सेशरायपाली/ शुपाल पर्वत… जितना खूबसूरत, उतना ही खतरनाक: 5 साल में यहां से गिरकर कई लोगों की मौत, फिर भी ले रहे ‘जानलेवा सेल्फी’
घूमने के शौकीनों के लिए बारिश का सीजन सुहाना है ही, लेकिन इसने खतरे भी बढ़ा दिए हैं। फिसलन भरे पहाड़ों में सेल्फी लेने के चक्कर में युवा खुद को खतरे में डाल रहे हैं। सरायपाली से आगे शिशुपाल पहाड़ पर भी यही स्थिति है। खड़ी ढाल वाले इस पहाड़ पर अब जलप्रपात भी बन चुका है।

दैनिक भास्कर लेखक: भूपेश केशरवानी के अनुसार
पिछले पांच साल में यहां से गिरकर करीब लगभग 15 मौतें हो चुकी हैं। भास्कर टीम इस खतरे का जायजा लेने पहाड़ के ऊपर तक गई। यहां चढ़ते-चढ़ते सांस फूल गई और कई बार रुकना पड़ा। यहां कुछ दूर तक सीढ़ियां हैं मगर उसके आगे पत्थरों पर चलकर ही जाना पड़ा।

रास्ते भर युवा पर्यटक आते-जाते मिलते रहे। ऊपर एक बड़ा पथरीला मैदान जैसा इलाका है। यहीं से बारिश का पानी जलप्रपात के रूप में पहाड़ से 350 मीटर नीचे गिरता है। यहां से नीचे का नजारा बहुत भव्य है। लेकिन इस पहाड़ के किनारे जाना बेहद खतरनाक है। काई के कारण पत्थरों पर फिसलन बढ़ गई है।

पर लापरवाह युवा कगार के नजदीक तक पहुंचकर फोटो खिंचवाते नजर आए। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए न बोर्ड है न कोई रेलिंग। एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि एक बार युवाओं का एक दल यहां था। अचानक बारिश शुरू हो गई। इससे बचने सब दौड़ने लगे। इसी दौरान फिसलने से एक युवक नीचे गिर गया और उसकी जान चली गई थी। वन विभाग ने चढ़ाई की शुरुआत में ही एक बैरियर लगाया है,जहां 20 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जाता है।
रील बनाने के ट्रेंड से खतरे बढ़े हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पहाड़ पर रेलिंग लगाई जाएगी, जिससे आगे जाने पर प्रतिबंध लग सके। ऊपर चढ़ने में आसानी के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही हैं। – मयंक पांडे, डीएफओ, महासमुंद l



