नई GST लागू होने के बाद सीमेंट सरिया और बालू के दाम कितने कम हुए है
New Prices Of Cement
New Prices Of Cement: भारत में घर बनाना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन पिछले कुछ समय से निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों ने इस सपने को पूरा करना मुश्किल बना दिया था। सीमेंट, सरिया और रेत जैसी बुनियादी निर्माण सामग्री के दाम लगातार बढ़ रहे थे, जिससे आम लोगों के लिए घर बनाना एक बड़ी चुनौती बन गया था। हालांकि, अब बाजार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। सरकारी नीतियों और बेहतर आपूर्ति श्रृंखला के कारण निर्माण सामग्री के दामों में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
सितंबर के अंतिम सप्ताह से बाजार में स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ है। जीएसटी में मिली राहत, उत्पादन में वृद्धि और बेहतर खनन नीतियों ने मिलकर इस बदलाव को संभव बनाया है। सीमेंट, सरिया और बालू तीनों ही मुख्य निर्माण सामग्री के दाम घटे हैं, जो घर बनाने की योजना बना रहे लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। यह समय उन परिवारों के लिए सुनहरा अवसर है जो लंबे समय से अपना घर बनाने का सपना देख रहे थे। आइए जानते हैं कि वर्तमान में बाजार में क्या स्थिति है और किस तरह से आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, निर्माण सामग्री के दामों में काफी राहत मिली है। रेत की कीमत में प्रति ट्रॉली लगभग 700 रुपये की कमी आई है, जो पहले 4500 रुपये थी वह अब 3800 रुपये में उपलब्ध हो रही है। सरिया के दाम में 3 से 4 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि सीमेंट प्रति बैग 30 रुपये तक सस्ता हुआ है। यह परिवर्तन पूरे देश में देखा जा रहा है, हालांकि क्षेत्रीय अंतर के कारण कुछ राज्यों में दाम थोड़े अलग हो सकते हैं।
सरकार ने निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वैध खदानों से रेत की आपूर्ति बढ़ाने के लिए विशेष अनुमति दी गई है और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कई राज्यों में ऑनलाइन निगरानी प्रणाली लागू की गई है जो कीमतों पर नजर रखती है। स्टील और सीमेंट कंपनियों को नए प्लांट लगाने की मंजूरी मिली है जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ी है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ महीनों तक यह स्थिति बनी रहेगी, इसलिए निर्माण कार्य शुरू करने के लिए यह उपयुक्त समय है।
बालू की कीमतों में बड़ी राहत
बालू निर्माण का सबसे आवश्यक घटक है जिसका उपयोग नींव से लेकर प्लास्टरिंग तक हर काम में होता है। पिछले महीनों में बालू की कमी और अवैध खनन पर रोक के कारण इसके दाम आसमान छू रहे थे। छोटे बिल्डर्स और व्यक्तिगत घर निर्माताओं को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब सरकारी प्रयासों और बेहतर आपूर्ति के कारण बालू के दाम में गिरावट आई है।
वर्तमान में एक ट्रॉली बालू 3800 रुपये के आसपास मिल रही है जो पहले 4500 रुपये या उससे भी अधिक थी। इस गिरावट के पीछे वैध खदानों से आपूर्ति बढ़ना और एम-सैंड जैसे विकल्पों का उत्पादन बढ़ना मुख्य कारण हैं। बारिश का मौसम समाप्त होने से खनन कार्य भी तेज हुआ है। कई राज्यों में विशेष समितियां गठित की गई हैं जो बालू के दामों पर नियंत्रण रखती हैं और मनमानी कीमत वसूली से रोकती हैं।
सरिया के दाम में आई कमी
इमारत की मजबूती और स्थायित्व सरिया पर निर्भर करती है। कॉलम, बीम और छत के निर्माण में टीएमटी सरिया अनिवार्य है। अंतरराष्ट्रीय स्टील बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण पिछले समय में सरिया के दाम प्रभावित हुए थे। हालांकि, अब बाजार में स्थिरता आने से दाम घटे हैं। वर्तमान में सरिया के दाम पिछले महीने की तुलना में 3 से 4 रुपये प्रति किलोग्राम कम हुए हैं।
