नवंबर में शुरू होगा चौथा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान, पेंशनरों के लिए होगी अब तक की सबसे बड़ी पहल
नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025।
देशभर के पेंशनभोगियों के लिए राहत की बड़ी खबर है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने घोषणा की है कि आगामी 1 से 30 नवंबर 2025 तक चौथा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान देश के सभी 1600 जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों में संचालित होगा। इसका मुख्य उद्देश्य पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की प्रक्रिया को आसान, सुगम और डिजिटल बनाना है।
उच्च स्तरीय बैठक में तैयारियां अंतिम रूप में
9 सितंबर को पेंशन सचिव श्री वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इसमें 19 पेंशन वितरण बैंकों और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में पिछले वर्ष आयोजित तीसरे DLC अभियान की समीक्षा की गई और इस बार के अभियान को और सफल बनाने की रणनीति तैयार की गई।
बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक सहित कई बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि वे अपने नेटवर्क और डोरस्टेप सेवाओं के माध्यम से पेंशनरों तक अभियान का लाभ पहुंचाएंगे।
तीसरे अभियान की उपलब्धियां
पिछले वर्ष आयोजित तीसरे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान ने कई नए रिकॉर्ड बनाए। उस दौरान कुल 1 करोड़ 62 लाख जीवन प्रमाण पत्र जमा किए गए थे। इनमें से 50 लाख से अधिक DLC फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक (बायोमेट्रिक चेहरे की पहचान) के माध्यम से बने थे। इसके अलावा, बैंकों और विभिन्न संगठनों की मदद से 1,900 शिविर आयोजित किए गए, जिनसे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के पेंशनरों को काफी सुविधा मिली।
इस बार का लक्ष्य
चौथे DLC अभियान का लक्ष्य पिछले वर्ष से भी बड़ा रखा गया है। विभाग ने 2 करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए:
1600 जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों पर शिविर लगाए जाएंगे।
अत्यंत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग पेंशनरों के लिए डोरस्टेप सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाएगा ताकि पेंशनभोगियों को कहीं जाने की आवश्यकता न पड़े।
NIC पोर्टल के माध्यम से कार्यों की वास्तविक समय में निगरानी और रिपोर्टिंग की जाएगी।
जागरूकता पर विशेष जोर
इस बार व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बैंक और IPPB अक्टूबर 2025 से ही SMS, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया, बैनर और स्थानीय मीडिया के जरिए पेंशनरों को अभियान के बारे में जानकारी देंगे। उद्देश्य यह है कि हर पेंशनर समय पर अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करा सके और उन्हें पेंशन मिलने में कोई बाधा न आए।
क्यों जरूरी है डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र?
पहले पेंशनभोगियों को अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए बैंकों या कार्यालयों में लंबी कतारों में लगना पड़ता था। खासकर बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशनरों के लिए यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी। डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Jeevan Pramaan) के आने से यह काम अब घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से हो सकता है।
सरकार ने फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को भी शामिल किया है, जिसके जरिए केवल मोबाइल कैमरे से चेहरे की पहचान कर जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जा सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनरों के लिए बहुत उपयोगी है।
सबसे बड़ा आउटरीच अभियान
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इसे अब तक का सबसे बड़ा आउटरीच कार्यक्रम बताया है। दो करोड़ पेंशनरों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए जीवन आसान बनेगा।
पेंशन सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी पेंशनर को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में कठिनाई न हो। अभियान में बैंकों, डाक विभाग और पेंशनभोगी संघों की सक्रिय भागीदारी से इसे सफल बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा
नवंबर में शुरू होगा चौथा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान, पेंशनरों के लिए होगी अब तक की सबसे बड़ी पहल
नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025।
देशभर के पेंशनभोगियों के लिए राहत की बड़ी खबर है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने घोषणा की है कि आगामी 1 से 30 नवंबर 2025 तक चौथा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान देश के सभी 1600 जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों में संचालित होगा। इसका मुख्य उद्देश्य पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने की प्रक्रिया को आसान, सुगम और डिजिटल बनाना है।
उच्च स्तरीय बैठक में तैयारियां अंतिम रूप में
9 सितंबर को पेंशन सचिव श्री वी. श्रीनिवास की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इसमें 19 पेंशन वितरण बैंकों और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में पिछले वर्ष आयोजित तीसरे DLC अभियान की समीक्षा की गई और इस बार के अभियान को और सफल बनाने की रणनीति तैयार की गई।
बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक सहित कई बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि वे अपने नेटवर्क और डोरस्टेप सेवाओं के माध्यम से पेंशनरों तक अभियान का लाभ पहुंचाएंगे।
तीसरे अभियान की उपलब्धियां
पिछले वर्ष आयोजित तीसरे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान ने कई नए रिकॉर्ड बनाए। उस दौरान कुल 1 करोड़ 62 लाख जीवन प्रमाण पत्र जमा किए गए थे। इनमें से 50 लाख से अधिक DLC फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक (बायोमेट्रिक चेहरे की पहचान) के माध्यम से बने थे। इसके अलावा, बैंकों और विभिन्न संगठनों की मदद से 1,900 शिविर आयोजित किए गए, जिनसे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के पेंशनरों को काफी सुविधा मिली।
इस बार का लक्ष्य
चौथे DLC अभियान का लक्ष्य पिछले वर्ष से भी बड़ा रखा गया है। विभाग ने 2 करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए:
1600 जिलों और प्रमंडल मुख्यालयों पर शिविर लगाए जाएंगे।
अत्यंत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग पेंशनरों के लिए डोरस्टेप सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाएगा ताकि पेंशनभोगियों को कहीं जाने की आवश्यकता न पड़े।
NIC पोर्टल के माध्यम से कार्यों की वास्तविक समय में निगरानी और रिपोर्टिंग की जाएगी।
जागरूकता पर विशेष जोर
इस बार व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बैंक और IPPB अक्टूबर 2025 से ही SMS, व्हाट्सएप, सोशल मीडिया, बैनर और स्थानीय मीडिया के जरिए पेंशनरों को अभियान के बारे में जानकारी देंगे। उद्देश्य यह है कि हर पेंशनर समय पर अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करा सके और उन्हें पेंशन मिलने में कोई बाधा न आए।
क्यों जरूरी है डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र?
पहले पेंशनभोगियों को अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा कराने के लिए बैंकों या कार्यालयों में लंबी कतारों में लगना पड़ता था। खासकर बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशनरों के लिए यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी। डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Jeevan Pramaan) के आने से यह काम अब घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से हो सकता है।
सरकार ने फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को भी शामिल किया है, जिसके जरिए केवल मोबाइल कैमरे से चेहरे की पहचान कर जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जा सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनरों के लिए बहुत उपयोगी है।
सबसे बड़ा आउटरीच अभियान
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इसे अब तक का सबसे बड़ा आउटरीच कार्यक्रम बताया है। दो करोड़ पेंशनरों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए जीवन आसान बनेगा।
पेंशन सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी पेंशनर को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में कठिनाई न हो। अभियान में बैंकों, डाक विभाग और पेंशनभोगी संघों की सक्रिय भागीदारी से इसे सफल बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा