बसना / विश्व के प्रथम छन्दबद्ध भारत का संविधान पुस्तक गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड में दर्ज सम्मानित हुए –
बसना – विश्व के प्रथम छंदबद्ध भारत का संविधान में मूल संविधान के 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित 12 अनुसूचियाँ ,जो 2110 दोहे, 422 रोला, 24 अन्य छंदबद्ध कालजयी काव्य ग्रंथ समाहित है। इसमें भारत के 18 राज्यों के अलावा चार देशों के साहित्यकार के अलावा 14 वर्ष के बालक शामिल हुए। इस काव्य में 142 सदस्य , त्रिसंपादक मंडल जिसमें प्रमुख संपादक “डॉ ओंमकार साहू मृदुल”, सह संपादक डॉ सपना दत्ता “सुहासिनी” , सह संपादक डॉ मधु शंखधर “स्वतंत्र”, जन जागरण समिति प्रेमनगर के अध्यक्ष डॉ रूपेश साहू जी के अथक प्रयास से यह छंदबद्ध भारत का संविधान ‘गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में शामिल किया गया है जो आज दिनांक 15 जून 2024 को भव्य पुस्तक विमोचन एवं
सम्मान समारोह हिंदी भवन विष्णु दिगम्बर मार्ग नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ श्याम सिंह ‘शशि’ (पद्मश्री), मुख्य अतिथि मिनाक्षी लेखी ( पूर्व विदेश मंत्री एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री) विशिष्ट अतिथि डॉ सुरेश सिंह शौर्य ‘प्रियदर्शी’ (पुलिस प्रशासनिक अधिकारी गृहमंत्रालय), डॉ संतोष खन्ना (पूर्व न्यायाधीश) , डॉ राम सिंह (वरिष्ठ साहित्यकार) , शकुंतला कालरा (वरिष्ठ साहित्यकार) , चेतन आनंद (कवि एवं पत्रकार), पंकज शर्मा (आज तक एडिटर), आलोक कुमार (भारत प्रमुख गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड), आदि की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

विश्व का प्रथम छंदबद्ध भारत का संविधान पुस्तक ही नहीं अपितु एक ग्रंथ है। इसमें बसना अंचल के युवा कवि डिजेन्द्र कुर्रे रोला में छंदबद्ध किया है।जो यह पुस्तक गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के दर्ज हुआ है। उनको गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, बुक भेंट कर सम्मानित किया गया।बसना अंचल वासियों ने बधाई प्रेषित किये है।