बाजार में विभिन्न ब्रांड्स के टीएमटी सरिया उपलब्ध हैं। टाटा टीएमटी 12 मिमी 72 से 75 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है। जिंदल पैंथर 70 से 73 रुपये, कामधेनु 68 से 71 रुपये और श्याम स्टील 69 से 72 रुपये प्रति किलो के भाव पर उपलब्ध हैं। यह गिरावट भले ही छोटी लगे, लेकिन बड़े निर्माण में यह हजारों रुपये की बचत करवाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में दाम और स्थिर हो सकते हैं।
सीमेंट के दाम में मिली राहत
सीमेंट के बिना कोई भी निर्माण कार्य संभव नहीं है। जीएसटी में मिली राहत और उत्पादन बढ़ने से सीमेंट की कीमतों में गिरावट आई है। पहले जहां एक बैग सीमेंट 380 रुपये या उससे अधिक था, वहीं अब यह 350 रुपये के आसपास उपलब्ध है। यह लगभग 30 रुपये प्रति बैग की बचत है जो बड़े निर्माण में महत्वपूर्ण राशि बचाती है।
अल्ट्राटेक सीमेंट 360 से 380 रुपये, अंबुजा सीमेंट 350 से 370 रुपये, एसीसी सीमेंट 345 से 365 रुपये प्रति बैग में मिल रहा है। डालमिया सीमेंट 340 से 360 रुपये और बंगुर सीमेंट 335 से 355 रुपये में उपलब्ध है। क्षेत्रीय उपलब्धता और डीलर मार्जिन के कारण दाम में थोड़ा अंतर हो सकता है। सरकार द्वारा नए प्लांट लगाने की अनुमति और पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाने से उत्पादन में वृद्धि हुई है।
सरकारी नीतियों का योगदान
निर्माण सामग्री के दामों में कमी के पीछे सरकार की कई नीतियां और प्रयास महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। जीएसटी में राहत, खनन नीति में सुधार और आयात-निर्यात नियमों में संशोधन से बाजार में पारदर्शिता आई है। अवैध खनन और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई से मनमानी कीमत वसूली पर अंकुश लगा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य आवास परियोजनाओं के तहत निर्माण सामग्री की मांग स्थिर बनी हुई है। यह मांग उत्पादकों को बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करती है जिससे प्रति इकाई लागत घटती है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना रेत खनन के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं। कई राज्यों में ऑनलाइन प्रणाली से कीमतों की निगरानी की जा रही है जिससे उपभोक्ताओं को उचित दाम पर सामग्री मिल रही है।
घर बनाने वालों के लिए सुझाव
यदि आप इस समय घर बनाने की योजना बना रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले अपना बजट स्पष्ट रूप से तय करें और उसी के अनुसार निर्माण की योजना बनाएं। वर्तमान में सामग्री के दाम अनुकूल हैं इसलिए जल्द शुरुआत करना फायदेमंद रहेगा। सामग्री खरीदते समय गुणवत्ता से कभी समझौता न करें क्योंकि घटिया सामग्री बाद में महंगी पड़ सकती है।
हमेशा आईएसआई मार्क वाला सरिया और प्रमाणित सीमेंट ही खरीदें। थोक में खरीदारी पर अच्छी छूट मिलती है। सीधे कंपनी के डीलर से संपर्क करके बिचौलियों को हटाकर 5 से 10 प्रतिशत तक बचत की जा सकती है। निर्माण कार्य के दौरान सामग्री की बर्बादी से बचें और सही मापतौल करें। एक अनुभवी इंजीनियर या आर्किटेक्ट की सलाह लेना शुरुआत में खर्चीला लग सकता है लेकिन यह लंबे समय में काफी पैसा बचाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और मार्गदर्शन के उद्देश्य से लिखा गया है। निर्माण सामग्री की कीमतें क्षेत्र, समय और बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकती हैं। यहां दी गई कीमतें अनुमानित हैं और विभिन्न स्थानों पर भिन्न हो सकती हैं। कोई भी निर्माण कार्य शुरू करने से पहले स्थानीय डीलरों से वर्तमान दरों की जानकारी अवश्य लें। निर्माण सामग्री खरीदते समय गुणवत्ता की जांच करें और प्रमाणित उत्पाद ही खरीदें। किसी भी निर्माण संबंधी निर्णय लेने से पहले योग्य इंजीनियर या तकनीकी विशेषज्ञ से परामर्श करें।