुगतान किया गया है।

तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अनुमानतः मई के प्रथम सप्ताह में प्रारंभ होना है, जिसके लिये वनोपज संघ रायपुर द्वारा निविदा के माध्यम से समस्त 75 प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के 69 लॉटों के लिये अग्रिम क्रेता नियुक्त किये जा चुके है। समिति के फड़ों पर संग्रहण कार्य सुचारू रूप से संपादन करने हेतु जोनल अधिकारी पोषक अधिकारी, फड़ अभिरक्षक एवं फड़ मुशियों की नियुक्ति की गई है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4000 रुपए संग्रहण पारिश्रमिक राशि संग्रहण लक्ष्य 91 हजार 300 मानक बोरा के विरूध्द वास्तविक संग्रहण मात्रा पर अनुमानित 36 करोड़ 52 लाख रूपए का भुगतान उनके बैंक खाता के माध्यम से किया जाएगा। विगत वर्ष 2022 में 95 हजार 400 मानक बोरा लक्ष्य के विरुध्द 83,596.215 मानक बोरा का संग्रहण किया गया है, जिसका संग्रहण पारिश्रमिक राशि 33 करोड़ 84 लाख रूपए 88 हजार 77 संग्राहकों को सीधा उनके बैंक खाता में भुगतान किया गया है।

तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले संग्राहक परिवार को संघ / शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लभांवित किया गया है। इनमें शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजनातर्गत योजना प्रारंभ तिथि 05 अगस्त 2020 से दिसम्बर 2022 तक 580 हितग्राहियों को 8 करोड़ 93 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा अनुदान योजनांतर्गत योजना प्रारंभ तिथि 01 अप्रैल 2020 से जनवरी 2023 तक 306 हितग्राहियों को 37 लाख 72 हजार रूपए का भुगतान किया गया है।

लघु वनोपज संघ ने वर्तमान में तेंदूपत्ता संग्रहण की स्थिति अच्छी बताते हुए कहा कि संग्रहण के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अच्छी आवक की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अन्य जिलों की तुलना में सर्वाधिक संग्रहण का लक्ष्य रखा जाएगा। लघु वनोपज संघ की जो भी शुद्ध आय होती है। उस आय का 70 प्रतिशत उसके संग्राहकों में बोनस के रूप में वितरित कर दिया जाता है। वहीं तेंदूपत्ता तोड़ने श्रमिक भी पूरे मनोयोग से जुट गए हैं।

बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, समाज के प्रमुखों से सहयोग की अपील

बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश

जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, समाज के प्रमुखों से सहयोग की अपील

महासमुंद 19 अप्रैल 2023/

कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर कहा है कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहाँ तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि वर या कन्या बाल विवाह पश्चात विवाह को स्वीकार नहीं करते है, तो बालिक होने के पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा है कि बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। हम सभी का दायित्व है कि समाज में व्याप्त इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन के लिए जनप्रतिनिधियों नगरीय निकाय, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आमजनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाही किया जा सकता है।
कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि बाल विवाह के रोकथाम के लिए विशिष्ट जातियों का चिन्हांकन, ग्राम पंचायत स्तर पर विवाह पंजी का संधारण एवं पंजीयन, गांवों में कोटवारों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने के लिए मुनादी, जिले में आयोजित होने वाले सभी ग्राम सभाओं में बाल विवाह के रोकथाम के उपाय एवं बाल विवाह के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारें में चर्चा की जाए। ग्राम पंचायत एवं विकासखण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम, प्रचार-प्रसार, सूचना तंत्र का प्रभावी होना एवं पुलिस थानों में किसी भी माध्यम से प्राप्त बाल विवाह संबंधी लिखित एवं मौखिक शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही किया जाए। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार कार्ययोजना तैयार कर पत्र के साथ सर्व संबंधितों को प्रेषित की गई है। कलेक्टर ने कहा है कि बच्चों के सर्वोत्तम हित में बाल विवाह की पूर्ण रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करते हुये कार्यवाही से महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुन्द को अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।

महासमुंद -/ हर पंचायत को मिलेंगे 10 हजार रुपए तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने दो किश्तों में राशि मिलेगी

महासमुंद -/ हर पंचायत को मिलेंगे 10 हजार रुपए तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने दो किश्तों में राशि मिलेगी

महासमुंद 19 अप्रैल 2022/

राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अप्रैल को इस योजना का ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे। यह योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश के 14 ज़िलों के 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्रों के 6111 ग्राम पंचायतों में लागू होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में विगत 13 अप्रैल को आयोजित भरोसा सम्मेलन में मुख्यमंत्री आदिवासी पर्व सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी।

छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना से महासमुंद ज़िले की 551 ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाले तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने दो किश्तों में 10 हज़ार रुपए की राशि मिलेगी। योजना का मूल उद्देश्य राज्य के गैर अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के साथ ही त्यौहार, उत्सवों का मूल स्वरूप में नई पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में राशि उपलब्ध करायी जाएगी। योजना की ईकाई ग्राम पंचायत होगी।

कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने योजना शुभारंभ की सभी तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए है। इसके साथ ही इस योजना के विभिन्न प्रचार-माध्यमों के ज़रिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने संबंधित जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देशित किया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति के सदस्यों को मार्गदर्शन जनपद पंचायत स्तर से दिया जाए, जिससे राशि का समुचित उपयोग किया जा सके। गांव के किस-किस तीज त्यौहार के लिए इस राशि का उपयोग किया जाएगा, इसका निर्धारण ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति द्वारा किया जाएगा।

इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी, समन्वय संबंधी कार्य जनपद स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत से कहा गया है कि इस योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार करते हुए सर्व संबंधितों की जानकारी में लाया जाए ताकि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त सामुदायिक विकासखण्डों के ग्रामीण समाज को प्राप्त हो सके।

लोकार्पण से पहले पानी टँकी में गिट्टी दिखने के बाद कराया गया छबाई गुणवत्ता हीन निर्माण का आरोप

लोकार्पण से पहले पानी टँकी में गिट्टी दिखने के बाद कराया गया छबाई गुणवत्ता हीन निर्माण का आरोप

पानी का स्रोत और विधुत कनेक्सन नही मिलने के कारण कार्य पूर्ण होने के बाद भी पानी टंकियों का संचालन में बाधा

हेमन्त वैष्णव बसना सरायपाली

बसना :- ग्रामीणों को पानी की किल्लत से मुक्ति देने के लिए जल जीवन मिसन अंतर्गत हजारो लीटर क्षमता वाली पानी टंकियों का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है पानी टंकी निर्माण एवं पाइप लाइन विस्तारीकरण के लिए प्रत्येक गाँवों को लाखों का बजट दिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के देख रेख में ठेकेदारों के माध्यम से कार्य करवाया जा रहा है लेकिन ठेकेदारों की कुछ लापरवाही और विभाग के द्वारा उचित कार्य योजना बना कर कार्य नही किया गया जिसके कारण अब विभाग की परेशानी बन चुका है और इसका खामियाजा अब ग्रामीणों को मिलेगा चुकी उचित योजना बनाकर कार्य नही किया गया है जैसे कि कई जगह विधुत कनेक्सन उपलब्ध नही है साथ ही साथ पानी टंकियों के आस पास ट्यूबवेल के लिए बोर खनन के लिए पानी का स्रोत नही मिल रहा है जिसके कारण भी पानी का संचालन मुश्किल है विभाग को ऐसे जगहों में पानी के टंकियों का निर्माण करवाना था जहाँ आसानी से विधुत कनेक्सन मिल जाता और इसके साथ पानी टंकियां निर्माण के पहले पानी का स्रोत भी ढूंढकर ट्यूबवेल बोर खनन कराकर पानी टंकियों का निर्माण करवाना था बता दें कि अभी पूर्व कार्यलय में भी कई जगहों में पानी के टंकियों का निर्माण कराया गया है लेकिन पानी के स्रोत के कमियों के कारण कई पानी टंकी धूल खा रहा है और उपयोग नही हो रहा है। बसना जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया में जल जीवन मिसन अंतर्गत पानी टंकी का निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है लेकिन निर्माणाधीन पानी टंकी में रंग रोधन के बाद जगह जगह छबाई किया गया है ग्रामीणों का कहना है पानी टंकी में छोटी छोटी दरार के लाइन और गिट्टी दिखने लगा था इसलिए छबाई कराया गया है।बता दें कि जल जीवन मिसन अंतर्गत ग्राम पंचायतो में निर्माण होने वाले पानी टंकियों के लिए लाखो रु तक का बजट मिल रहा है योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत में पानी टंकियों का निर्माण एवं पाइप लाईन का विस्तारीकरण करना है एवं घर घर तक पानी पहुचाना है लेकिन ग्राम पंचायत उमरिया में निर्माण होने वाले पानी टंकी में दरार एवं गुणवत्ताहीन निर्माण का आसंका जताया जा रहा है। मामले में ग्राम पंचायत उमरिया के सरपँच सूरज मिरी ने संवाददाता हेमन्त वैष्णव से चर्चा करते हुए बताया कि पानी टंकी निर्माण के बाद कई जगह गिट्टी दिखने लगे थे जिसके बाद एसडीओ एवं इंजीनियर को बताया गया था एसडीओ ने सुधार करवाने की बात कही थी जिसके बाद जहां जहां गिट्टी दिखाई दे रहा था वहां ठेकेदार द्वारा छबाई करवाया गया है, सरपँच ने कहा कि अभी पानी टंकी निर्माण के बाद जब टेस्टिंग होगा तभी पता चलेगा कि पानी टंकी गुणवत्ता पूर्वक बनाया गया या गुणवत्ताहीन।

कई जगह पानी के स्रोत और विधुत कनेक्सन के वजह से पानी सप्लाई के काम बाधा उतपन्न हो रहा है, – पीएचई एसडीओ

मामले में पीएचई एसडीओ सिदार ने कहा की उमरिया मामले में ठेकेदार को समझाईस दिया जाएगा लोकार्पण के पहले ऐसे निर्माणाधीन टंकी में ऐसी सिकायत आना सही नही है पीएचई एसडीओ सिदार ने कहा कि बसना सरायपाली के कई गांव में जल जीवन मिसन अंतर्गत कार्य लगभग पूर्ण हो चुके है लेकिन पानी टंकी पूर्ण होने के बाद के भी कई तरह के संस्याए आ एसडीओ ने कहा कि जहां जहां पूर्ण हो चुके है कई जगहों में पानी का स्त्रोत नही मिल रहा है और इसके अलावा विधुत विभाग द्वारा पानी टंकी के संचालन के लिए विधुत कनेक्सन भी सही समय में नही दिया जा रहा है कई जगहों में विधुत कनेक्सन के कारण भी पानी का संचालन नही हो पा रहा है जहां जहाँ पानी का स्रोत और विधुत कनेक्सन मिल गया है वहा सुचारु ढंग से चालू किया जा रहा है। मामले में विधुत विभाग के राकेश अरोरा कार्य अभी सरायपाली ने बताया कि पानी टंकियों में विधुत कनेक्सन के लिए आवेदन आया है प्रोसेस चल रहा है वर्क ऑर्डर और टेंडर के बाद कार्य पूरा किया जाएगा।