Thursday, December 4, 2025
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छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में यह फल खाया जाता है शहरों की मंडियों में यह फल कम दिखता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह खूब चाव से खाया जाता है इस फल के अलग-अलग नाम!

छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में यह फल खाया जाता है शहरों की मंडियों में यह फल कम दिखता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह खूब चाव से खाया जाता है इस फल के अलग-अलग नाम!

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क्या आपने कभी कुसुम फल खाया है। अगर नहीं तो इस लेख को पढ़ने के बाद खाना शुरू कर देंगे। भारत के कई इलाकों में यह फल खाया जाता है। शहरों की मंडियों में यह फल कम दिखता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह खूब चाव से खाया जाता है। कुसुम का फल देखने में बेर की तरह होता है। यह स्वाद में खट्टा और मीठा दोनों होता है। इसके अंदर की संरचना बिल्कुल लीची की तरह होती है। जैसे लीची में एक कवर ऊपर होता है फिर उसके अंदर गूदा और फिर गूदे के अंदर बीज। वैसे ही कुसुम में होता है।    गांव वगैरह में इसके बड़े-बड़े पेड़ होते हैं। कुसुम का फल खाने से डायबिटीज, बालों का गंजापन, पेट के कीड़े मरना और कान में दर्द जैसी परेशानियां दूर होती हैं। आयुर्वेदा संजीवनी क्लीनिक के वरिष्ठ आयुर्वेदिक कंसल्टेंट एम मुफीक ने इस फल के कई फायदे बताए और नुकसान बताए। एम मुफीक के मुताबिक कुसुम का केवल फल ही फायदेमंद नहीं होता है बल्कि इसकी जड़, तेल, पत्ते व छाल भी उपयोग में लाए जाते हैं। डॉक्टर ने इस फल को खाने के फायदे और नुकसान दोनों बताए हैं।

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1. डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद
कुसुम का फल वैसे अक्सर गांव में बच्चों को खाते हुए देखा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों का ये पसंदीदा फल बड़ों के लिए भी कितना फायदेमंद है। कुसुम के फल में एंटी डायबिटीक प्रॉपर्टीज होती हैं। जिसे खाने से डायटिबिटक मरीजों को फायदा मिलता है। यह फल छोटों का ही नहीं बल्कि बड़ों का भी पसंदीदा फल है।

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बच्चों के लिए फायदेमंद
कुसुम का फल बच्चों का पसंदीदा फल है। यह बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद भी है। इसे खाने से बच्चों के पेट में कीडे की समस्या खत्म होती है। कुसुम का फल सीधे बच्चों को खिला देना चाहिए।

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3. गंजेपन को करे दूर
कुसुम के फल में अंदर एक बीज निकलता है। यह बीज बालों के लिए बहुत अच्छा है। फल खाने के बाद इसके बीज को फेंकें न। बल्कि इसका तेल निकलवाएं और उस तेल को सिर में लगाएं। इस तेल से बालों का झड़ना बंद हो जाता है। जिस जगह गंजापन है उस जगह पर रोजाना लगाएं। धीरे-धीरे बाल आने लगेंगे।

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4. कान के दर्द में सहायक
कुसुम का केवल फल ही फायदेमंद नहीं है बल्कि इसका तेल भी फायदेमंद है। इस फल का जो बीज निकलता है उसका तेल कान के दर्द में सहायक होता है। उस तेल में लहसुन मिलाकर गर्म कर लें, फिर ठंडा होने पर कान में डालें। इससे कान के दर्द में मदद मिलेगी।

5. अल्सर को करे ठीक
कुसुम के फल में विटामिन सी होता है। यह स्वाद में भी खट्टा मीठा होता है। इसके बीज के पाउडर को घाव में अल्सर में मदद करता है। कोई पुराना घाव भी इससे ठीक होता है। इसका फल एंटी बैक्टिरियल होता है जो कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है 

6. शरीर रखे साफ
कुसुम फल शरीर को डिटॉक्स करता है। अब गर्मियां आने वाली हैं और पेड़ पर यह फल भरपूर मात्रा में आएगा। कुसुम के फल के बीज से साबुन भी तैयार किया जाता है। जिससे नहाने से आपका शरीर साफ रहेगा।

7. जोड़ों के दर्द में करे मदद
इस फल को खाने से जोड़ों का दर्द खत्म हो जाता है। यह फल केवल स्वाद ही नहीं देता है बल्कि शरीर से रोगों को भी खत्म करता है। हिमालय के तराई क्षेत्रों में यह फल अधिक होता है।

