महासमुंद/मोर गांव मा पानी“ अभियान जिले में 5 हजार सोखता गड्ढा एवं सौ से अधिक इंजेक्शन वेल का निर्माण
महासमुंद/ कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर “मोर गांव मा पानी“ अभियान अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। कलेक्टर के निर्देशों के अनुरूप जिले में जन भागीदारी और विभागीय समन्वय से जल संचय के लिए विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है, जो अब मूर्त रूप ले रहा है।
इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वित प्रयासों से स्कूलों, आंगनवाड़ियों, पंचायत भवनों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों में जन सहयोग से सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है। “मोर गांव मा पानी“ अभियान का उद्देश्य सिर्फ जल संचय नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाना भी है।

अब तक जनभागीदारी से कुल 05 हजार सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और तेजी से इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। साथ ही 125 इंजेक्शन वेल के माध्यम से भूमिगत जल का पुनर्भरण किया जा रहा है। जनभागीदारी से जनपद पंचायतों द्वारा कुल 1839 सोखपीट का निर्माण किया गया है। जिसमें जनपद पंचायत महासमुंद में 269, बागबाहरा में 352, पिथौरा में 451, बसना में 282 एवं जनपद पंचायत सरायपाली में 485 सोखपीट तैयार किया गया है।

इसी तरह 25 बोरवेल रिचार्ज किया है। जिसमें जनपद पंचायत महासमुंद में 13, बागबाहरा में 07, पिथौरा में 03, बसना में 12 एवं जनपद पंचायत सरायपाली में 13 इंजेक्शन वेल का पुनर्भरण किया गया। अन्य जल संरक्षण कार्य अंतर्गत 785 कार्य जनपद पंचायतों द्वारा किया गया है।
जिसमें जनपद पंचायत महासमुंद में 111, बागबाहरा में 269, पिथौरा में 137, बसना में 111 एवं जनपद पंचायत सरायपाली में 157 कार्य किया गया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी सोखता गड्ढा और इंजेक्शन वेल का निर्माण किया गया है। सोखता गड्ढे वर्षा जल को जमीन में समाहित करने में मदद करते हैं, जिससे जल स्तर को बनाए रखने और भूजल संसाधनों को पुनर्जीवित करने में सहयोग मिलेगा। यह एक स्थायी समाधान की दिशा में सार्थक कदम है।