Sunday, August 10, 2025
छत्तीसगढ़"छत्तीसगढ़ में शुरू होगी गौधाम योजना: चरवाहों को 10,916 और गौसेवकों को...

“छत्तीसगढ़ में शुरू होगी गौधाम योजना: चरवाहों को 10,916 और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह, पशु संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा”

“छत्तीसगढ़ में शुरू होगी गौधाम योजना: चरवाहों को 10,916 और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह, पशु संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा”

WhatsApp Image 2025-08-01 at 10.11.16_1ce91489
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.59.00_240c1c96
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.57.31_1609a3ec

“गौधाम योजना में पशुओं के लिए पहले साल 10, दूसरे साल 20, तीसरे साल 30 और चौथे साल 35 रुपए प्रतिदिन”

रायपुर : छत्तीसगढ़ में ‘गौधाम योजना’ की शुरुआत – पशुधन सुरक्षा, नस्ल सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल

रायपुर, 09 अगस्त 2025

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और पशुधन संरक्षण को नई दिशा देने के लिए गौधाम योजना की शुरुआत करने जा रही है। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल पशुधन की सुरक्षा और नस्ल सुधार को बढ़ावा देगी, बल्कि जैविक खेती, चारा विकास और गौ-आधारित उद्योगों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी। योजना का स्वरूप इस तरह तैयार किया गया है कि निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल के साथ-साथ चरवाहों और गौसेवकों को नियमित आय का स्थायी स्रोत उपलब्ध हो, जिससे ग्रामीण जीवन में आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता आ सके। गौधाम योजना के ड्राफ्ट को वित्त एवं पशुधन विकास विभाग से भी मंजूरी मिल चुकी है।

गौधाम योजना का उद्देश्य गौवंशीय पशुओं का वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण एवं संवर्धन करना, गौ-उत्पादों को बढ़ावा देना, चारा विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना, गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित करना, ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना तथा फसलों के नुकसान और दुर्घटनाओं में पशु एवं जनहानि से बचाव सुनिश्चित करना है।

अवैध तस्करी और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा पर विशेष फोकस*

पशुधन विकास विभाग ने यह योजना विशेष रूप से तस्करी या अवैध परिवहन में पकड़े गए पशुओं और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार की है। राज्य में अवैध पशु तस्करी एवं परिवहन पर पहले से रोक है। अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस कार्रवाई में बड़ी संख्या में गौवंशीय पशु जब्त होते हैं। इन पशुओं और घुमंतु पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए ही यह योजना शुरू की जा रही है। प्रत्येक गौधाम में क्षमता के अनुसार अधिकतम 200 गौवंशीय पशु रखे जा सकेंगे।

गौधाम योजना के तहत चरवाहों को 10,916 रुपए प्रतिमाह और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही मवेशियों के चारे के लिए प्रतिदिन निर्धारित राशि प्रदान की जाएगी। उत्कृष्ट गौधाम को वहां रहने वाले प्रत्येक पशु के लिए पहले वर्ष 10 रुपए प्रतिदिन, दूसरे वर्ष 20 रुपए प्रतिदिन, तीसरे वर्ष 30 रुपए प्रतिदिन और चौथे वर्ष 35 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। योजना के लिए बजट, नियम और शर्तें तय कर दी गई हैं, ताकि संचालन में किसी तरह की परेशानी न हो।

मुख्यमंत्री श्री साय – “पशुधन की सुरक्षा और गांवों में रोजगार बढ़ाएगी गौधाम योजना”

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि गौधाम योजना से प्रदेश में पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और बड़ी संख्या में चरवाहों एवं गौसेवकों को नियमित आय का साधन मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पशुओं की नस्ल सुधार कर उन्हें अधिक दूध देने और खेती-किसानी में पूरी क्षमता से उपयोग करने योग्य बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में जैविक खेती और चारा विकास कार्यक्रमों को भी गति मिलेगी, जिससे ग्राम स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांवों की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी।

गौधाम की स्थापना के लिए चयनित होगी उपयुक्त शासकीय भूमि

ऐसी शासकीय भूमि, जहां सुरक्षित बाड़ा, पशुओं के शेड, पर्याप्त पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध हो, वहीं गौधाम की स्थापना की जाएगी। जिन गौठानों में पहले से अधोसंरचना विकसित है, वहां उपलब्धता के आधार पर गौठान से सटे चारागाह की भूमि को हरा चारा उत्पादन के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा, यदि आसपास की पंजीकृत गौशाला की समिति संचालन हेतु असहमति व्यक्त करती है, तो अन्य स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी या सहकारी समिति संचालन के लिए आवेदन कर सकेगी।

जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर गौधाम स्थापित किए जाएंगे, जो पंजीकृत गौशालाओं से भिन्न होंगे। पहले चरण में छत्तीसगढ़ के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गौधाम स्थापित किए जाएंगे। जिला स्तरीय समिति प्राप्त आवेदनों का तुलनात्मक अध्ययन कर चयनित संस्था का नाम छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग को भेजेगी। मंजूरी के बाद चयनित संस्था और आयोग के बीच करार होगा, जिसके पश्चात गौधाम का संचालन उस संस्था को सौंपा जाएगा।

गोबर खरीदी नहीं होगी, चारा विकास को मिलेगा प्रोत्साहन

गौधाम में गोबर खरीदी नहीं होगी, पशुओं के गोबर का उपयोग चरवाहा स्वयं करेगा। यहां निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं को ही रखा जाएगा और उनका वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण एवं संवर्धन होगा। संचालन में गौशालाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य गौ सेवा आयोग में पंजीकृत गौशाला की समिति, स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनी और सहकारी समिति संचालन के लिए पात्र होंगी। गौधाम को वहां रहने वाले पशुओं की संख्या के आधार पर राशि दी जाएगी। गौधाम से सटी भूमि पर चारा विकास के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी—एक एकड़ में चारा विकास कार्यक्रम पर 47,000 रुपए और पांच एकड़ के लिए 2,85,000 रुपए का प्रावधान है।

गौधाम बनेंगे प्रशिक्षण केंद्र, बढ़ावा मिलेगा गौ उत्पादों को

प्रत्येक गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। संचालनकर्ता समिति या संस्था ग्रामीणों को गौ-उत्पाद विषय पर प्रशिक्षण देगी और उन्हें गौ-आधारित खेती के लिए प्रेरित करेगी। इसके साथ ही गोबर और गौमूत्र से केंचुआ खाद, कीट नियंत्रक, गौ काष्ठ, गोनोइल, दीया, दंतमंजन, अगरबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण, उत्पादन और बिक्री के लिए भी गौधाम एक माध्यम बनेंगे।

spot_img
spot_img
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.58.59_16c64a20
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.58.59_3be423df
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.59.00_bcc6eb55
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.59.01_9614af11
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.59.00_94b98c37
WhatsApp Image 2025-08-01 at 09.59.01_6e96dcfe
RECENT POSTS

छत्तीसगढ़ : नक्सलवाद के खात्मे के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी – उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ : नक्सलवाद के खात्मे के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी – उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा   अंदरूनी इलाकों में सड़क और भवन...

हेल्थ प्लस

बसना: अग्रवाल नर्सिंग होम में 8 अगस्त को यूटोलॉजी कैंप, किडनी और पथरी के मरीजों को मिलेगा समुचित इलाज

  बसना, जिला महासमुंद | 6 अगस्त 2025: बसना स्थित अग्रवाल नर्सिंग होम में आगामी शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे से विशेष यूटोलॉजी...