8. माहवारी में उपयोगी
इस फल में रोगों को खत्म करने की ताकत होती है। यह माहवारी में मदद करता है। माहवारी के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। जैसे आम फल खाए जाते हैं वैसे ही इस फल को भी खाया जा सकता है। इसे खाने से बहुत अधिक नुकसान नहीं होता 

9. अंडकोष संबंधी रोग ((Scrotal Diseases)) करे ठीक
जिन लोगों को अंडकोष संबंधी रोग हो जाते हैं उन्हें यह कुसुम के फल बहुत फायदा पहुंचाते हैं। वृषण एरिया में पानी भरने पर उसमें मदद करते हैं।

10. चेहरे के लिए लाभदायक
इस फल को खाने से चेहरे से गैर जरूरी बाल हट जाते हैं। साथ ही चेहरा चमकने लगता है। चेहरे पर ग्लो आने लगता है। इस फल में विटामिन सी होता है और विटामिन सी चेहरे की खूबसरती को बढ़ाता है। इसके बीज का पाउडर जख्म वगैरह को ठीक करने में मदद करता है।

11. कैंसर में मददगार
डॉ मुफीक के मुताबिक इस फल में कैल्शियम, फाॉसफोरस, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसमें वैनेलिक एसिड पाया जाता है। यह फल एंटी-इंफलामेंट्री, एंटी कैंसर होने के कारण कैंसर को पनपने से रोकता है। एंटी-ऑक्सीडेंट होने के कारण यह कैंसर में मददगार है।

12. तनाव करे दूर
कुसुम का पेड़ हरा भरा होता है। इस वजह से इसे देखने मात्र से किसी का मन उदास मन खुश हो सकता है। प्लांट थेरेपी में पौधों की सेवा की जाती है ताकि उनसे मनुष्यों की सेवा की जा सके। आजकल लोग घर में भी पौधे रखते हैं वो सिर्फ इसलिए ताकि उनका मन उदास न हो। प्लांट थेरेपी अवसाद, चिंता, डर आदि में काम आती है।

13. पत्तियों का उपयोग
कुसुम के पेड़ की पत्तियां जानवरों का भोजन बनती हैं। इसका केवल फल ही नहीं बल्कि पत्तियां, छाल भी इस्तेमाल लाई जाती है। यह पेड़ सैंपिनडेएसी परिवार का है।

कुसुम फल को खाने के नुकसान
कुसुम फल को बच्चे से लेकर बड़े सभी बड़े चाव से खाते हैं। लेकिन इसके अधिक इस्तेमाल से पेट खराब हो सकता है। तो वहीं विटामिन सी के गुणों से भरपूर यह फल गले में दर्द भी पैदा कर सकता है। इसलिए नियंत्रित रूप से फल को खाएं। दिक्कत होने पर डॉक्टर को दिखाएं।

आयुर्वेद में कुसुम फल की स्थिति
डॉ एम मुफीक के मुताबिक कुसुम फल के बारे में थनवंतरी निघंटू शास्त्र में लिखा गया है। इसका स्वाद अम्लीय होता है। इसे सिद्धा मेडिसन में उपयोग किया जाता है। इसके फल के अलावा बीज का भी उपयोग किया जातै है। इसके तेल को कुसुम ऑयल कहा जाता है। नियोग्रोदाधि काढ़ा के फॉर्मुलेश में इस फल का इस्तेमाल होता है। इसके तेल को मैकासर ऑयल ट्री कहा जाता है। इसका गुण गुरु है। यह इस्तेमाल करने में भारी होता है। यह गर्म होता है। यह फल खाने के बाद पेट में कटु रस में बदलता है। यह कफ पित्त को शांत करता है। इसमें कुछ साइटो कॉस्टीटेंड पाए जाते हैं। हिमालयन के नेपाल का तराई इलाका है वहां यह पाया जाता है। बॉटेनिकल नाम स्लेयीचेराओलियोसा। सैंपिएंडिएसी फैमिली है।

इस फल के अलग-अलग नाम
बंगाली में कुसुम या जैना

हिंदी में कुसुम

तेलुगु में पोस्कु, बुसी, पुस्कु, कोसांगी

मराठी में कुसुंब

गुजराती में कोसंब

तमिल में कुंबादिरी

मलयालम में कोट्टिलै

कन्नड में कुसुमा या ककोटा

छत्तीसगढ़ में कोस्सुम, कोसम

इस फल को नियंत्रित रूप से खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। यह फल हिमालय के तराई क्षेत्रों में पाया जाता है। इस फल को खाने से हड्डियों का दर्द, कान का दर्द, बालों के लिए कई तरह की मदद पहुंचाते हैं। कुसुम फल को हर जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है। यह खाने में जितना स्वादिष्ट है उतना ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

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